जयपुर. केबिनेट मंत्री के निजी सहायक को दुष्कर्म (Rape) और आत्महत्या की धमकी देकर रुपए मांगने वाली बहनों की अग्रिम जमानत याचिका (bail plea) को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.
न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह के समक्ष आरोपी गरिमा और प्रियंका की ओर से कहा गया कि उन्हें निचली अदालत में समर्पण की छूट देते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए.
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अदालत ने कहा है कि समर्पण के बाद अगर आरोपियों की ओर से निचली अदालत में जमानत अर्जी पेश की जाती है तो अदालत उसका तत्काल निस्तारण करे.
ये है पूरा मामला
सरकारी वकील मंगल सिंह ने बताया कि आरोपी बहनों ने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह के निजी सचिव बृजलाल प्रजापत से नजदीकियां बनाकर उससे अलग-अलग बार में कुल 69 हजार रुपए ले लिए और उसकी कार का कई दिनों तक इस्तेमाल किया. वहीं बाद में रुपए नहीं देने पर दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले में फंसाने की धमकी दी. इस पर बृजलाल ने सोडाला थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई थी.