जयपुर. फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में तुगलक रोड पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर दर्ज करवाने के बाद एक बार फिर से प्रदेश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने गजेंद्र सिंह शेखावत की एफआईआर को नौटंकी बताई और कहा कि वो राजस्थान एसीबी को अपना वॉइस सैंपल दें. डोटासरा पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि शेखावत जी के मामले में देरी हो रही है तो कांग्रेस अपने विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह का वॉयस सैंपल क्यों नहीं ले लेती.
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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार इस मामले में दूसरों के ऊपर आरोप लगाकर बच नहीं सकती. क्योंकि प्रदेश सरकार ने गैरकानूनी रूप से फोन टैपिंग की है. इसी के चलते यह सरकार जाएगी. कटारिया ने कहा कि मैं खुद गोविंद डोटासरा से पूछना चाहता हूं कि मुख्य सचेतक ने एसओजी में भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. लेकिन फिर बाद में उसमें एफआर लगाने की जल्दबाजी क्यों की गई.
उन्होंने कहा कि गलत तरीके से फोन टैपिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री ने जो मामला दर्ज कराया है. जब इसकी जांच शुरू होगी तो यह सरकार भी जाएगी. क्योंकि गैर कानूनी रूप से यह फोन टैपिंग कराई गई थी. फोन टैपिंग कराने का अधिकार सरकार को है. लेकिन नियम अनुसार होम सेक्रेटरी की स्वीकृति के बाद. कटारिया ने कहा जिस तरह मुख्यमंत्री के ओएसडी के पास वह क्लिप आए और उन्होंने अपने ग्रुप में डाल दिए. नियम अनुसार गलत क्लिप डालना भी अपराध है और उस पर भी कार्रवाई होती है.