जयपुर. राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता के मामले में देश के सभी राज्यों में सिरमौर बन गया है लेकिन इसका फायदा राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को अब तक नहीं मिल पाया. यही कारण है कि इस मामले में भाजपा नेता लगातार प्रदेश की गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि सरकार सोलर प्लांट लगाने वाले निवेशकों को सुविधा तो देती है लेकिन उनसे सस्ती बिजली लेकर उपभोक्ताओं को देने का प्रयास नहीं करती. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसके लिए प्रभावी कदम उठाए तो राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली मिल पाएगी. लेकिन राजस्थान में हालत बिल्कुल उल्टे हैं. यहां देश में सर्वाधिक महंगी बिजली उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जा रही है. आलम यह है कि भिवाड़ी में तो कई प्लांट महंगी बिजली के कारण ही बंद हो गए. जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए.
सौर ऊर्जा बेहद सस्ती इन्वेस्टमेंट भी बहुत कम
कटारिया ने यह भी कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की असीम संभावनाएं है. अब राजस्थान 7738 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करके देश में अन्य राज्यों के मुकाबले पहले नंबर पर आ गया है. कटारिया ने कहा सौर ऊर्जा से सबसे सस्ती बिजली मिल पाती है. इसमें इन्वेस्टमेंट भी बहुत कम होता है लेकिन राज्य सरकार बाहरी निवेशकों को फायदा पहुंचाने के लिए तो कई प्रकार की सुविधाएं देती है लेकिन राजस्थान के आम बिजली उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा, जो सीधे तौर पर सरकार की कार्यशैली और नीयत पर सवाल खड़ा करती है.
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राजस्थान 7738 मेगा वाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर देश के राज्यों में प्रथम स्थान पर आ गया है. इसके लिए प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री सरकार की मौजूदा ऊर्जा नीति और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति का गुणगान करते हैं.
इन्हीं नीतियों के बदौलत केवल राजस्थान में इस क्षेत्र में निवेशक को अधिक लाभ हो रहा है लेकिन आम बिजली उपभोक्ता आज भी महंगी दरों पर बिजली खरीदने को मजबूर है. यही कारण है कि पिछले दिनों विधानसभा में भाजपा ने यह मुद्दा उठाया और अब सदन के बाहर भी भाजपा इसी मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटी है.