जयपुर. शहर में जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर 18-44 आयुवर्ग के लिए वैक्सीनेशन कैंप आयोजित हुए उसका मेडिकल स्टाफ एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन जिम्मेदारी निभाता दिखा. वैक्सीनेशन के अलावा क्षेत्र में डोर-टू-डोर सर्वे और स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों का भी उपचार किया गया.
कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को 13 सेंटर्स पर कोविड वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की प्रथम खुराक के लिए सत्र आयोजित किए गए. जयपुर के सुभाष चौक के नजदीक स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गंगापोल में भी वैक्सीनेशन कैंप आयोजित किया गया. यहां सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल की पालना कराने के लिए क्षेत्रीय थाना पुलिस का जाब्ता भी मौजूद रहा.
सेंटर प्रभारी डॉ वर्षा सक्सेना ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से एक स्पेशल कैंपेन चलाया गया है. जिसमें 18 से 44 आयु वर्ग के टीका लगाया जा रहा है. चूंकि यूथ हाई रिस्क ग्रुप में है, बावजूद इसके उनके वैक्सीन नहीं लग पा रही थी. लेकिन शुक्रवार को की गई व्यवस्था एक सुखद पहल कही जा सकती है. हालांकि पूर्व में एक सेंटर पर तकरीबन 300 वैक्सीन लगाए जाने की रूपरेखा थी, लेकिन विशेष कैंप में यहां पहुंचने वाले हर व्यक्ति को वैक्सीनेट किया गया.
डॉ सक्सेना ने कहा कि इस वक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद मेडिकल स्टाफ एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन जिम्मेदारी निभा रहा है. वैक्सीनेशन के अलावा जो रूटीन मरीज आ रहे हैं, उन्हें भी ट्रीट किया जा रहा है. इसके अलावा क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से सर्वे का कार्य भी किया जा रहा है. डोर टू डोर सर्वे के माध्यम से संक्रमित पाए गए मरीजों की ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान दिया जा रहा है. टीम द्वारा कोरोना के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों को मेडिकल किट भी दिया जा रहा है. टीमों द्वारा संक्रमण से बचाव के लिए घर-घर प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक भी किया जा रहा है.
सेंटर प्रभारी ने बताया कि रोज तो रजिस्टर्ड लोगों के ही वैक्सीन लगाया जाता है. लेकिन विशेष कैंप में ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था रखी गई है. बहरहाल, कोरोना से जंग में वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार है और उसी वैक्सीन को लगाने के लिए अब युवाओं में उत्साह नजर आ रहा है. उसी तरह का उत्साह इस कार्य में जुटे मेडिकल स्टाफ में भी देखने को मिल रहा है.