जयपुर. गुजरात कांग्रेस के विधायक दल की बैठक मंगलवार को राजधानी के शिव विलास रिसोर्ट में संपन्न हुई. इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यसभा में कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अभी इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है.
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा की राज्यसभा में अब दोनों प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन किस प्रत्याशी को पहली वरीयता पर रखा जाएगा इसका अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी करेंगी. वहीं, कांग्रेस का प्रयास है कि किसी भी तरीके से एनसीपी के एक विधायक और बीटीपी के 2 विधायकों को उनके राष्ट्रीय नेतृत्व से व्हिप जारी करवा दिया जाए. जिससे अगर वह विधायक कांग्रेस की जगह किसी और पार्टी को वोट करते हैं तो इसमें उनकी सदस्यता भी जा सकती है.
हालांकि अंतिम निर्णय सोनिया गांधी को लेना है और अगर इन तीन विधायकों को लेकर एनसीपी और बीटीपी की ओर से कांग्रेस को वोट देने का व्हिप जारी कर दिया जाता है, तो ऐसे में कांग्रेस की दूसरी सीट के लिए कुछ आस बन जाती है. दरअसल कांग्रेस के 73 विधायक थे. जिनमें से 5 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद उनके पास 68 विधायक बचते हैं.
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चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी को एक सीट के लिए 35 वोट की जरूरत है. पहली वरीयता वाले प्रत्याशी को कांग्रेस पार्टी एक वोट अतिरिक्त यानी 36 वोट दिलाएगी. ऐसे में दूसरे प्रत्याशी को भी जीत दिलाने के लिए 35 वोटों की आवश्यकता रह जाएगी और अगर बीटीपी के दो विधायक और एनसीपी का एक विधायक कांग्रेस को वोट दे देता है, तो उसके दोनों प्रत्याशी जीत सकते हैं.
लेकिन इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एनसीपी और बीटीपी का अपने विधायकों को व्हिप जारी करना होगा. अगर व्हिप का उल्लंघन विधायक करते हैं तो ऐसे में इनकी सदस्यता जाने का खतरा हो जाएगा. इसी के चलते अब अंतिम फैसला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ा गया है. कांग्रेस नेताओं की माने तो उनके कुछ नेता भाजपा के नेताओं के भी संपर्क में है, जिनसे क्रॉस वोटिंग करवाकर इन सीटों पर जीत मिल सके.