जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 10 नवंबर तक टाल दी है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान फायरवर्क्स डीलर एंड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन और अन्य की याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान मामले में पक्षकार बनने के लिए श्वेता पारीक की ओर से प्रार्थना पत्र पेश किया गया. एसोसिएशन की ओर से अपील में कहा गया कि राज्य सरकार के इस फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. इसके अलावा कारोबारियों के करोड़ों रुपए का एडवांस भी फंस गया है.
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वहीं, किसी बड़ी एजेंसी या संस्था ने भी किसी रिसर्च में यह दावा नहीं किया है कि पटाखे चलाने से कोरोना फैलेगा. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में आतिशबाजी करने की समय सीमा तय कर चुका है. ऐसे में राज्य सरकार को पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाए, इनके लिए समय सीमा तय कर देनी चाहिए.
पटाखा चलाते या बेचते हुए पाए गए तो जुर्माना तय...
बता दें, राजस्थान गृह विभाग (Home Department) की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार कोई भी दुकानदार किसी भी तरह के पटाखे नहीं बेच सकेगा. साथ ही कोई भी व्यक्ति न तो पटाखे खरीदेगा और न ही पटाखे चलाएगा. अधिसूचना में जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. अगर कोई भी दुकानदार पटाखे बेचता हुआ पाया गया तो उसे 10,000 रुपए का जुर्माना भरना होगा. साथ ही अगर कोई व्यक्ति पटाखा चलाता है तो उस पर भी 2,000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.