जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने गर्भवती महिला की सोनाग्राफी करने में लापरवाही बरतने पर बूंदी के अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर बीस लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं आयोग ने हर्जाना राशि पर नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.
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आयोग ने कहा है कि ब्याज की राशि परिवादी को अदा की जाए और हर्जाना राशि को एफडी के तौर पर बच्चे के नाम जमा कराई जाए. आयोग ने यह आदेश आरती पारीक और उसके दो साल के बेटे हर्षवद्र्धन पारीक के परिवाद पर दिए.
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परिवाद में कहा गया कि उसने 21 जून 2012 को अंकित सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी कराई थी. जिसमें सेंटर संचालक की ओर से सामान्य रिपोर्ट दी गई. वहीं जब 29 दिसंबर 2012 को उसने पुत्र को जन्म दिया तो पता चला कि नवजात का दायां हाथ अद्र्ध विकसित है. जिसके चलते उसे पुत्र के लालन पालन में आवश्यकता से अधिक ध्यान रखना पडे़गा.
इसके अलावा बच्चे को भी जीवन भर कठिनाईयों का सामना करना पडे़गा. यदि सोनोग्राफी में इस समस्या को चिन्ह्ति कर लिया जाता तो उनके पास प्रेग्नेन्सी को जारी रखने और गर्भपात का विकल्प मौजूद रहता. ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए.