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जयपुरः सोनोग्राफी में लापरवाही पर 20 लाख रुपए का हर्जाना - Rajasthan news

जयपुर में राज्य उपभोक्ता आयोग ने गुरुवार को सोनाग्राफी में हुई लापरवाही के मामले में सुनवाई की. जिसमें आयोग ने अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर बीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया. साथ ही जुर्माने का नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर राज्य उपभोक्ता आयोग,  Jaipur news
सोनाग्राफी में हुई लापरवाही के मामले में सुनवाई
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Published : Feb 20, 2020, 8:56 PM IST

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने गर्भवती महिला की सोनाग्राफी करने में लापरवाही बरतने पर बूंदी के अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर बीस लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं आयोग ने हर्जाना राशि पर नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.

जयपुर राज्य उपभोक्ता आयोग,  Jaipur news
सोनाग्राफी में हुई लापरवाही के मामले में सुनवाई

आयोग ने कहा है कि ब्याज की राशि परिवादी को अदा की जाए और हर्जाना राशि को एफडी के तौर पर बच्चे के नाम जमा कराई जाए. आयोग ने यह आदेश आरती पारीक और उसके दो साल के बेटे हर्षवद्र्धन पारीक के परिवाद पर दिए.

पढ़ेंःCM गहलोत की बजट घोषणा में ज्यादा जोर 'निरोगी राजस्थान' पर

परिवाद में कहा गया कि उसने 21 जून 2012 को अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी कराई थी. जिसमें सेंटर संचालक की ओर से सामान्य रिपोर्ट दी गई. वहीं जब 29 दिसंबर 2012 को उसने पुत्र को जन्म दिया तो पता चला कि नवजात का दायां हाथ अद्र्ध विकसित है. जिसके चलते उसे पुत्र के लालन पालन में आवश्यकता से अधिक ध्यान रखना पडे़गा.

इसके अलावा बच्चे को भी जीवन भर कठिनाईयों का सामना करना पडे़गा. यदि सोनोग्राफी में इस समस्या को चिन्ह्ति कर लिया जाता तो उनके पास प्रेग्नेन्सी को जारी रखने और गर्भपात का विकल्प मौजूद रहता. ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने गर्भवती महिला की सोनाग्राफी करने में लापरवाही बरतने पर बूंदी के अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर बीस लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं आयोग ने हर्जाना राशि पर नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.

जयपुर राज्य उपभोक्ता आयोग,  Jaipur news
सोनाग्राफी में हुई लापरवाही के मामले में सुनवाई

आयोग ने कहा है कि ब्याज की राशि परिवादी को अदा की जाए और हर्जाना राशि को एफडी के तौर पर बच्चे के नाम जमा कराई जाए. आयोग ने यह आदेश आरती पारीक और उसके दो साल के बेटे हर्षवद्र्धन पारीक के परिवाद पर दिए.

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परिवाद में कहा गया कि उसने 21 जून 2012 को अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी कराई थी. जिसमें सेंटर संचालक की ओर से सामान्य रिपोर्ट दी गई. वहीं जब 29 दिसंबर 2012 को उसने पुत्र को जन्म दिया तो पता चला कि नवजात का दायां हाथ अद्र्ध विकसित है. जिसके चलते उसे पुत्र के लालन पालन में आवश्यकता से अधिक ध्यान रखना पडे़गा.

इसके अलावा बच्चे को भी जीवन भर कठिनाईयों का सामना करना पडे़गा. यदि सोनोग्राफी में इस समस्या को चिन्ह्ति कर लिया जाता तो उनके पास प्रेग्नेन्सी को जारी रखने और गर्भपात का विकल्प मौजूद रहता. ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए.

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