जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अभी तक 2500 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. सरकार ने दावा किया है कि इनमें से अधिकतर मरीज पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. सरकार की ओर से मौत के आंकड़ों को लेकर ऑडिट भी करवाई गई थी, जिसमें यह निकल कर आया था कि 40 फीसदी से अधिक ऐसे मरीजों की मौत हुई है जो ह्रदय रोग से पीड़ित थे.
जयपुर के ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरव सिंघल का कहना है कि यह देखने को मिला है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ऐसे मरीजों की मौत अधिक हो रही है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. खासकर ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों की मौत सबसे अधिक देखने को मिली है.
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डॉक्टर सिंघल ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ह्रदय रोग से जुड़े रोगी अपना विशेष ख्याल रखें क्योंकि पहले से पीड़ित किसी भी गंभीर बीमारी के मरीज को कोरोना संक्रमण आसानी से हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि ह्रदय रोग से जुड़ा मरीज कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आता है तो उसे अपनी ह्रदय रोग से जुड़ी दवाइयों को नहीं छोड़ना चाहिए. यदि मरीज कोविड-19 दवाओं के साथ साथ हृदय रोग से जुड़ी दवाइयां भी लगातार लेता रहता है तो उसमें हार्ट अटैक आने की संभावना काफी कम रह जाती है.
इसके अलावा चिकित्सकों का भी कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के दौरान चिकित्सा विभाग की ओर से खून पतला करने की दवा मरीजों को दी जा रही है, जो ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों के लिए काफी कारगर है.