जयपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2 दिन के राजस्थान दौरे (Amit Shah 2 Day Tour Of Rajasthan) पर हैं. पूरे दौरे में इस दौरान अमित शाह के साथ राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat With Amit Shah In Jaisalmer) ही उनके साथ-साथ हैं.
जैसलमेर से लेकर जयपुर (From Jaipur To Jaisalmer) तक हर कार्यक्रम में शेखावत की मौजूदगी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय भी है. वहीं इसे एक सियासी संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो संभवतया पार्टी आलाकमान राजस्थान भाजपा को देना चाहता हो.
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दौरे में हरदम साथ रहे शेखावत
शनिवार को जैसलमेर से शुरू हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पूरे दौरे के दौरान राजस्थान से एकमात्र नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उनके साथ रहे हर कार्यक्रम में साथ रहे. उनका यह सफर जयपुर तक जारी रहेगा. इस दौरान अमित शाह ने राजस्थान में प्रदेश भाजपा से जुड़े अलग-अलग नेताओं का पूरा फीडबैक भी शेखावत के जरिए ही जुटाया. बताया जा रहा है कि राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक हालातों की जानकारी लेने के साथ ही पार्टी की मौजूदा स्थिति और राजस्थान में गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद ऊपजे हालातों की भी जानकारी ली.
प्रदेश नेताओं में बढ़ा शेखावत का सियासी कद
राजस्थान से मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों में एकमात्र गजेंद्र सिंह शेखावत को ही अमित शाह ने अपने साथ (Gajendra Singh Shekhawat With Amit Shah In Jaisalmer) रखा, जबकि राजस्थान से ही अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी भी मंत्री हैं. साथ ही बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र तो कैलाश चौधरी का ही संसदीय क्षेत्र है, लेकिन फिर भी पूरे दौरे में शाह के साथ शेखावत ही रहे. ऐसे में राजस्थान की राजनीति में गजेंद्र सिंह शेखावत का सियासी कद यकीनन बढ़ा है. वहीं, केंद्र सरकार में भी उनके बढ़ते प्रभाव का संकेत मिला है.
शेखावत के जरिए क्या आलाकमान देना चाह रहा कुछ संदेश
चर्चा इस बात की भी है कि जिस तरह गजेंद्र सिंह शेखावत इस पूरे दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ दिखे, वह इस बात का भी संकेत है कि खुद पार्टी आलाकमान शायद इसके जरिए राजस्थान भाजपा के नेताओं को कुछ सियासी संदेश (Hidden Message In Amit Shah Rajasthan Trip) देना चाहते हो. यह संदेश साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Chunav 2023) को लेकर भी हो सकता है तो वही पार्टी में चल रही संभावित चेहरों की लड़ाई थामने के लिए भी हो सकता है. संभावना यही है कि पार्टी आलाकमान भी चाहता है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान भाजपा के सभी नेता मतभेद भुलाकर एकजुट हो जाए.