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Krishi Budget Rajasthan : कृषि बजट में ना किसानों का कर्जा माफी ना खेती के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा-हनुमान बेनीवाल - ETV Bharat Rajasthan News

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने राज्य बजट व अलग से पेश कृषि बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि किसानों की कर्ज माफी (Beniwal on farmer loan waiver) और खेती के लिए मुफ्त बिजली देने की घोषणा नहीं हुई. अन्य घोषणाएं लोक लुभावन लगती हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन को लेकर जनता के मन में सवाल है.

Hanuman Beniwal reaction on krishi Budget
हनुमान बेनीवाल
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Published : Feb 23, 2022, 10:33 PM IST

जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के राष्ट्रीय संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट घोषणा लोक लुभावनी जरूर थी, मगर धरातल पर उनका क्रियान्वयन कैसे हो पायेगा, यह सवाल आमजन के मन में है. बेनीवाल ने कहा कि पूर्व की कई घोषणाएं आज भी लंबित हैं. बेनीवाल के अनुसार पहली बार कृषि बजट तो पेश (Hanuman Beniwal reaction on krishi Budget) हुआ, लेकिन उसमें किसानों की कर्ज माफी और खेती के लिए फ्री बिजली देने की घोषणा नहीं हुई.

बेनीवाल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि पंचायत मुख्यालयों पर स्कूलों को क्रमोन्नत करने का निर्णय अच्छा है, लेकिन जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, जोधपुर में नए प्राथमिक स्कूल खोलने के नियमों में जो शिथिलता दी गई है, वह नागौर, गंगानगर व हनुमानगढ़ में भी दी जाती तो अच्छा रहता. बेनीवाल ने कहा कि चुनाव से पूर्व अशोक गहलोत ने हर जगह बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, मगर बेरोजगार आज भी भत्ते के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

पढ़ें: Rajasthan First Agricultural Budget 2022: किसान बोले- अगर घोषणाएं लागू हुईं तो किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगी

सांसद बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी ने अब तक अपना वादा नहीं निभाया. अलग से कृषि बजट पेश करके वाह वाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि बजट में किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफी व कृषि के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा नहीं की गई. किसानों की आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने का कोई प्रावधान बजट में उल्लेखित नहीं था.

राज्य मार्गों को टोल फ्री करने की दिशा में भी नहीं हुई पहल: बेनीवाल ने कहा कि हमारे लगातार संघर्षों के परिणाम के बाद ही पूर्व की सरकार ने राज्य राजमार्गों पर निजी वाहनों के लिए टोल फ्री किया था. मगर वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही उसे भी बंद कर दिया. सरकार को कम से कम राज्य राजमार्गों को टोल मुक्त करने की घोषणा करने की जरूरत थी. वहीं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने की मांग आरएलपी लगातार केंद्र के स्तर पर उठा रही है. मगर ऐसे जनहित के मुद्दे पर राज्य व केंद्र को तालमेल स्थापित करके कार्य करने की जरूरत है.

पढ़ें: Krishi Budget Rajasthan : पहली बार कृषि बजट पेश, CM गहलोत ने 5000 करोड़ से साधा 85 लाख किसानों को

वहीं आज बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम बनाने की घोषणा सरकार ने की, लेकिन इसके भौतिक व वित्तीय स्वरूप के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख बजट में कर दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता. वहीं सरकार ने वर्तमान में नहरी क्षेत्र से सिंचित होने वाले क्षेत्रों की समस्याओं का स्थाई समाधान व राज्य में नहरों के माध्यम से नया सिंचित क्षेत्र विकसित करने की बात भी बजट में नहीं की.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2022: कांग्रेस विधायक ने बजट पेश होने के बाद त्यागे जूते, कहा- अब विधानसभा में नहीं लगाएंगे सवाल...जानें क्यों

रीट के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सांसद ने कहा जिस प्रकार लेवल 2 में गड़बड़ी हुई, उसी तर्ज पर लेवल प्रथम में भी गड़बड़ी हुई बावजूद इसके इसे रद्द नहीं किया गया और स्थाई रोजगार देने के कोई ठोस प्रावधान बजट में नजर नहीं आए. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात विस्तृत रूप से समझी जाए, तो यह केवल छल है. सांसद ने कहा कि बजट घोषणाओं के लिए धन का प्रबंध कहां से होगा, इसका कोई उल्लेख सरकार ने नहीं किया. संविदाकार्मिकों को नियमित करने का अपना वादा भी नहीं निभाया.

जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के राष्ट्रीय संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट घोषणा लोक लुभावनी जरूर थी, मगर धरातल पर उनका क्रियान्वयन कैसे हो पायेगा, यह सवाल आमजन के मन में है. बेनीवाल ने कहा कि पूर्व की कई घोषणाएं आज भी लंबित हैं. बेनीवाल के अनुसार पहली बार कृषि बजट तो पेश (Hanuman Beniwal reaction on krishi Budget) हुआ, लेकिन उसमें किसानों की कर्ज माफी और खेती के लिए फ्री बिजली देने की घोषणा नहीं हुई.

बेनीवाल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि पंचायत मुख्यालयों पर स्कूलों को क्रमोन्नत करने का निर्णय अच्छा है, लेकिन जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, जोधपुर में नए प्राथमिक स्कूल खोलने के नियमों में जो शिथिलता दी गई है, वह नागौर, गंगानगर व हनुमानगढ़ में भी दी जाती तो अच्छा रहता. बेनीवाल ने कहा कि चुनाव से पूर्व अशोक गहलोत ने हर जगह बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, मगर बेरोजगार आज भी भत्ते के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

पढ़ें: Rajasthan First Agricultural Budget 2022: किसान बोले- अगर घोषणाएं लागू हुईं तो किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगी

सांसद बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी ने अब तक अपना वादा नहीं निभाया. अलग से कृषि बजट पेश करके वाह वाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है. जबकि बजट में किसानों की सम्पूर्ण कर्ज माफी व कृषि के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा नहीं की गई. किसानों की आर्थिक स्थिति पटरी पर लाने का कोई प्रावधान बजट में उल्लेखित नहीं था.

राज्य मार्गों को टोल फ्री करने की दिशा में भी नहीं हुई पहल: बेनीवाल ने कहा कि हमारे लगातार संघर्षों के परिणाम के बाद ही पूर्व की सरकार ने राज्य राजमार्गों पर निजी वाहनों के लिए टोल फ्री किया था. मगर वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही उसे भी बंद कर दिया. सरकार को कम से कम राज्य राजमार्गों को टोल मुक्त करने की घोषणा करने की जरूरत थी. वहीं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने की मांग आरएलपी लगातार केंद्र के स्तर पर उठा रही है. मगर ऐसे जनहित के मुद्दे पर राज्य व केंद्र को तालमेल स्थापित करके कार्य करने की जरूरत है.

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वहीं आज बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम बनाने की घोषणा सरकार ने की, लेकिन इसके भौतिक व वित्तीय स्वरूप के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख बजट में कर दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता. वहीं सरकार ने वर्तमान में नहरी क्षेत्र से सिंचित होने वाले क्षेत्रों की समस्याओं का स्थाई समाधान व राज्य में नहरों के माध्यम से नया सिंचित क्षेत्र विकसित करने की बात भी बजट में नहीं की.

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रीट के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सांसद ने कहा जिस प्रकार लेवल 2 में गड़बड़ी हुई, उसी तर्ज पर लेवल प्रथम में भी गड़बड़ी हुई बावजूद इसके इसे रद्द नहीं किया गया और स्थाई रोजगार देने के कोई ठोस प्रावधान बजट में नजर नहीं आए. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात विस्तृत रूप से समझी जाए, तो यह केवल छल है. सांसद ने कहा कि बजट घोषणाओं के लिए धन का प्रबंध कहां से होगा, इसका कोई उल्लेख सरकार ने नहीं किया. संविदाकार्मिकों को नियमित करने का अपना वादा भी नहीं निभाया.

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