जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने शहर की पृथ्वीराज नगर में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी करने पर लगी रोक हटवाने से जुडे़ मामले में राज्य सरकार को 28 फरवरी तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने पूछा है कि पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने के संबंध में उनकी क्या मंशा है?.
जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश लोकेश कुमार और अन्य की याचिका और जेवीवीएनएल की बिजली कनेक्शनों पर लगी रोक हटाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि राजस्थान बिजली एक्ट की धारा 43 के तहत बिजली कनेक्शन देने के लिए स्वामित्व होना जरूरी नहीं है. यदि सरकार प्रदेश में कहीं पर भी अतिक्रमी को बिजली कनेक्शन नहीं दे तो इस संबंध में परिपत्र जारी करे.
दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन की मंजूरी देने से अवैध निर्माण बढ़ेंगे और कोई भी व्यक्ति जेडीए से पट्टे नहीं लेगा. उधर, जेवीवीएनएल की ओर से कहा गया कि पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर भी बिजली कनेक्शन (Electricity connection on society leases) देने की मंजूरी दी जाए. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पीआरएन के करीब 92 सफल आवंटियों को पट्टा जारी होने तक सोसायटी पट्टाधारियों को बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगा दी थी.