जयपुर. राजस्थान में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच ईस्ट राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर शुक्रवार को जल जीवन मिशन सम्मेलन में नोकझोंक हुई. अब यह नोकझोंक इस्तीफे और राजनीति छोड़ने तक पहुंच गई है. पहले जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पीएम नरेंद्र मोदी के 2018 के जयपुर और अजमेर में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर दिए गए बयान की क्लिपिंग जारी की. इसके बाद राजस्थान कांग्रेस की ओर से यह क्लिपिंग जारी की गई.
साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एक केंद्रीय मंत्री के प्रधानमंत्री के किए गए वादे को खंडन करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हो या फिर जलदाय मंत्री महेश जोशी उन्होंने गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजनीति छोड़ने के बयान का जिक्र तो किया, लेकिन उनसे इस्तीफा नहीं मांगा. लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा इसमें पीछे नहीं रहे (Dotasra demands resignation of Gajendra Singh Shekhawat) और उन्होंने प्रधानमंत्री का राजस्थान कांग्रेस की ओर से पोस्ट किया गया वीडियो रीट्वीट कर लिखा कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई'. गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके आगे लिखा कि इन पंक्तियों को मानते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत आप अपना वचन निभाएं और राजनीतिक संन्यास ले लें.
बता दें कि शुक्रवार को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रधानमंत्री की ओर से किए गए ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर वादे को याद दिलाया. इसपर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अजमेर में अगर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी इस प्रोजेक्ट को लेकर कहा हो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा नहीं तो आप और मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ देना. जिसके बाद खुद महेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजमेर में दिए गए भाषण कि क्लिपिंग जारी की, जिसमें उन्होंने ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर अपनी बात रखी थी.
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