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उपचुनाव में जीत के बाद PCC चीफ डोटासरा को मिल सकता है कैबिनेट मंत्री का तोहफा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस पंचायत, जिला परिषद और निकाय चुनावों में बेहतर परफॉर्मेंस पहले ही कर चुकी है. अब उपचुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मजबूत हुए हैं. हालांकि, राजसमंद सीट से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन कांग्रेस की रणनीति के चलते यहां भी कांटे की टक्कर रही. बीजेपी कम अंतर से ही यहां चुनाव जीत पाई है.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा
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Published : May 3, 2021, 11:46 PM IST

जयपुर. प्रदेश की तीन सीटों पर हुए पर उपचुनाव नतीजों ने कई बड़े नेताओं की साख को बचा लिया है. तीन में से दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद जहां सीएम अशोक गहलोत की साख कांग्रेस आलाकमान कमान की नजर में और बढ़ी है. वहीं प्रदेश में पीसीसी चीफ गोविदं सिंह डोटासरा भी कद्दावर नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं. उपचुनाव में हुई जीत से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कद पार्टी में बढ़ा है और आने वाले दिनों में इसका उन्हें बड़ा तोहफा भी मिल सकता है.

सूत्रों की माने तो उपचुनाव के बाद कद्दावर नेता के रूप में उभरकर सामने आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं. डोटासरा अभी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन में डोटासरा का पूरा दखल रहने वाला है.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री का प्रधानमंत्री पर कटाक्ष : हिंदुत्व की लहर के अलावा नरेंद्र मोदी की कोई उपलब्धि नहीं...बंगाल की हार इतिहास में दर्ज हुई

सुजानगढ़ में ली थी जीत की जिम्मेदारी

वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सुजानगढ़ उपचुनाव में जीत की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी. डोटासरा लगातार वहां डेरा डालकर चुनावी प्रबंधन संभाले थे और सजातीय वोटों को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, जिसमें वे सफल हो पाए. डोटासरा की रणनीति के चलते ही सुजानगढ़ में कांग्रेस बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रही.

यह भी पढ़ें: CM गहलोत की केंद्र सरकार से अपील- राजस्थान की सहायता करें, हमारे लिए एक-एक व्यक्ति की जान कीमती

कभी पायलट तो अब गहलोत के विश्वस्त

डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के करीबी माने जाते थे. लेकिन बीते साल सरकार पर आए संकट के दौरान डोटासरा ने पायलट का साथ छोड़ गहलोत कैंप का साथ दिया था. इस पर सियासी संकट के दौरान ही कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को अध्यक्ष पद से हटाकर डोटासरा को नया पीसीसी चीफ बनाया था. उसके बाद से ही डोटासरा मुख्यमंत्री गहलोत के बेहद करीबी नेताओं में शुमार हैं.

जयपुर. प्रदेश की तीन सीटों पर हुए पर उपचुनाव नतीजों ने कई बड़े नेताओं की साख को बचा लिया है. तीन में से दो सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद जहां सीएम अशोक गहलोत की साख कांग्रेस आलाकमान कमान की नजर में और बढ़ी है. वहीं प्रदेश में पीसीसी चीफ गोविदं सिंह डोटासरा भी कद्दावर नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं. उपचुनाव में हुई जीत से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कद पार्टी में बढ़ा है और आने वाले दिनों में इसका उन्हें बड़ा तोहफा भी मिल सकता है.

सूत्रों की माने तो उपचुनाव के बाद कद्दावर नेता के रूप में उभरकर सामने आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं. डोटासरा अभी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन में डोटासरा का पूरा दखल रहने वाला है.

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सुजानगढ़ में ली थी जीत की जिम्मेदारी

वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सुजानगढ़ उपचुनाव में जीत की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी. डोटासरा लगातार वहां डेरा डालकर चुनावी प्रबंधन संभाले थे और सजातीय वोटों को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, जिसमें वे सफल हो पाए. डोटासरा की रणनीति के चलते ही सुजानगढ़ में कांग्रेस बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रही.

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कभी पायलट तो अब गहलोत के विश्वस्त

डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के करीबी माने जाते थे. लेकिन बीते साल सरकार पर आए संकट के दौरान डोटासरा ने पायलट का साथ छोड़ गहलोत कैंप का साथ दिया था. इस पर सियासी संकट के दौरान ही कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को अध्यक्ष पद से हटाकर डोटासरा को नया पीसीसी चीफ बनाया था. उसके बाद से ही डोटासरा मुख्यमंत्री गहलोत के बेहद करीबी नेताओं में शुमार हैं.

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