जयपुर. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर गुर्जर समाज का दूसरा धड़ा सरकार से वार्ता करने के लिए देर रात जयपुर पहुंचा. हालांकि यह वह दूसरा गुट है जिसने न तो आंदोलन की चेतावनी दी है और न ही इस गुट की सरकार से सकारात्मक वार्ता होने के बाद आंदोलन पर कोई असर पड़ने वाला है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को तीन साल पहले ही संघर्ष समिति से अलग कर दिया था.
संघर्ष समिति ने साफ कर दिया कि हिम्मत सिंह गुट की सरकार से वार्ता से किसी भी आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. लंबे समय से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से अलग चल रहे हिम्मत सिंह ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन की घोषणा के साथ ही एक्टिव हो गए. पहले तो हिम्मत सिंह गुट से जुड़े हुए 41 सदस्य प्रतिनिधि मंडल सरकार से वार्ता करने के लिए शुक्रवार देर रात को जयपुर पहुंचा और शनिवार सुबह होते ही खुद हिम्मत सिंह भी इस प्रतिनिधिमंडल में वार्ता के लिए जयपुर पहुंच गए.
शनिवार सुबह से ही हिम्मत सिंह अपने गुट के साथ तीज होटल में बैठकर वार्ता कर रहे हैं, लेकिन इस बीच आरक्षण संघर्ष समिति ने यह साफ कर दिया कि हिम्मत सिंह गुट की सरकार से किसी भी वार्ता से आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. संघर्ष समिति ने कहा कि हिम्मत सिंह को पहले ही गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने बाहर निकाल दिया है. अब अगर हिम्मत सिंह सरकार से किसी भी तरह की वार्ता करके समझौता करके आ जाता है तो उससे भी आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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आंदोलन की तारीख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने तय कर दि है. उसी तय समय पर 1 नवंबर को आंदोलन शुरू होगा. संघर्ष समिति ने साफ कर दिया है कि इस बार वार्ता से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है. जो घोषणा है जो वादे सरकार ने समझौते में किए थे, उनको पूरा होने की स्थिति में ही गुर्जर समाज मानेगा. अब किसी तरह की कोई टेबल टॉक नहीं होगी. सिर्फ नियुक्ति पत्र हाथों में चाहिए. वहीं, वार्ता करने के लिए जयपुर पहुंचे हिम्मत सिंह गुट यह तय नहीं कर पा रहा कि उनको सरकार से किन बिंदुओं पर वार्ता करनी है. यही वजह है कि जयपुर पहुंचने के बाद सुबह से ही गुर्जर समाज का प्रतिनिधिमंडल आपस में बैठकर मीटिंग कर रहे हैं.