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सुबह उठते ही केंद्र को गालियां देना बंद करे गहलोत सरकार: गुलाबचंद कटारिया - Jaipur News

प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर नेता गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 18 से 44 आयु वर्ग को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और वह उस में फिसड्डी साबित हुई. गहलोत सरकार अब इसका दोषारोपण केंद्र सरकार पर कर रही है.

Lack of corona vaccine in rajasthan,  Gulabchand Kataria
गुलाबचंद कटारिया
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Published : May 14, 2021, 8:19 PM IST

Updated : May 15, 2021, 8:52 AM IST

जयपुर. राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की कमी सियासी विवादों में है. सियासी विवाद में इसलिए क्योंकि कुछ समय पहले तक देश में सर्वाधिक कोरोना वैक्सीनेशन के लिए राजस्थान का नाम सबसे ऊपर था और इसका प्रदेश सरकार भी पूरा क्रेडिट ले रही थी. लेकिन, अब प्रदेश में वैक्सीन की कमी के चलते ये काम ठप पड़ा है और इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाली जा रही है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार से सवाल पूछे हैं.

गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

पढ़ें- खबर का असर: मंत्री के निर्देश पर सहकारी कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित करवाने के लिए प्रक्रिया शुरू

कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को वैक्सीनेशन का जिम्मा लिया और पूरे देश में निशुल्क वैक्सीन भी उपलब्ध कराई. यही कारण रहा कि राजस्थान में अब तक 1 करोड़ 16 लाख लोगों को यह टीका लगाया जा चुका है और दूसरी डोज भी 30 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है. वैक्सीनेशन में राजस्थान प्रथम स्थान पर आया तो मुख्यमंत्री इसका क्रेडिट खुद ले रहे थे, जबकि निशुल्क व्यक्ति केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराई.

लेकिन, अब 18 से 44 आयु वर्ग को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है तो वह उस में फिसड्डी साबित हुई. इसका दोषारोपण केंद्र सरकार को कर रही है जबकि गहलोत सरकार ने समय पर वैक्सीन खरीद की व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते वैक्सीन प्रदेश को देरी से मिल रही है.

पढ़ें- कोरोना को हल्के में न लें...गर्भवती डॉक्टर के सांस थमने से पहले दिए संदेश को CM गहलोत ने किया शेयर

कटारिया ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बयान देते हैं कि वैक्सीनेशन में देरी से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी, लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री यह भूल गए कि 18 से 44 वर्ष तक की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और उनकी ही सरकार के कु प्रबंधन के चलते इसमें देरी हो रही है.

कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सुबह उठते ही केंद्र को गलत बात कहने के अलावा और कुछ नहीं करते, लेकिन कोरोना महामारी से जंग इस प्रकार नहीं जीती जा सकती. इसलिए जनप्रतिनिधियों के संवाद में जो इस महामारी से एकजुटता से जंग लड़ने की बात कही गई थी उस पर अमल करें और इस प्रकार की बयानबाजी से बचें.

जयपुर. राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की कमी सियासी विवादों में है. सियासी विवाद में इसलिए क्योंकि कुछ समय पहले तक देश में सर्वाधिक कोरोना वैक्सीनेशन के लिए राजस्थान का नाम सबसे ऊपर था और इसका प्रदेश सरकार भी पूरा क्रेडिट ले रही थी. लेकिन, अब प्रदेश में वैक्सीन की कमी के चलते ये काम ठप पड़ा है और इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाली जा रही है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार से सवाल पूछे हैं.

गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

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कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को वैक्सीनेशन का जिम्मा लिया और पूरे देश में निशुल्क वैक्सीन भी उपलब्ध कराई. यही कारण रहा कि राजस्थान में अब तक 1 करोड़ 16 लाख लोगों को यह टीका लगाया जा चुका है और दूसरी डोज भी 30 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है. वैक्सीनेशन में राजस्थान प्रथम स्थान पर आया तो मुख्यमंत्री इसका क्रेडिट खुद ले रहे थे, जबकि निशुल्क व्यक्ति केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराई.

लेकिन, अब 18 से 44 आयु वर्ग को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है तो वह उस में फिसड्डी साबित हुई. इसका दोषारोपण केंद्र सरकार को कर रही है जबकि गहलोत सरकार ने समय पर वैक्सीन खरीद की व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते वैक्सीन प्रदेश को देरी से मिल रही है.

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कटारिया ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बयान देते हैं कि वैक्सीनेशन में देरी से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी, लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री यह भूल गए कि 18 से 44 वर्ष तक की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और उनकी ही सरकार के कु प्रबंधन के चलते इसमें देरी हो रही है.

कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सुबह उठते ही केंद्र को गलत बात कहने के अलावा और कुछ नहीं करते, लेकिन कोरोना महामारी से जंग इस प्रकार नहीं जीती जा सकती. इसलिए जनप्रतिनिधियों के संवाद में जो इस महामारी से एकजुटता से जंग लड़ने की बात कही गई थी उस पर अमल करें और इस प्रकार की बयानबाजी से बचें.

Last Updated : May 15, 2021, 8:52 AM IST
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