जयपुर. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गांव में भी बढ़ते कोरोना संक्रमण पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने चिंता जताई है. कटारिया ने गहलोत सरकार से कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है.
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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार जन अनुशासन पखवाड़ा रखने के बावजूद भी कोरोना की चेन को नहीं तोड़ पाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर देश में पूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने की मांग की तो प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रभाव से मीटिंग कर पूर्ण लॉकडाउन की तैयारी की. इसको लेकर मंत्रिपरिषद की बैठक भी बुलाई और उसमें पांच मंत्रियों को लॉकडाउन की गाइडलाइन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई. लेकिन, इस बीच राहुल गांधी ने फिर से ट्वीट करते हुए संपूर्ण लॉकडाउन की खिलाफत की और सरकार फिर कंफ्यूज हुई.
सरकार हर दिन नई गाइडलाइन जारी कर रही है
इसके बाद गहलोत सरकार ने आनन-फानन में एक छोटी गाइडलाइन में संशोधन करते हुए लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी, लेकिन इस नए लॉकडाउन गाइडलाइन में भी कुछ नया नहीं था. कटारिया ने कहा कि पहले जन अनुशासन पखवाड़ा, फिर रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा और अब लॉकडाउन, सरकार हर दिन नई गाइडलाइन जारी कर रही है. लेकिन, इसके बावजूद भी गहलोत सरकार कोरोना की इस चेन को तोड़ने में पूरी तरीके से नाकाम रही है.
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कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार जो गाइडलाइन बना रही है, उसमें कुछ ज्यादा बदलाव नहीं करती है. सरकार पुरानी गाइडलाइन को को नए सिरे से मॉडिफाई कर जारी कर देती है. सरकार की तमाम गाइडलाइन कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में पूरी तरीके से नाकाम रही है. कटारिया ने कहा कि इस समय प्रदेश में जरूरत है कि सख्त कदम सरकार की तरफ से उठाई जाए ताकि इस कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके.
सरकार पूरी तरह से फेल
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 17 अप्रैल से सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास पूरी तरीके से नाकाफी और फेल साबित हुए हैं. सरकार सख्त कदम उठाने में पूरी तरह से नाकाम रही और इसकी वजह से आज कोरोना का संक्रमण गांव तक पैर पसार चुका है. गांव में बढ़ता कोरोना का संक्रमण एक बड़ी चुनौती है क्योंकि गांव में चिकित्सा सुविधाएं आज भी पूरी तरीके से नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि अब जिस तरीके से गांव में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसमें जितने भी सीएससी स्वास्थ्य केंद्र हैं वहां पर चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाए.