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कृषि कानून, घनश्याम तिवाड़ी और रामलाल शर्मा के बयानों पर बरसे डोटासरा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को कृषि कानून को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कोरोना काल में बंद कमरे में बैठकर कृषि कानून बनाए गए हैं. साथ ही उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी के कांग्रेस में अंतर्कलह के बयान पर पलटवार किया.

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Published : Dec 12, 2020, 10:43 PM IST

Govind Singh Dotasara,  Rajasthan News
गोविंद सिंह डोटासरा

जयपुर. उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कोरोना काल में बंद कमरे में बैठकर कृषि कानून बनाए गए हैं. ये कहना है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का. डोटासरा ने केंद्र के कृषि कानूनों को काले कानून बताते हुए राजस्थान में लागू नहीं किए जाने की बात कही. साथ ही घनश्याम तिवाड़ी के कांग्रेस में अंतर्कलह के बयान पर पलटवार किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा को कुमावत समाज को लेकर दिए गए बयान पर घेरते हुए कहा कि भाजपा की रीति नीति सामने आ रही है.

डोटासरा ने भाजपा पर साधा निशाना

डोटासरा ने कृषि कानून को लेकर कहा कि किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है और अब यदि फैसला नहीं होता है तो राजस्थान के किसान दिल्ली कूच कर चुके हैं और कल से ये कारवां बढ़ता जाएगा. इसके बाद केंद्र सरकार को मजबूर होकर इन काले कानूनों को वापस लेना पड़ेगा. कांग्रेस तीनों काले कानूनों के खिलाफ है.

कृषि कानून जनता के खिलाफ

कृषि कानूनों पर आरएलपी के स्टैंड पर उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून समझ में नहीं आता है जो जनता के खिलाफ है तो किसी भी जनप्रतिनिधि को चाहे वो कोई भी पार्टी हो उसका विरोध करना चाहिए. कांग्रेस के जिन 8 सांसदों ने विरोध किया उनको बाहर निकाल दिया और निलंबित कर दिया और बहुमत नहीं होते हुए भी बिल पास करा लिया.

पढ़ें- डोटासरा ने PM मोदी पर किया कटाक्ष, कहा- देश को झूठ बोलने वाला अनुशासनहीन प्रधानमंत्री मिला है

डोटासरा ने कहा कि अब ये विचारनीय प्रश्न है कि जिस कानून को 120 करोड़ जनता और 70 करोड़ किसानों के हित में बता रहे हैं, उसे बंद कमरे में गुपचुप कोरोना काल में उद्योगपतियों के साथ बैठकर साइन किए गए. ऐसे में सबके समझ में आता है कि ये कानून किसके लिए लाया गया. कृषि का विषय राज्य का होने के बावजूद इस तरह के बिल लाकर किसान की उपज पर डाका क्यों डाला गया.

घनश्याम तिवाड़ी के बयान पर पलटवार

इस दौरान उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें नई पार्टी बनानी चाहिए थी, जो उन्होंने बनाई भी थी. बीजेपी में दूसरी पार्टियों से 1000 गुना ज्यादा कलह है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में कोई कलह नहीं है. घनश्याम तिवाड़ी पार्टी छोड़ कर दोबारा बीजेपी क्यों ज्वाइन की, ये नहीं पता. डोटासरा ने कहा कि सतीश पूनिया का जो बयान आया है, वो इस पहेली को सुलझाने के लिए पर्याप्त होगा कि राजस्थान में किसी बड़े चेहरे की आवश्यकता नहीं है. यानी घनश्याम तिवाड़ी आ तो गए, लेकिन वो कोई बड़ा चेहरा नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा का बयान निंदनीय

डोटासरा ने बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा के बयान पर कहा कि वो ये कहते हैं कि अगर वोट दें तभी कुमावत समाज को सम्मान दूंगा. इससे निंदनीय बयान कोई हो नहीं सकता. ऐसी फौज बनाकर क्या भारतीय जनता पार्टी और मोदी, अमित शाह राजस्थान में बीजेपी का शासन कायम करना चाहते हैं. प्रदेश की जनता ने देखा है कुमावत समाज स्वाभिमानी समाज है. उसका इस प्रदेश के निर्माण में और विकास में बड़ा योगदान है. उसे ललकारना और अपमानित करना, ये भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को दर्शाता है.

जयपुर. उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कोरोना काल में बंद कमरे में बैठकर कृषि कानून बनाए गए हैं. ये कहना है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का. डोटासरा ने केंद्र के कृषि कानूनों को काले कानून बताते हुए राजस्थान में लागू नहीं किए जाने की बात कही. साथ ही घनश्याम तिवाड़ी के कांग्रेस में अंतर्कलह के बयान पर पलटवार किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा को कुमावत समाज को लेकर दिए गए बयान पर घेरते हुए कहा कि भाजपा की रीति नीति सामने आ रही है.

डोटासरा ने भाजपा पर साधा निशाना

डोटासरा ने कृषि कानून को लेकर कहा कि किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है और अब यदि फैसला नहीं होता है तो राजस्थान के किसान दिल्ली कूच कर चुके हैं और कल से ये कारवां बढ़ता जाएगा. इसके बाद केंद्र सरकार को मजबूर होकर इन काले कानूनों को वापस लेना पड़ेगा. कांग्रेस तीनों काले कानूनों के खिलाफ है.

कृषि कानून जनता के खिलाफ

कृषि कानूनों पर आरएलपी के स्टैंड पर उन्होंने कहा कि अगर कोई कानून समझ में नहीं आता है जो जनता के खिलाफ है तो किसी भी जनप्रतिनिधि को चाहे वो कोई भी पार्टी हो उसका विरोध करना चाहिए. कांग्रेस के जिन 8 सांसदों ने विरोध किया उनको बाहर निकाल दिया और निलंबित कर दिया और बहुमत नहीं होते हुए भी बिल पास करा लिया.

पढ़ें- डोटासरा ने PM मोदी पर किया कटाक्ष, कहा- देश को झूठ बोलने वाला अनुशासनहीन प्रधानमंत्री मिला है

डोटासरा ने कहा कि अब ये विचारनीय प्रश्न है कि जिस कानून को 120 करोड़ जनता और 70 करोड़ किसानों के हित में बता रहे हैं, उसे बंद कमरे में गुपचुप कोरोना काल में उद्योगपतियों के साथ बैठकर साइन किए गए. ऐसे में सबके समझ में आता है कि ये कानून किसके लिए लाया गया. कृषि का विषय राज्य का होने के बावजूद इस तरह के बिल लाकर किसान की उपज पर डाका क्यों डाला गया.

घनश्याम तिवाड़ी के बयान पर पलटवार

इस दौरान उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें नई पार्टी बनानी चाहिए थी, जो उन्होंने बनाई भी थी. बीजेपी में दूसरी पार्टियों से 1000 गुना ज्यादा कलह है. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में कोई कलह नहीं है. घनश्याम तिवाड़ी पार्टी छोड़ कर दोबारा बीजेपी क्यों ज्वाइन की, ये नहीं पता. डोटासरा ने कहा कि सतीश पूनिया का जो बयान आया है, वो इस पहेली को सुलझाने के लिए पर्याप्त होगा कि राजस्थान में किसी बड़े चेहरे की आवश्यकता नहीं है. यानी घनश्याम तिवाड़ी आ तो गए, लेकिन वो कोई बड़ा चेहरा नहीं है.

बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा का बयान निंदनीय

डोटासरा ने बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा के बयान पर कहा कि वो ये कहते हैं कि अगर वोट दें तभी कुमावत समाज को सम्मान दूंगा. इससे निंदनीय बयान कोई हो नहीं सकता. ऐसी फौज बनाकर क्या भारतीय जनता पार्टी और मोदी, अमित शाह राजस्थान में बीजेपी का शासन कायम करना चाहते हैं. प्रदेश की जनता ने देखा है कुमावत समाज स्वाभिमानी समाज है. उसका इस प्रदेश के निर्माण में और विकास में बड़ा योगदान है. उसे ललकारना और अपमानित करना, ये भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को दर्शाता है.

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