जयपुर. वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अंतर विश्वविद्यालीय अध्यापक शिक्षा केंद्र की ओर से मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर प्राचीन ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा पर वेबिनार आयोजित किया गया. इस वेबिनार को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा, सम्पूर्ण विकास, जड़ से जग तक और मानव से मानवता तक की बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समावेशित है.
राज्यपाल ने संबोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति में आधुनिक शिक्षा से प्राचीन भारतीय ज्ञान को जोड़ने से आमजन संस्कारित होगा. साथ ही शिक्षा के साथ संस्कार का होना आवश्यक है. ऐसे में भारत में सांस्कृतिक रूप से बेशुमार भाषाओं और बोलियों के साथ-साथ शास्त्रीय नृत्य व संगीत लोक कला की विकसित परंपराएं, उम्दा वास्तुकला सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में भारत की समग्रता और भारतीय संस्कृति में विविधता में एकता को प्रदर्शित करती है.
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कलराज मिश्र ने कहा कि विश्व धरोहर के लिए विरासत को ना केवल भावी पीढ़ी के लिए उचित और संरक्षित किया जाना आवश्यक है, बल्कि हमारी शिक्षा प्रणाली के जरिए उन्हें बढ़ाना और इन्हें नए तरीके से उपयोग में लाना भी जरूरी है. राज्यपाल ने कहा कि 185 वर्षों के बाद भारतीयता पर यह शिक्षा नीति बनी है, जो भारत के संदर्भ में ज्ञान की प्राचीन परंपरा को बताएगी. ऐसे में राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को भारतीयता और भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ाने वाला बताया है.