जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को जयपुर स्थित इंद्रलोक सभागार में अधिवक्ता परिषद की ओर से आयोजित संविधान दिवस समारोह में शिरकत की. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान को लेकर अपनी बातें रखी.
उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की प्रशंसा की और संविधान में वर्णित पर्यावरण बचाने के कर्तव्य की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा कि वह विश्वविद्यालयों को यह कहने जा रहे हैं कि वहां के विद्यार्थियों को मूल कर्तव्य और मूल अधिकारों की जानकारी प्रदान की जाए.
राज्यपाल ने कहा कि भारत एक देश में एक राष्ट्र है. उसकी संस्कृति उसकी अपनी भारतीयता है, इसको स्थापित करने के लिए हर नागरिक को अपने मौलिक कर्तव्यों का पता होना चाहिए. राष्ट्र एकता को बनाए रखने में यह मौलिक कर्तव्य महत्व रखते हैं. वहीं, जब राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्राकृतिक पर्यावरण को बचाने के मूल कर्तव्य के बारे में बताया तो राज्यपाल ने कहा कि यदि संविधान का पालन करते तो लोग पराली नहीं जलाते. उस समय हमारे संविधान निर्माताओं ने भी पर्यावरण की चिंता की थी. पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है.
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उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को संविधान की जानकारी होना जरूरी है, नहीं तो आतंकवादियों के पक्ष में नारे नहीं लगते और देश को खंडित करने के नारे नहीं लगते. कलराज ने कहा कि आज क्षेत्रवाद के आधार पर क्षेत्र बनाने की मांग उठ रही है, इस तरह की हरकत देश में हो रही है.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने अनुच्छेद 370 का भी जिक्र करते हुए कहा कि जब नेहरू जी के समय अनुच्छेद 370 को लगाया गया था तो उन्होंने कहा कि यह अस्थाई अनुच्छेद है और इसे कभी भी हटाया जा सकता है. जब संसद से कोई कानून पास होकर देश में लागू होता था तो कहा जाता था कि जम्मू-कश्मीर को छोड़कर यह कानून पूरे देश में लागू है. यह बात देश के हर नागरिक को खलती थी, अपने ही देश में रहकर हम कहीं जा नहीं सकते, जमीन नहीं खरीद सकते, कुछ नहीं कर सकते.
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मिश्र ने कहा कि एक शासक की ओर से प्रबल इच्छाशक्ति के चलते इस अनुच्छेद को समाप्त कर दिया गया. अनुच्छेद 370 को हटा कर एक मिसाल पेश की गई. पहले अनुछेद 370 हटाने पर हमें डराया जाता था, कुछ भी होने का भय दिखाया जाता था.
विश्विद्यालय विद्यार्थियों को दे मूल कर्तव्य और मूल अधिकारों की जानकारी
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि मैं विश्वविद्यालय को कहने जा रहा हूं कि विद्यार्थियों को मूल कर्तव्य और मूल अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाए. राज्यपाल ने समारोह में मौजूद अधिवक्ताओं से कहा कि यदि किसी कार्यक्रम में जाते हैं या उनको बुलाया जाता है तो विद्यार्थियों को मौलिक कर्तव्य और मौलिक अधिकारों के बारे में जरूर जानकारी दें ,यह उनकी सबसे बड़ी सेवा होगी. इस अवसर पर न्यायाधिपति संजीव प्रकाश शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे.