उदयपुर. शहर में वर्ष 2018 में नगर निगम सफाई कर्मचारी के रूप में भर्ती हुए 1070 कर्मचारियों में से 350 कर्मचारियों को बुधवार को स्थाई नियुक्ति पत्र राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदान किए. नगर निगम उप महापौर और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि वर्ष 2018 में उदयपुर शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए वृहद स्तर पर 1070 सफाई कर्मचारियों की लॉटरी के माध्यम से भर्ती की गई थी.
भर्ती पश्चात सभी सफाई कर्मचारियों को दो साल तक ट्रेनिंग कार्यकाल पूरा करना होता है. ट्रेनिंग कार्यकाल संपूर्ण होने के पश्चात नगर निगम की ओर से कार्रवाई करते हुए बुधवार को 350 सफाई कर्मचारियों को स्थाई किया गया. बुधवार को नगर निगम में साधारण साधारण समारोह आयोजित कर 25 सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिए गए.
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष ने सभी कर्मचारियों का आह्वान किया किया. जिसके बाद कटारिया ने कहा कि नियुक्त पत्र मिलने के पश्चात आपकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. उदयपुर को निखारने में सबसे अहम भूमिका सफाई कर्मचारियों की है. उदयपुर को सुंदरता में विश्व में प्रथम पायदान पर पहुंचाने में आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है.
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कटारिया ने महापौर गोविंद सिंह टाक, उपमहापौर पारस सिंघवी सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का हार्दिक धन्यवाद दिया कि राजस्थान में उदयपुर नगर निगम ही एकमात्र ऐसा नगर निगम है. जिसने सारी प्रक्रिया अपनाते हुए बिना किसी भेदभाव के यह कार्य संपूर्ण किया है. कार्यक्रम में निगम महापौर गोविंद सिंह टाक ने सफाई कर्मचारियों को बधाई देते हुए कर्तव्य पथ पर अपना हुनर दिखाने का आह्वान किया.
साथ ही उदयपुर को और अधिक सुंदर बनाने में सहयोग मांगा. समारोह में स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने सफाई कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि उदयपुर शहर की खूबसूरती को सुधारने में हम सभी एक साथ मिलकर कार्य करे. हमारा उदयपुर पर्यटन व्यवसाय पर आधारित है.
वंचित 720 कर्मचारियों को जल्द मिले स्थाई नियुक्ति पत्र : कटारिया
समारोह में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने वंचित 720 सफाई कर्मचारियों को भी जल्द ही नियुक्ति पत्र देने हेतु महापौर गोविंद सिंह टाक और उप महापौर व स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी को निर्देश दिए हैं. कटारिया ने कहा कि सभी आवश्यक कार्रवाई संपूर्ण करते हुए जो कर्मचारी नियुक्ति पत्र से वंचित रह गए हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई कर पत्र दिए जाएं.