ETV Bharat / city

वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर करे केंद्र सरकार, फिर चाहे पैसे लेकर दे दे राज्यों को : गोविंद सिंह डोटासरा - गोविंद सिंह डोटासरा

वैक्सीन और ऑक्सीजन को लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर करे, फिर चाहे पैसे लेकर राज्यों को दे दे. डोटासरा ने राजस्थान के भाजपा नेताओं को भी लपेटे में लिया है.

govind singh dotasra targeted on bjp leaders
गोविंद डोटासरा राजस्थान का तंज...
author img

By

Published : May 14, 2021, 2:36 PM IST

Updated : May 14, 2021, 3:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने आज एक बार फिर राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है. डोटासरा ने कहा कि जब भी कोई महामारी आती है तो दिक्कत होती है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सबसे बेहतर कोरोना मैनेजमेंट रहा.

गोविंद डोटासरा का तंज...

डोटासरा ने कहा कि यहां बेड की व्यवस्था, डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मियों, अफसरों, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ का योगदान बेहतर रहा है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि राजस्थान में कोरोना को लेकर अच्छा मैनेजमेंट रहा है. लेकिन अब राजस्थान में वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी है, जो केंद्र के हाथ में है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए प्रधानमंत्री को ग्लोबल टेंडर कर देश में लानी चाहिए न कि राज्यों को. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की कमी है, यही कारण है कि लोग कहते हैं कि 5 मिनट के लिए वैक्सीनेशन का स्लॉट खुलता है और फिर बंद हो जाता है.

पढ़ें : पायलट गुट के हाथ अब भी खाली...क्या राजस्थान में फिर बढ़ सकती है राजनीतिक हलचल ?

क्योंकि जितनी वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध है, इतनी देर के लिए ही स्लॉट खुल सकता है. उन्होंने केंद्र से सवाल पूछते हुए कहा कि क्यों वैक्सीन निर्माण के लिए तीन ही कंपनियों को लाइसेंस दिया जा रहा है. क्यों सीरम जैसी संस्थाएं 90 परसेंट दूसरे देशों से टेंडर कर चुकी हैं. ऐसी बातें तो प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है. राज्य सरकार केवल सुविधाएं, बेड, दवाइयां, उपलब्ध ऑक्सीजन का वितरण और प्रबंधन का काम कर सकती है, जो राजस्थान में मुख्यमंत्री लगातार सबसे सब वर्गों से चर्चा कर पूरा कर रहे हैं.

राजस्थान को चाहिए 795 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मिल रही है. 365 मीट्रिक टन 140 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन का अलॉटमेंट किया गया. राजस्थान को लेकिन जहां से ऑक्सीजन आएगी वह स्थान हजारों किलोमीटर दूर है. डोटासरा ने कहा कि जैसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार है. ऐसे में हमारी ड्यूटी बनती है कि हमारी व्यवस्था को कैसे दुरुस्त रख लोगों की जान बचाई जा सके. उसी तरीके से जब ऑक्सीजन, दवाइयों, संसाधनों की आवश्यकता है तो यह पूर्ती करना भी केंद्र की ड्यूटी है.

उन्होंने ऑक्सीजन को लेकर कहा कि, क्योंकि केंद्र ने पूरी ऑक्सीजन को अधिग्रहित कर लिया है और केंद्र हमें ऑक्सीजन देता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान राजस्थान को 795 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि राजस्थान को 366 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिया जा रहा है. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान को 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का और आवंटन कलिंग नगर, गोरनपुर से किया गया है. जिनकी दूरी राजस्थान से हजारों किलोमीटर ज्यादा है. जिसके चलते यह ऑक्सीजन राजस्थान उठा नहीं पा रहा है.

उन्होंने राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया को कहा कि पूनिया को अपने 25 सांसदों और तीन केंद्रीय मंत्रियों को साथ लेकर अपनी पार्टी के केंद्रीय नेताओं से प्रदेश का कोटा दिलवाना चाहिए. वहीं, उन्होंने पीएम केयर से मिले वेंटिलेटर को लेकर भी कहा कि केंद्र से हमें वेंटिलेटर मिले, उनमें से 70 फीसदी चल नहीं रहे हैं. हमारी सरकार ने भी लिख कर दे दिया है कि यह सही नहीं है. चल नहीं रहे हैं, लेकिन केंद्र से कमेटी पर कमेटी बन जाती है, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आता है.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने आज एक बार फिर राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है. डोटासरा ने कहा कि जब भी कोई महामारी आती है तो दिक्कत होती है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सबसे बेहतर कोरोना मैनेजमेंट रहा.

गोविंद डोटासरा का तंज...

डोटासरा ने कहा कि यहां बेड की व्यवस्था, डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मियों, अफसरों, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ का योगदान बेहतर रहा है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि राजस्थान में कोरोना को लेकर अच्छा मैनेजमेंट रहा है. लेकिन अब राजस्थान में वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी है, जो केंद्र के हाथ में है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए प्रधानमंत्री को ग्लोबल टेंडर कर देश में लानी चाहिए न कि राज्यों को. उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की कमी है, यही कारण है कि लोग कहते हैं कि 5 मिनट के लिए वैक्सीनेशन का स्लॉट खुलता है और फिर बंद हो जाता है.

पढ़ें : पायलट गुट के हाथ अब भी खाली...क्या राजस्थान में फिर बढ़ सकती है राजनीतिक हलचल ?

क्योंकि जितनी वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध है, इतनी देर के लिए ही स्लॉट खुल सकता है. उन्होंने केंद्र से सवाल पूछते हुए कहा कि क्यों वैक्सीन निर्माण के लिए तीन ही कंपनियों को लाइसेंस दिया जा रहा है. क्यों सीरम जैसी संस्थाएं 90 परसेंट दूसरे देशों से टेंडर कर चुकी हैं. ऐसी बातें तो प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है. राज्य सरकार केवल सुविधाएं, बेड, दवाइयां, उपलब्ध ऑक्सीजन का वितरण और प्रबंधन का काम कर सकती है, जो राजस्थान में मुख्यमंत्री लगातार सबसे सब वर्गों से चर्चा कर पूरा कर रहे हैं.

राजस्थान को चाहिए 795 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मिल रही है. 365 मीट्रिक टन 140 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन का अलॉटमेंट किया गया. राजस्थान को लेकिन जहां से ऑक्सीजन आएगी वह स्थान हजारों किलोमीटर दूर है. डोटासरा ने कहा कि जैसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार है. ऐसे में हमारी ड्यूटी बनती है कि हमारी व्यवस्था को कैसे दुरुस्त रख लोगों की जान बचाई जा सके. उसी तरीके से जब ऑक्सीजन, दवाइयों, संसाधनों की आवश्यकता है तो यह पूर्ती करना भी केंद्र की ड्यूटी है.

उन्होंने ऑक्सीजन को लेकर कहा कि, क्योंकि केंद्र ने पूरी ऑक्सीजन को अधिग्रहित कर लिया है और केंद्र हमें ऑक्सीजन देता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान राजस्थान को 795 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि राजस्थान को 366 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिया जा रहा है. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान को 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का और आवंटन कलिंग नगर, गोरनपुर से किया गया है. जिनकी दूरी राजस्थान से हजारों किलोमीटर ज्यादा है. जिसके चलते यह ऑक्सीजन राजस्थान उठा नहीं पा रहा है.

उन्होंने राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया को कहा कि पूनिया को अपने 25 सांसदों और तीन केंद्रीय मंत्रियों को साथ लेकर अपनी पार्टी के केंद्रीय नेताओं से प्रदेश का कोटा दिलवाना चाहिए. वहीं, उन्होंने पीएम केयर से मिले वेंटिलेटर को लेकर भी कहा कि केंद्र से हमें वेंटिलेटर मिले, उनमें से 70 फीसदी चल नहीं रहे हैं. हमारी सरकार ने भी लिख कर दे दिया है कि यह सही नहीं है. चल नहीं रहे हैं, लेकिन केंद्र से कमेटी पर कमेटी बन जाती है, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं आता है.

Last Updated : May 14, 2021, 3:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.