जयपुर. राजस्थान राज्य कर सेवा संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान संघ से जुड़े पदाधिकारी और कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने सहित विभिन्न फैसलों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया.
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में मोदी सरकार ने खुदरा में मिलने वाले आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहूं, बाजरा, ज्वार, दूध, दही, पनीर, छाछ आदि खाद्य पदार्थों पर (CM Gehlot Alleged Modi Government) जीएसटी लगाया, जो दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है.
गहलोत ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है, जो गरीबों के मुंह से निवाला छीनने के समान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय के विरोध में देशभर में मंडिया बंद रखी जा रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि इस कदम से जनता में कितना आक्रोश है. मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार से इस जनविरोधी कदम को अविलंब वापस लेने की मांग भी की.
कार्मिकों के हित में किए जाएंगे सेवा नियमों में संशोधनः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर करने और पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के लिए सेवा नियमों में संशोधन किए जाने की बात कही है. रविवार को राज्य कर सेवा संघ के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्व संग्रहण में वाणिज्य कर विभाग की अहम भूमिका है.
संपूर्ण राजस्व का लगभग 60 फीसदी संग्रहण इसी विभाग की ओर से किया जाता है. गहलोत ने कहा साल 2021 22 में वेट और जीएसटी को मिलाकर 48,112 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया. ये पिछले वर्ष की तुलना में 26 फीसदी अधिक है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है.