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कोविड-19 संक्रमण के दौरान ह्रदय से जुड़े रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत

जयपुर के ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान हृदय से जुड़े रोगियों को विशेश सतर्कता बरतने की जरूरत है. प्रदेश में कोरोना से अब तक 2500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें 40 फीसदी से अधिक ऐसे मरीजों की मौत हुई है जो ह्रदय रोग से पीड़ित थे.

Death of patients suffering from heart disease,  Death due to corona in Rajasthan
ह्रदय से जुड़े रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत
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Published : Dec 12, 2020, 6:13 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अभी तक 2500 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. सरकार ने दावा किया है कि इनमें से अधिकतर मरीज पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. सरकार की ओर से मौत के आंकड़ों को लेकर ऑडिट भी करवाई गई थी, जिसमें यह निकल कर आया था कि 40 फीसदी से अधिक ऐसे मरीजों की मौत हुई है जो ह्रदय रोग से पीड़ित थे.

ह्रदय से जुड़े रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत

जयपुर के ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरव सिंघल का कहना है कि यह देखने को मिला है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ऐसे मरीजों की मौत अधिक हो रही है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. खासकर ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों की मौत सबसे अधिक देखने को मिली है.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 1473 नए मामले आए सामने, 14 मौत...कुल आंकड़ा 2,88,692

डॉक्टर सिंघल ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ह्रदय रोग से जुड़े रोगी अपना विशेष ख्याल रखें क्योंकि पहले से पीड़ित किसी भी गंभीर बीमारी के मरीज को कोरोना संक्रमण आसानी से हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि ह्रदय रोग से जुड़ा मरीज कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आता है तो उसे अपनी ह्रदय रोग से जुड़ी दवाइयों को नहीं छोड़ना चाहिए. यदि मरीज कोविड-19 दवाओं के साथ साथ हृदय रोग से जुड़ी दवाइयां भी लगातार लेता रहता है तो उसमें हार्ट अटैक आने की संभावना काफी कम रह जाती है.

इसके अलावा चिकित्सकों का भी कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के दौरान चिकित्सा विभाग की ओर से खून पतला करने की दवा मरीजों को दी जा रही है, जो ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों के लिए काफी कारगर है.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अभी तक 2500 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. सरकार ने दावा किया है कि इनमें से अधिकतर मरीज पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. सरकार की ओर से मौत के आंकड़ों को लेकर ऑडिट भी करवाई गई थी, जिसमें यह निकल कर आया था कि 40 फीसदी से अधिक ऐसे मरीजों की मौत हुई है जो ह्रदय रोग से पीड़ित थे.

ह्रदय से जुड़े रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत

जयपुर के ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरव सिंघल का कहना है कि यह देखने को मिला है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ऐसे मरीजों की मौत अधिक हो रही है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. खासकर ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों की मौत सबसे अधिक देखने को मिली है.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 1473 नए मामले आए सामने, 14 मौत...कुल आंकड़ा 2,88,692

डॉक्टर सिंघल ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान ह्रदय रोग से जुड़े रोगी अपना विशेष ख्याल रखें क्योंकि पहले से पीड़ित किसी भी गंभीर बीमारी के मरीज को कोरोना संक्रमण आसानी से हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि ह्रदय रोग से जुड़ा मरीज कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आता है तो उसे अपनी ह्रदय रोग से जुड़ी दवाइयों को नहीं छोड़ना चाहिए. यदि मरीज कोविड-19 दवाओं के साथ साथ हृदय रोग से जुड़ी दवाइयां भी लगातार लेता रहता है तो उसमें हार्ट अटैक आने की संभावना काफी कम रह जाती है.

इसके अलावा चिकित्सकों का भी कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के दौरान चिकित्सा विभाग की ओर से खून पतला करने की दवा मरीजों को दी जा रही है, जो ह्रदय रोग से जुड़े मरीजों के लिए काफी कारगर है.

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