जयपुर. न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से दायर जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता माधव मित्र ने अदालत को बताया कि आरोपी के खिलाफ 30 जून को अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाने में याचिकाकर्ता की नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
पीड़िता के 2 जुलाई को मजिस्ट्रेट के समक्ष भी बयान हो चुके हैं. वहीं 10 जुलाई को स्थानीय पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को सामाजिक प्रतिष्ठा और राजनीतिक छवि धूमिल होने के आधार पर अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि निचली अदालत को अपराध की प्रकृति देखनी चाहिए थी ना कि आरोपी की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति. ऐसे में आरोपी को मिली अग्रिम जमानत को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.