जयपुर. बीएसटीसी डिग्रीधारियों (BSTC degree holders) और एनसीटीई गाइडलाइन (NCTE Guidelines) के विवाद को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ (Rajasthan High Court Jodhpur Bench) में दूसरे दिन भी सुनवाई जारी रही. अब शेष सुनवाई बुधवार को होगी इसमें बीएड डिग्रीधारियों (BEd degree holders) का पक्ष सुना जाएगा. मामले में बुधवार को फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है.
दरअसल बीएसटीसी डिग्री धारी पिछले 44 दिन से शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि रीट लेवल फर्स्ट (Reet Level First) से बीएड डिग्री धारियों को बाहर किया जाए. साथ ही वे एनसीटीई गाइडलाइन का भी विरोध कर रहे हैं. प्रदेश के बीएसटीसी डिग्रीधारी युवा 21 नवंबर से शहीद स्मारक पर महापड़ाव डालकर बैठे हुए हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि जब तक उनके पक्ष में फैसला नहीं आ जाता तबतक वे वहा से नहीं उठेंगे और सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
बीएसटीसी संघर्ष समिति के प्रवक्ता मुकेश रॉयल ने बताया कि मंगलवार को हाईकोर्ट में लंच से पहले ढाई घंटे तक सुनवाई हुई. इस दौरान बीएसटीसी की ओर से एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा, विज्ञान शाह सहित अन्य वकीलों ने पक्ष रखा और बीएसटीसी डिग्री धारियों के लिए न्याय की मांग की. राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) की ओर से अटॉर्नी जनरल एमएस सिंघवी (Attorney General MS Singhvi) ने अपना पक्ष रखा. लंच के बाद आधे घंटे की सुनवाई में भारत सरकार (Indian government) का पक्ष सुना गया.
अब बुधवार को बीएडधारियों का पक्ष सुना जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को ही राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ में बहस पूरी हो जाएगी. कोर्ट सुनवाई के बाद फैसला दे सकता है या फिर फैसला सुरक्षित रख सकता है.
महापड़ाव में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए बीएसटीसी डिग्रीधारी युवा शामिल हुए हैं. उनका कहना है कि रीट लेवल फर्स्ट में बीएसटीसी डिग्री धारी ही शामिल होने चाहिए और यह उनका अधिकार भी है. उन्होंने कहा कि एनसीटीई गाइडलाइन के कारण प्राथमिक शिक्षा को नुकसान हो रहा है. इसके कारण बीएसटीसी डिग्रीधारियों के साढ़े चार लाख परिवार प्रभावित होंगे.