जयपुर. गुर्जर आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर है. गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले के गुर्जर बाहुल्य इलाकों में इंटरनेट पर प्रतिबंध 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है. संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने इसके लिए आदेश निकाला है. यह प्रतिबंध 1 नवंबर शाम 6 बजे से 2 नवंबर शाम 6 बजे तक 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है.
बैकलॉग और एमबीसी कोटे में दिए गए आरक्षण संबंधी मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने एक नवंबर को आंदोलन का आह्वान किया था. गुर्जर समाज कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में बयाना-हिण्डौन राजमार्ग स्थित पीलूपुरा-कारबारी शहीद स्मारक पर पहुंच गए हैं और रेलवे लाइन की पटरियों की चाबी निकाल दी है.
गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले के गुर्जर बाहुल्य इलाकों कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर एवं जमवारामगढ की राजस्व सीमा में संवेदनशीलता को देखते हुए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवा पर 30 अक्टूबर से प्रतिबंध लगा हुआ है.
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संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने बताया कि कानून व्यवस्था को देखते हुए जयपुर जिले के गुर्जर बाहुल्य इलाकों कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर एवं जमवारामगढ़ के संपूर्ण राजस्व सीमा में 30 अक्टूबर शाम 6 बजे से 31 अक्टूबर शाम 6 बजे तक 24 घंटे के लिए अस्थाई प्रतिबंध लगाया था. फिर उसकी समय सीमा 24 घंटे के लिए बढ़ाकर एक नवंबर शाम 6 बजे तक कर दी थी. रविवार को इसकी समय सीमा 24 घंटे के लिए बढ़ाकर 2 नवंबर शाम 6 बजे तक कर दी गई है.
इसके साथ ही 4 और तहसीलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी है. संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने कोटपुतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर, जमवारामगढ़ के अलावा फागी, माधोराजपुरा, दूदू और मोजमाबाद में भी इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया है. सोमनाथ मिश्रा ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मिश्रा ने बताया कि आंदोलन को लेकर असामाजिक तत्व फेसबुक, व्हाट्सअप के माध्यम से अफवाह फैलाकर कानून व्यवस्था भंग कर सकते हैं. इसी को देखते हुए जयपुर जिले के गुर्जर बाहुल्य तहसील क्षेत्रों की राजस्व सीमा में इंटरनेट सेवा को प्रतिबंधित किया गया है.