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तय योग्यता होने के बाद भी बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश क्यों नहीं दिया - हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 28 फरवरी 2013 को अधिसूचना जारी कर बीएससी हॉर्टीकल्चर को बीएससी कृषि के समान ही माना है. ऐसे में उसे पाठ्यक्रम में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता.

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Published : Feb 5, 2021, 9:37 PM IST

High Court Jaipur bench case,  High Court Admission in B.Ed course,  High Court verdict on BSC Horticulture
पीटीईटी समन्वयक को हाईकोर्ट का नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी हॉर्टीकल्चर की योग्यता होने के बावजूद भी अभ्यर्थी को बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने पर पीटीईटी समन्वयक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने निजी कॉलेज को कहा है कि वह अभ्यर्थी का बीएड में प्रवेश रद्द न करें. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश धर्मवीर चौधरी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पीटीईटी-2020 में सफल हुआ था. जिसके बाद उसे बीएड पाठ्यक्रम के लिए शहर का निजी कॉलेज आवंटित हो गया. वहीं दस्तावेज सत्यापन के बाद उसे यह कहते हुए पाठ्यक्रम में प्रवेश देने से इनकार कर दिया कि उसने हॉर्टीकल्चर से बीएससी पास की है.

पढ़ें- प्री बजट बैठक : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया भरोसा...कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देगा प्रदेश का बजट

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 28 फरवरी 2013 को अधिसूचना जारी कर बीएससी हॉर्टीकल्चर को बीएससी कृषि के समान ही माना है. ऐसे में उसे पाठ्यक्रम में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी हॉर्टीकल्चर की योग्यता होने के बावजूद भी अभ्यर्थी को बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देने पर पीटीईटी समन्वयक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने निजी कॉलेज को कहा है कि वह अभ्यर्थी का बीएड में प्रवेश रद्द न करें. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश धर्मवीर चौधरी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पीटीईटी-2020 में सफल हुआ था. जिसके बाद उसे बीएड पाठ्यक्रम के लिए शहर का निजी कॉलेज आवंटित हो गया. वहीं दस्तावेज सत्यापन के बाद उसे यह कहते हुए पाठ्यक्रम में प्रवेश देने से इनकार कर दिया कि उसने हॉर्टीकल्चर से बीएससी पास की है.

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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 28 फरवरी 2013 को अधिसूचना जारी कर बीएससी हॉर्टीकल्चर को बीएससी कृषि के समान ही माना है. ऐसे में उसे पाठ्यक्रम में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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