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हाईकोर्ट खबर : डॉक्टर को स्टडी लीव नहीं देने पर HC ने मांगा जवाब...विभागीय कार्रवाई पर भी लगाई रोक - Rajasthan High Court Chief Medical Secretary summoned reply

राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सक को स्टडी लीव नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित जयपुरिया अस्पताल के प्रिंसिपल से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता चिकित्सक के खिलाफ विभागीय जांच नहीं करने को कहा है.

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डॉक्टर को स्टडी लीव नहीं देने पर HC ने मांगा जवाब
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Published : Jan 18, 2021, 7:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सक को स्टडी लीव नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित जयपुरिया अस्पताल के प्रिंसिपल से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता चिकित्सक के खिलाफ विभागीय जांच नहीं करने को कहा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. रेखा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता एसके सिंगोदिया ने बताया कि याचिकाकर्ता ने मेडिकल ऑफिसर के पद पर रहते हुए जनरल मेडिसन से पीजी कोर्स करने के लिए चिकित्सा विभाग में स्टडी लीव के लिए आवेदन किया. इस दौरान जयपुरिया अस्पताल से तीन वर्षीय डीएनबी कोर्स करने के बाद याचिकाकर्ता ने पुन: मेडिकल ऑफिसर पद पर कार्यग्रहण हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिस पर चिकित्सा विभाग ने उसे पुन: कार्यग्रहण करने की मंजूरी इस शर्त पर दी कि उसके डीएनबी कोर्स करने की अवधि को अनुपस्थित अवधि माना जाएगा.

पढ़ें- राबर्ट वाड्रा मामला : HC में समयाभाव के चलते टली सुनवाई....अब 28 जनवरी होगी अगली सुनवाई

इसके साथ ही उसके खिलाफ सीसीए रूल्स के नियम 16 एवं राजस्थान सेवा नियम 86 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी. याचिका में कहा गया कि राजस्थान सेवा नियम के नियम 112 में गत 31 जुलाई को अधिसूचना जारी कर संशोधन किया गया है. जिसके तहत मेडिकल ऑफिसर उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए तीन साल का अध्ययन अवकाश स्वीकृत करा सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए विभागी कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सक को स्टडी लीव नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित जयपुरिया अस्पताल के प्रिंसिपल से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता चिकित्सक के खिलाफ विभागीय जांच नहीं करने को कहा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. रेखा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता एसके सिंगोदिया ने बताया कि याचिकाकर्ता ने मेडिकल ऑफिसर के पद पर रहते हुए जनरल मेडिसन से पीजी कोर्स करने के लिए चिकित्सा विभाग में स्टडी लीव के लिए आवेदन किया. इस दौरान जयपुरिया अस्पताल से तीन वर्षीय डीएनबी कोर्स करने के बाद याचिकाकर्ता ने पुन: मेडिकल ऑफिसर पद पर कार्यग्रहण हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिस पर चिकित्सा विभाग ने उसे पुन: कार्यग्रहण करने की मंजूरी इस शर्त पर दी कि उसके डीएनबी कोर्स करने की अवधि को अनुपस्थित अवधि माना जाएगा.

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इसके साथ ही उसके खिलाफ सीसीए रूल्स के नियम 16 एवं राजस्थान सेवा नियम 86 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी. याचिका में कहा गया कि राजस्थान सेवा नियम के नियम 112 में गत 31 जुलाई को अधिसूचना जारी कर संशोधन किया गया है. जिसके तहत मेडिकल ऑफिसर उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए तीन साल का अध्ययन अवकाश स्वीकृत करा सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए विभागी कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

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