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SPECIAL : जिस बेटी के जन्म पर पिता ने घर छोड़ा...उसी बेटी ने योग के जरिये बदली पिता और समाज की सोच

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको एक ऐसी बेटी की कहानी दिखाने जा रहे हैं जिसके पैदा होने पर पिता ने मुंह मोड़ लिया था. ये कहानी है हेमलता की. हेमलता के पिता को एक के बाद एक चार संतानें बेटियां हो गई थीं. चौथी बेटी हेमलता पैदा हुई तो वे मायूस होकर महादेव के मंदिर में जा बैठे. वही बेटी हेमलता आज पिता का गर्व बन गई.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
पिता की सोच को बदला हेमलता ने
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Published : Mar 8, 2021, 4:07 AM IST

जयपुर. कहते हैं बेटियां बेटों कम नहीं होतीं. लेकिन कई बार समाज में बेटियों को वो सम्मान नहीं मिलता जिसकी वे हकदार होती हैं. कई बार ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं जिसमें जन्म देने वाले माता-पिता ही बेटियों से मुंह मोड़ लेते हैं. देखिये ये खास रिपोर्ट...

हेमलता ने अपनी सफलता से पिता और समाज, दोनों की सोच को बदला

अंतरष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको एक ऐसी बेटी की कहानी बताते हैं जिसके पैदा होने पर पिता ने मुंह मोड़ लिया था. उनके एक के बाद एक चार संतानें बेटियां हो गई थीं. चौथी बेटी पैदा हुई तो वे मायूस होकर महादेव के मंदिर में जा बैठे. आज वही बिटिया पिता के सम्मान का बुलंद सितारा बनकर चमक रही है. इसी बेटी ने अपनी सफलताओं से पिता का सिर ऊंचा किया.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
कई बार हुई सम्मानित, कई पुरस्कार मिले

योगिनी हेमलता की प्रेरक कहानी

ये कहानी है हेमलता शर्मा की. हेमलता का जन्म पुष्कर के एक गांव मनहेड़ा में 14 फरवरी 1976 को हुआ था. हेमलता हाल ही में कोरोना काल के दौरान लगातार 12 घंटे से ज्यादा समय तक योग कर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा कर सुर्खियों में आईं. इसके अलावा योगिनी हेमलता शर्मा को 2019-दिवालिसिअस नॉर्थ इंडिया यूनिवर्स अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
महिलाओं को योग से जोड़ रही हैं हेमलता

पिता की सोच को बदल दिया हेमलता ने

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम हेमलता शर्मा की बात इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि हेमलता उन माता-पिता के लिए एक उदाहरण हैं जो बेटियों को बोझ समझते हैं. उन्हें लगता है कि समाज में बेटे ही नाम रोशन करते हैं. हेमलता के पहले से तीन बहनें थीं. चौथे नंबर पर जब लड़की पैदा हुई तो पिता राधेश्याम मायूस हो गये. वे इतना उदास हुए कि घर छोड़कर मंदिर में जा बैठे.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
हेमलता ने दिया खूबसूरत संदेश

पढ़ें- महिला दिवस: कभी मैला ढोने वाली उषा चोमर आज बनी सेलिब्रिटी, कहा- पढ़ाई करने से लोगों की सोच बदलती है

उन्हें लगा कि चार बेटियों का लालन-पालन कैसे होगा. कोई बेटा होता तो उनकी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेता. नाम रोशन करता. मायूस पिता को बुआ ने समझाया और वे घर लौट आए. हेमलता जब छोटी थी तब उन्हें पता चला कि उनके जन्म पर पिता घर छोड़कर चले गए थे. यह बात हेमलता के कोमल मन पर इस कदर चुभी कि उसने ठान लिया कि जीवन में कुछ करके दिखाएगी.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
बेटी के जन्म पर पिता ने छोड़ दिया था घर

बचपन से ही प्रतिभावान थी हेमलता

हेमलता स्कूल के दिनों से ही प्रतिभावान थी. स्कूल-कॉलेज में होने वाले कॉम्पिटिशन में अव्वल आने के बाद भी उसके मन में ये बेचैनी बनी रही कि समाज में नजीर कैसे बने. हेमलता की शादी भी हो गई. शादी के बाद भी वह अपने लक्ष्य को लेकर चिंतित रहती. पति उमेश शर्मा के सहयोग से हेमलता ने योग के क्षेत्र में कदम रखा.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
योग के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है हेमलता को

हेमलता बताती हैं कि जब वे योग करने लगीं समझ आया कि महिलाएं योग के क्षेत्र में खुलकर नहीं आ रही हैं. हेमलता ने गांव-गांव ढाणी-ढाणी और अलग-अलग शहरों में जाकर निशुल्क योग शिवर लगाए. उन्होंने महिला योग पर जोर दिया और महिलाओं और बच्चियों को योग के लिए जागरूक किया.

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रेरक कहानी

हेमलता ने कोरोना काल में योग को सोशल मिडिया के जरिये भी लोगों तक पहुंचाया. इसके साथ 12 घंटे से ज्यादा लगातार योग कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया.

हेमलता की सफलताएं

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
ये हैं हेमलता की सफलताएं

पढ़ें- Womens Day Special: इस महिला पुलिस अधिकारी ने आसाराम को पहुंचाया था सलाखों के पीछे

अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड जीते

हेमलता ने अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड हासिल किए हैं. राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी हेमलता ने अपनी पहचान बनाई है. बेटी की सफलता से आज पिता फूले नहीं समाते. वे कहते हैं कि उस वक्त मैं ये समझ बैठा था कि बेटियां पिता के कन्धों का बोझ होती हैं. लेकिन आज जब हेमलता की सफलता को देखता हूं तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.

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आज योग के जरिये दुनिया में परचम फहरा रही हैं हेमलता

बेटी के नाम से पिता की पहचान

हेमलता के पिता कहते हैं कि समाज मुझे लोग हेमलता के पिता के नाम से पहचानते हैं. हेमलता की मां कमला देवी बताती हैं कि जब हेमा पैदा हुई थी तो पास वाले बेड पर एक महिला ने लड़के ने जन्म लिया था. उनके पहले से चार बेटे थे. तब उन्होंने कमला पर तरस खाकर कहा था कि आप अपनी बेटी मेरे बेटे से बदल लीजिये. लेकिन कमला तैयार नहीं हुईं. हेमलता ने आज साबित कर दिया कि बेटियां बेटों से कम नहीं होतीं.

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12 घंटे से भी ज्यादा समय तक योग सिखाने का रिकॉर्ड

हेमलता अब हर बेटी को योग से जोड़ना चाहती हैं. हेमलता कहती हैं कि वे लड़कियों को निशुल्क भी योग सिखाती हैं. हेमलता ने अपनी अथक मेहनत और लगन से ये साबित किया है कि बेटियां पिता के कंधों का बोझ नहीं होतीं, बल्कि पिता से सिर को गुरूर से ऊंचा उठा सकती हैं.

जयपुर. कहते हैं बेटियां बेटों कम नहीं होतीं. लेकिन कई बार समाज में बेटियों को वो सम्मान नहीं मिलता जिसकी वे हकदार होती हैं. कई बार ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं जिसमें जन्म देने वाले माता-पिता ही बेटियों से मुंह मोड़ लेते हैं. देखिये ये खास रिपोर्ट...

हेमलता ने अपनी सफलता से पिता और समाज, दोनों की सोच को बदला

अंतरष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको एक ऐसी बेटी की कहानी बताते हैं जिसके पैदा होने पर पिता ने मुंह मोड़ लिया था. उनके एक के बाद एक चार संतानें बेटियां हो गई थीं. चौथी बेटी पैदा हुई तो वे मायूस होकर महादेव के मंदिर में जा बैठे. आज वही बिटिया पिता के सम्मान का बुलंद सितारा बनकर चमक रही है. इसी बेटी ने अपनी सफलताओं से पिता का सिर ऊंचा किया.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
कई बार हुई सम्मानित, कई पुरस्कार मिले

योगिनी हेमलता की प्रेरक कहानी

ये कहानी है हेमलता शर्मा की. हेमलता का जन्म पुष्कर के एक गांव मनहेड़ा में 14 फरवरी 1976 को हुआ था. हेमलता हाल ही में कोरोना काल के दौरान लगातार 12 घंटे से ज्यादा समय तक योग कर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा कर सुर्खियों में आईं. इसके अलावा योगिनी हेमलता शर्मा को 2019-दिवालिसिअस नॉर्थ इंडिया यूनिवर्स अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
महिलाओं को योग से जोड़ रही हैं हेमलता

पिता की सोच को बदल दिया हेमलता ने

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम हेमलता शर्मा की बात इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि हेमलता उन माता-पिता के लिए एक उदाहरण हैं जो बेटियों को बोझ समझते हैं. उन्हें लगता है कि समाज में बेटे ही नाम रोशन करते हैं. हेमलता के पहले से तीन बहनें थीं. चौथे नंबर पर जब लड़की पैदा हुई तो पिता राधेश्याम मायूस हो गये. वे इतना उदास हुए कि घर छोड़कर मंदिर में जा बैठे.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
हेमलता ने दिया खूबसूरत संदेश

पढ़ें- महिला दिवस: कभी मैला ढोने वाली उषा चोमर आज बनी सेलिब्रिटी, कहा- पढ़ाई करने से लोगों की सोच बदलती है

उन्हें लगा कि चार बेटियों का लालन-पालन कैसे होगा. कोई बेटा होता तो उनकी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेता. नाम रोशन करता. मायूस पिता को बुआ ने समझाया और वे घर लौट आए. हेमलता जब छोटी थी तब उन्हें पता चला कि उनके जन्म पर पिता घर छोड़कर चले गए थे. यह बात हेमलता के कोमल मन पर इस कदर चुभी कि उसने ठान लिया कि जीवन में कुछ करके दिखाएगी.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
बेटी के जन्म पर पिता ने छोड़ दिया था घर

बचपन से ही प्रतिभावान थी हेमलता

हेमलता स्कूल के दिनों से ही प्रतिभावान थी. स्कूल-कॉलेज में होने वाले कॉम्पिटिशन में अव्वल आने के बाद भी उसके मन में ये बेचैनी बनी रही कि समाज में नजीर कैसे बने. हेमलता की शादी भी हो गई. शादी के बाद भी वह अपने लक्ष्य को लेकर चिंतित रहती. पति उमेश शर्मा के सहयोग से हेमलता ने योग के क्षेत्र में कदम रखा.

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योग के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है हेमलता को

हेमलता बताती हैं कि जब वे योग करने लगीं समझ आया कि महिलाएं योग के क्षेत्र में खुलकर नहीं आ रही हैं. हेमलता ने गांव-गांव ढाणी-ढाणी और अलग-अलग शहरों में जाकर निशुल्क योग शिवर लगाए. उन्होंने महिला योग पर जोर दिया और महिलाओं और बच्चियों को योग के लिए जागरूक किया.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रेरक कहानी

हेमलता ने कोरोना काल में योग को सोशल मिडिया के जरिये भी लोगों तक पहुंचाया. इसके साथ 12 घंटे से ज्यादा लगातार योग कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया.

हेमलता की सफलताएं

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
ये हैं हेमलता की सफलताएं

पढ़ें- Womens Day Special: इस महिला पुलिस अधिकारी ने आसाराम को पहुंचाया था सलाखों के पीछे

अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड जीते

हेमलता ने अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड हासिल किए हैं. राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी हेमलता ने अपनी पहचान बनाई है. बेटी की सफलता से आज पिता फूले नहीं समाते. वे कहते हैं कि उस वक्त मैं ये समझ बैठा था कि बेटियां पिता के कन्धों का बोझ होती हैं. लेकिन आज जब हेमलता की सफलता को देखता हूं तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.

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आज योग के जरिये दुनिया में परचम फहरा रही हैं हेमलता

बेटी के नाम से पिता की पहचान

हेमलता के पिता कहते हैं कि समाज मुझे लोग हेमलता के पिता के नाम से पहचानते हैं. हेमलता की मां कमला देवी बताती हैं कि जब हेमा पैदा हुई थी तो पास वाले बेड पर एक महिला ने लड़के ने जन्म लिया था. उनके पहले से चार बेटे थे. तब उन्होंने कमला पर तरस खाकर कहा था कि आप अपनी बेटी मेरे बेटे से बदल लीजिये. लेकिन कमला तैयार नहीं हुईं. हेमलता ने आज साबित कर दिया कि बेटियां बेटों से कम नहीं होतीं.

Story of Yogini Hemlata Sharma,  Yogi Hemlata active in the field of yoga, International Women's Day
12 घंटे से भी ज्यादा समय तक योग सिखाने का रिकॉर्ड

हेमलता अब हर बेटी को योग से जोड़ना चाहती हैं. हेमलता कहती हैं कि वे लड़कियों को निशुल्क भी योग सिखाती हैं. हेमलता ने अपनी अथक मेहनत और लगन से ये साबित किया है कि बेटियां पिता के कंधों का बोझ नहीं होतीं, बल्कि पिता से सिर को गुरूर से ऊंचा उठा सकती हैं.

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