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जेडीए और नगर निगम कोचिंग इंस्टीट्यूट में फायर सेफ्टी नियमों की पालना पर दें शपथ पत्र- हाईकोर्ट

जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए, जयपुर नगर निगम और चीफ फायर ऑफिसर से जयपुर की सभी जोन में फायर सेफ्टी संसाधनों के बिना और बिल्डिंग नियमों की अवेहलना कर चल रहे कोचिंग इंस्टीट्यूट को लेकर शपथ-पत्र देने को कहा है.

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Published : Nov 14, 2019, 7:21 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए, जयपुर नगर निगम और चीफ फायर ऑफिसर से जयपुर की सभी जोन में फायर सेफ्टी संसाधनों के बिना और बिल्डिंग नियमों की अवेहलना कर चल रहे कोचिंग इंस्टीट्यूट को लेकर शपथ-पत्र देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश जवाब दो सरकार संस्था की जनहित याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर में फायर सेफ्टी नियमों की पालना पर शपथ पत्र मंगा है

याचिका में कहा है कि जयपुर में चल रहे अधिकांश कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल्डिंग बॉयलॉज के विपरीत चल रहे है. इनमें फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है. जबकि नियमों के अनुसार 15 मीटर से ऊंची इमारत में फायर सेफ्टी एनओसी जरुरी है. इस कारण इन इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले लाखों छात्रों की जान को खतरा बना हुआ है.

पढ़ेंः उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चलाई साइकिल...कहा, पर्यावरण सुधारने के लिए हर किसी को देना चाहिए योगदान

इसी कारण गत दिनों सूरत के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने के कारण 23 छात्रों की मौत हो गई थी. इंस्टीट्यूट में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं है. कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बेसमेंट में चल रहे है. शहर के गोपालपुरा बाईपास, मानसरोवर, विद्याद्यर नगर और वैशाली नगर सहित अन्य आवासीय इलाकों में अधिकांश इंस्टीट्यूट संचालित हो रहे है.

एडवोकेट आदित्य जैन ने बताया कि बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से पेश चैक लिस्ट के अनुसार उन्होंने स्वयं माना है कि उनके पास ना फायर सेफ्टी के इंतजाम है और ना ही वह बिल्डिंग बॉयलॉज का पालना कर रहे है. इस पर अदालत ने लाखों छात्रों की जान के लिए खतरा बने ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट को सील नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही जेडीए और नगर निगम सहित चीफ फायर ऑफिसर को दो सप्ताह में जयपुर की सभी जोन के संबंध में शपथ-पत्र और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए, जयपुर नगर निगम और चीफ फायर ऑफिसर से जयपुर की सभी जोन में फायर सेफ्टी संसाधनों के बिना और बिल्डिंग नियमों की अवेहलना कर चल रहे कोचिंग इंस्टीट्यूट को लेकर शपथ-पत्र देने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश जवाब दो सरकार संस्था की जनहित याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर में फायर सेफ्टी नियमों की पालना पर शपथ पत्र मंगा है

याचिका में कहा है कि जयपुर में चल रहे अधिकांश कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल्डिंग बॉयलॉज के विपरीत चल रहे है. इनमें फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है. जबकि नियमों के अनुसार 15 मीटर से ऊंची इमारत में फायर सेफ्टी एनओसी जरुरी है. इस कारण इन इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले लाखों छात्रों की जान को खतरा बना हुआ है.

पढ़ेंः उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चलाई साइकिल...कहा, पर्यावरण सुधारने के लिए हर किसी को देना चाहिए योगदान

इसी कारण गत दिनों सूरत के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने के कारण 23 छात्रों की मौत हो गई थी. इंस्टीट्यूट में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं है. कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बेसमेंट में चल रहे है. शहर के गोपालपुरा बाईपास, मानसरोवर, विद्याद्यर नगर और वैशाली नगर सहित अन्य आवासीय इलाकों में अधिकांश इंस्टीट्यूट संचालित हो रहे है.

एडवोकेट आदित्य जैन ने बताया कि बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से पेश चैक लिस्ट के अनुसार उन्होंने स्वयं माना है कि उनके पास ना फायर सेफ्टी के इंतजाम है और ना ही वह बिल्डिंग बॉयलॉज का पालना कर रहे है. इस पर अदालत ने लाखों छात्रों की जान के लिए खतरा बने ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट को सील नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही जेडीए और नगर निगम सहित चीफ फायर ऑफिसर को दो सप्ताह में जयपुर की सभी जोन के संबंध में शपथ-पत्र और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता के वकील आदित्य जैन की बाईट

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए, जयपुर नगर निगम और चीफ फायर ऑफिसर से जयपुर की सभी जोन में फायर सेफ्टी संसाधनों के बिना और बिल्डिंग नियमों की अवेहलना कर चल रहे कोचिंग इंस्टीट्यूट को लेकर शपथ-पत्र देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश जवाब दो सरकार संस्था की जनहित याचिका पर दिए।Body:याचिका में कहा है कि जयपुर में चल रहे अधिकांश कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल्डिंग बॉयलॉज के विपरीत चल रहे हैं। इनमें फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं हैं। जबकि नियमों के अनुसार 15 मीटर से ऊंची इमारत में फायर सेफ्टी एनओसी जरुरी हैं। इस कारण इन इंस्टीट्यूट में पढने वाले लाखों छात्रों की जान को खतरा बना हुआ है। इसी कारण गत दिनों सूरत के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने के कारण 23 छात्रों की मौत हो गई थी। इंस्टीट्यूट में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं हैं। कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बेसमेंट में चल रहे हैं। शहर के गोपालपुरा बाईपास, मानसरोवर, विद्याद्यर नगर और वैशाली नगर सहित अन्य आवासीय इलाकों में अधिकांश इंस्टीट्यूट संचालित हो रहे हैं।
एडवोकेट आदित्य जैन ने बताया कि बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से पेश चैक लिस्ट के अनुसार उन्होंने स्वयं माना है कि उनके पास ना फायर सेफ्टी के इंतजाम हैं और ना ही वह बिल्डिंग बॉयलॉज का पालना कर रहे हैं। इस पर अदालत ने लाखों छात्रों की जान के लिए खतरा बने ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट को सील नहीं करने पर नाराजगी जताई है और जेडीए व नगर निगम सहित चीफ फायर ऑफिसर को दो सप्ताह में जयपुर की सभी जोन के संबंध में शपथ-पत्र और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।Conclusion:
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