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सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन - jaipur news

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन.
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Published : Nov 25, 2020, 2:13 PM IST

जयपुर. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर में प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक के नेतृत्व में कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को सौंपा गया.

गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप.

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ज्ञापन में मुख्यमंत्री का ध्यान अल्पसंख्यकों से जुड़े विभिन्न बोर्ड के गठन के नहीं होने, स्कूल कॉलेजों में उर्दू शिक्षकों के पद नहीं भरने समेत मामलों की ओर आकर्षित किया. इस दौरान प्रदेश महामंत्री हामिद मेवाती सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार मुस्लिमों को केवल वोट बैंक की तरह यूज करती है, जबकि आज भी आरपीएससी में सदस्य बनाने में मुस्लिम समाज की अनदेखी हुई. उर्दू भाषा की तृतीय भाषा के रूप में मान्यता समाप्त करने की तैयारी की जा रही है.

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मोहम्मद सादिक के अनुसार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से कई पद खाली चल रहे हैं. वहीं, चिकित्सा विभाग में पिछले महा निकाली गई नियुक्ति में यूनानी डिग्री को मान्यता ही नहीं दी गई. इस तरह अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की गतिविधियां बंद हो गई. मदरसा बोर्ड को संविधानिक दर्जा मिलने के बाद भी अब तक कोई प्रगति नहीं हुई. इसके अलावा मेवात विकास बोर्ड का भी अब तक कोई गठन नहीं हुआ.

जयपुर. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर में प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक के नेतृत्व में कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को सौंपा गया.

गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग की अनदेखी का आरोप.

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ज्ञापन में मुख्यमंत्री का ध्यान अल्पसंख्यकों से जुड़े विभिन्न बोर्ड के गठन के नहीं होने, स्कूल कॉलेजों में उर्दू शिक्षकों के पद नहीं भरने समेत मामलों की ओर आकर्षित किया. इस दौरान प्रदेश महामंत्री हामिद मेवाती सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार मुस्लिमों को केवल वोट बैंक की तरह यूज करती है, जबकि आज भी आरपीएससी में सदस्य बनाने में मुस्लिम समाज की अनदेखी हुई. उर्दू भाषा की तृतीय भाषा के रूप में मान्यता समाप्त करने की तैयारी की जा रही है.

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मोहम्मद सादिक के अनुसार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से कई पद खाली चल रहे हैं. वहीं, चिकित्सा विभाग में पिछले महा निकाली गई नियुक्ति में यूनानी डिग्री को मान्यता ही नहीं दी गई. इस तरह अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की गतिविधियां बंद हो गई. मदरसा बोर्ड को संविधानिक दर्जा मिलने के बाद भी अब तक कोई प्रगति नहीं हुई. इसके अलावा मेवात विकास बोर्ड का भी अब तक कोई गठन नहीं हुआ.

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