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राज्यपाल मिश्र ने लौटाया राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2020, जानिए क्यों...

राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2020 राजस्थान विधानसभा को पुनर्विचार करने के लिए लौटा दिया है.

Governor Kalraj Mishra, Rajasthan Legislative Assembly
राज्यपाल मिश्र
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Published : Sep 9, 2021, 12:10 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 1:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के छठवें सत्र का तीसरा चरण आज शुरू हुआ. विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल के उस संदेश से हुई, जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2020 को वापस लौटा दिया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आर्टिकल 200 के तहत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए बिल को राजस्थान विधानसभा को दोबारा विचार करने के लिए भेज दिया.

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा की कार्रवाई शुक्रवार 11:00 बजे तक के लिए हुई स्थगित

राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान विधानसभा को भेजे अपने संदेश के जरिए कहा कि राजस्थान एडवोकेट वेलफेयर फंड (अमेंडमेंट) 2020 राजस्थान असेंबली से 7 मार्च 2020 को पास किया गया और मार्च 24 को राजभवन मेरी स्वीकृति के लिए भेजा. लेकिन इस बिल में कई तरीके की आपत्तियां प्राप्त हुई. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान और विभिन्न डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने इस बिल को लेकर कई आपत्ति दर्ज की है.

सीपी जोशी

राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नए वकीलों की लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन फीस को 17,500 से बढ़ाकर 30,000 करने का निर्णय लिया, लेकिन राजस्थान विधानसभा से पास हुए इस बिल के जरिए राजस्थान सरकार ने नए वकीलों को लाइफ टाइम सब्सक्रिप्शन के लिए 1 लाख रुपये और स्टाम्प फीस 25 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दी है.

मिश्र ने अपने संदेश में कहा कि नए वकीलों का लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन के तौर 1 लाख देना असंभव है ओर इस तरीके की बढ़ोतरी से न्याय भी महंगा होगा. इस बिल में परिवर्तन राजस्थान विधानसभा से ही किया जा सकता है, ऐसे में यह बिल राज्यपाल को आर्टिकल 200 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा को इस बिल पर पुनर्विचार करने के लिए लौटा रहा हूं.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के छठवें सत्र का तीसरा चरण आज शुरू हुआ. विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल के उस संदेश से हुई, जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2020 को वापस लौटा दिया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आर्टिकल 200 के तहत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए बिल को राजस्थान विधानसभा को दोबारा विचार करने के लिए भेज दिया.

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राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान विधानसभा को भेजे अपने संदेश के जरिए कहा कि राजस्थान एडवोकेट वेलफेयर फंड (अमेंडमेंट) 2020 राजस्थान असेंबली से 7 मार्च 2020 को पास किया गया और मार्च 24 को राजभवन मेरी स्वीकृति के लिए भेजा. लेकिन इस बिल में कई तरीके की आपत्तियां प्राप्त हुई. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान और विभिन्न डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने इस बिल को लेकर कई आपत्ति दर्ज की है.

सीपी जोशी

राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नए वकीलों की लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन फीस को 17,500 से बढ़ाकर 30,000 करने का निर्णय लिया, लेकिन राजस्थान विधानसभा से पास हुए इस बिल के जरिए राजस्थान सरकार ने नए वकीलों को लाइफ टाइम सब्सक्रिप्शन के लिए 1 लाख रुपये और स्टाम्प फीस 25 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दी है.

मिश्र ने अपने संदेश में कहा कि नए वकीलों का लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन के तौर 1 लाख देना असंभव है ओर इस तरीके की बढ़ोतरी से न्याय भी महंगा होगा. इस बिल में परिवर्तन राजस्थान विधानसभा से ही किया जा सकता है, ऐसे में यह बिल राज्यपाल को आर्टिकल 200 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा को इस बिल पर पुनर्विचार करने के लिए लौटा रहा हूं.

Last Updated : Sep 9, 2021, 1:43 PM IST
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