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डूंगरपुर उपद्रव को लेकर बोले डोटासरा, कहा- मांग अगर जायज होगी तो सरकार नौकरी देने को तैयार - Govind Singh Dotasara statement

डूंगरपुर में हो रही हिंसा को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आंदोलनरत लोग सरकार से बात करें. उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है. प्रदेश में एक नासमझ तबका ऐसा है जो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने पर अशांति का माहौल बनाता है.

Govind Singh Dotasara statement,  Dungarpur violent protests
गोविंद सिंह डोटासरा
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Published : Sep 25, 2020, 3:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान में शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को ST वर्ग से भरने की मांग को लेकर कांकरी-डूंगरी पहाड़ी पर चल रहा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन गुरुवार को उग्र हो गया है. यह प्रदर्शन शुक्रवार को भी उग्रता के साथ चल रहा है. मांगें पूरी नहीं होने पर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर खूब हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की.

डूंगरपुर उपद्रव को लेकर बोले डोटासरा

इस मामले को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की सरकार बच्चों को नौकरी देने के लिए हमेशा तैयार है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ नासमझ लोग प्रदेश में ऐसे हैं जो राजस्थान में अशांति का माहौल बनाना चाहते हैं. जब कांग्रेस का शासन रहता है तो ऐसे लोगों की फितरत हमेशा ही अशांति फैलाने की भावना रहती है.

पढ़ें- डूंगरपुर हिंसक आंदोलन पर CM गहलोत ने कहा- किसी के साथ अन्याय नहीं होगा

राजस्थान सरकार फैसला करने को तैयार

डोटासरा ने कहा कि उन लोगों के बहकावे में आकर कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की, जो बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने इन छात्रों से आग्रह करते हुए कहा कि वहां के जनप्रतिनिधि आए और मुख्यमंत्री से बैठ कर बात करें. अगर किसी भी तरीके से कानून के तहत 1 फीसदी आधार होगा और एक भी बच्चे को नौकरी मिलती है तो राजस्थान की सरकार फैसला करने को तैयार है.

'कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं'

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार नौकरी देना चाहती है, लेकिन कानून को किसी भी व्यक्ति को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून सबसे बड़ा है, मांग अगर जायज होगी तो हम नौकरी देने को तैयार हैं. लेकिन कानून के ऊपर कोई नहीं है. इसके साथ ही डोटासरा ने कहा कि 1167 पदों पर भर्ती जनरल कोटे की बची हुई है.

पढ़ें- डूंगरपुर उपद्रव Update : उपद्रव एवं हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं- CM

डोटासरा ने कहा कि इसे लेकर एसटी वर्ग के बच्चे कोर्ट में गए थे कि जनरल कोटे में जो पद है उनमें से एसटी वर्ग को 36 फीसदी पर नौकरियां दी जाए. कोर्ट से उन्हें राहत तो मिली, लेकिन जनरल कैटेगरी जब उस फैसले को चुनौती देने डिविजनल बेंच के सामने गए तो डिविजनल बेंच ने यह कह दिया कि इस मामले में जनरल को रिलैक्सेशन दिया जाए.

जिस तरह से उपद्रव हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण

फैसला आने के बाद कोई भी पक्ष इसे एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने नहीं पहुंचा, लेकिन उसके बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कमेटी बनाई और मुझसे भी बीटीपी के विधायक मिले. हमने बच्चों को समझाने का प्रयास किया है कि कानून की स्थिति यह है कि एसटी वर्ग उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनको एसएलपी करने का अधिकार था लेकिन आप लोगों ने एसएलपी दायर नहीं की. लेकिन मुख्यमंत्री ने इसके बावजूद भी कमेटी बनाई है लेकिन अब जिस तरीके से उपद्रव हो रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

जयपुर. राजस्थान में शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को ST वर्ग से भरने की मांग को लेकर कांकरी-डूंगरी पहाड़ी पर चल रहा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन गुरुवार को उग्र हो गया है. यह प्रदर्शन शुक्रवार को भी उग्रता के साथ चल रहा है. मांगें पूरी नहीं होने पर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर खूब हंगामा मचाया और तोड़फोड़ की.

डूंगरपुर उपद्रव को लेकर बोले डोटासरा

इस मामले को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की सरकार बच्चों को नौकरी देने के लिए हमेशा तैयार है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ नासमझ लोग प्रदेश में ऐसे हैं जो राजस्थान में अशांति का माहौल बनाना चाहते हैं. जब कांग्रेस का शासन रहता है तो ऐसे लोगों की फितरत हमेशा ही अशांति फैलाने की भावना रहती है.

पढ़ें- डूंगरपुर हिंसक आंदोलन पर CM गहलोत ने कहा- किसी के साथ अन्याय नहीं होगा

राजस्थान सरकार फैसला करने को तैयार

डोटासरा ने कहा कि उन लोगों के बहकावे में आकर कुछ उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की, जो बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने इन छात्रों से आग्रह करते हुए कहा कि वहां के जनप्रतिनिधि आए और मुख्यमंत्री से बैठ कर बात करें. अगर किसी भी तरीके से कानून के तहत 1 फीसदी आधार होगा और एक भी बच्चे को नौकरी मिलती है तो राजस्थान की सरकार फैसला करने को तैयार है.

'कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं'

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार नौकरी देना चाहती है, लेकिन कानून को किसी भी व्यक्ति को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कानून सबसे बड़ा है, मांग अगर जायज होगी तो हम नौकरी देने को तैयार हैं. लेकिन कानून के ऊपर कोई नहीं है. इसके साथ ही डोटासरा ने कहा कि 1167 पदों पर भर्ती जनरल कोटे की बची हुई है.

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डोटासरा ने कहा कि इसे लेकर एसटी वर्ग के बच्चे कोर्ट में गए थे कि जनरल कोटे में जो पद है उनमें से एसटी वर्ग को 36 फीसदी पर नौकरियां दी जाए. कोर्ट से उन्हें राहत तो मिली, लेकिन जनरल कैटेगरी जब उस फैसले को चुनौती देने डिविजनल बेंच के सामने गए तो डिविजनल बेंच ने यह कह दिया कि इस मामले में जनरल को रिलैक्सेशन दिया जाए.

जिस तरह से उपद्रव हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण

फैसला आने के बाद कोई भी पक्ष इसे एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने नहीं पहुंचा, लेकिन उसके बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कमेटी बनाई और मुझसे भी बीटीपी के विधायक मिले. हमने बच्चों को समझाने का प्रयास किया है कि कानून की स्थिति यह है कि एसटी वर्ग उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उनको एसएलपी करने का अधिकार था लेकिन आप लोगों ने एसएलपी दायर नहीं की. लेकिन मुख्यमंत्री ने इसके बावजूद भी कमेटी बनाई है लेकिन अब जिस तरीके से उपद्रव हो रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

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