जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को आहोर की भूति ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के 2018 और 2019 में ऋण माफी को लेकर पूछे गए सवाल का मंत्री उदयलाल आंजना ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 और राजस्थान सहकारी सोसायटी नियम 2003 में रिऑडिट का कोई प्रावधान नहीं है. व्यवस्थापक की शैक्षणिक योग्यता स्नातक होनी चाहिए. इस पर विधायक ने कहा कि 2018 की ऋण माफी की सूची तो है, लेकिन 2019 में ऋण माफी की कोई सूची नहीं है. क्या यह पूरे राजस्थान में ऋण माफ नहीं हुआ या केवल आहोर में ही ऋण माफी नहीं हुई.
मंत्री ने कहा ऋण माफी सबकी की गई है. राजस्थान में पूरे में ऋण माफी हुई है. अगर आहोर के अंदर कोई छूट गया है तो उसके कारण बता दिए जाएंगे. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रश्न सीधा था कि एक सहकारी समिति भूति में 2018 से 2021 तक किन किसानों का लोन पास हुआ. इनमें से 678 लोगों के किसान ऋण माफ हुआ, उनकी लिस्ट दी गई है. लेकिन, जो 628 किसानों को कर्ज माफ नहीं हुआ है, तो क्या 2019 के बाद कोई कर्ज माफी नहीं हुई है.
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इस पर मंत्री ने कहा कि जिनके आगे जीरो लगा है. वह पात्रता नहीं रखते होंगे. सरकारी कर्मचारी या डिफाल्टर होगा. उसका ऋण माफ नहीं हुआ होगा. इसकी सूची दे दी जाएगी. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि यह तो एक ही सहकारी समिति का पूछा गया है. अगर पूरे प्रदेश की कर्जा माफी की जानकारी मांगी जाती, तो सरकार की कर्ज माफी की कलई खुल कर रह जाती. अगर एक समिति के रिकॉर्ड में ऐसा आया, तो संदेह होता है कि सब लोगों का कर्ज माफ हुआ है या नहीं. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने खड़े होकर साफ किया कि किस आधार पर यह जवाब लिखा गया है.