जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने और शराब की बिक्री करने की अनुमति देने के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि क्या हर शराब की दुकान पर आबकारी विभाग के कर्मचारी लगा सकते हैं.
इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि विभाग के पास इतनी संख्या में कर्मचारी नहीं हैं. लेकिन इन दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इस पर अदालत ने महाधिवक्ता को जवाब पेश करने के लिए 12 मई का समय दिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश निखिलेश कटारा की याचिका पर दिए.
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार ने एकल और आवासीय क्षेत्र में दुकानें खोलने की अनुमति दी है. लेकिन राज्य सरकार ने बाजारों में भी दुकानें खोलने की अनुमति दे दी. इस तरह का आदेश विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना के संबंध में जारी गाइडलाइन के खिलाफ है.
गाइडलाइन में संक्रमण रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की बात कही गई है. इसके बावजूद दुकान खुलने के बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. इसके चलते संक्रमण बढ़ने का खतरा भी पैदा हो गया है. इसलिए शराब की दुकानें खोलने पर पाबंदी लगाई जाए. सरकार चाहे तो शराब बिक्री के लिए होम डिलीवरी सहित अन्य वैकल्पिक उपाय भी कर सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को 12 मई को जवाब पेश करने को कहा है.