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किसानों की समृद्धि और विकास के लिए सभी मिलकर कार्य करें : राज्यपाल कलराज मिश्र - Udaipur news

उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चौदहवें दीक्षान्त समारोह को राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों को भी आगे आकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया है.

MPUAT का दीक्षान्त समारोह, Udaipur news
MPUAT का दीक्षान्त समारोह
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Published : Dec 24, 2020, 7:13 PM IST

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में विकास के जरिए राज्यों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही किसानों की समृद्धि और विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने इसमें कृषि विश्वविद्यालयों को भी आगे आकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया है. मिश्र गुरुवार को राजभवन से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के चैदहवें ऑनलाइन दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे.

MPUAT का दीक्षान्त समारोह

राज्यपाल कलराज मिश्र प्रदेश में स्थान-विशेष में पानी की उपलब्धता, जलवायु और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के हिसाब से खेतों में बोए जाने वाले उन्नत बीजों पर कार्य करने, किसानों को प्रसार शिक्षा के तहत आधुनिक कृषि तकनीक, ज्ञान से निरन्तर लाभान्वित किए जाने का भी विश्वविद्यालयों से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास यह होना चाहिए कि कैसे किसानों को कृषि से अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा कृषि और कृषकों के विकास के लिए उठाये गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि खेत और किसान समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों को किसानों तक अधिकाधिक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि कृषि के जरिए अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कृषि शिक्षण, अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों की दक्षता वृद्धि के लिए अधिक से अधिक किए जाने पर भी जोर दिया.

मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि क्षेत्र की वर्तमान, प्रत्याशित और अप्रत्याशित समस्याओं का कारगर ढंग से समाधान करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि अनुसंधान की ऐसी संस्कृति को प्रोत्साहन दे जिसमें वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से खेती और इसे करने वाले किसानों का व्यापक स्तर पर भला हो सके.

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राज्यपाल ने प्रसार तंत्र के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों की सहायता से नवीन प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार प्रभावी ढंग से करने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों के परम्परागत ज्ञान को सहेजने और उस ज्ञान के आधुनिकीकरण आदि पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत कृषि से सम्बंधित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की पहल करें. कृषि विपणन, प्रबंधन, फसल भंडारण आदि के जरिये खेती, किसानों के विकास के लिए शिक्षण, शोध एवं प्रसार शिक्षा कर तहत निरन्तर प्रभावी कार्य करे.

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कुलाधिपति ने कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केंद्रों को उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने, अंतराष्ट्रीय स्तर पर कृषि परियोजनाओं के साझाकरण के प्रयासों की सराहना की. राज्यपाल ने इस मौके पर संविधान उद्यान का लोकार्पण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित रिन्यूएबल एनर्जी, वीमेन एंड डाइवर्सिटी, बायोमास प्रोडक्शन पुस्तकों का लोकार्पण किया. पूर्व में उन्होंने विद्यार्थियों को ऑनलाइन उपाधियां, विद्यावाचस्पति दीक्षा, स्वर्ण पदक प्रदान करने के साथ ही दीपिका कल्याण को ‘चांसलर्स गोल्ड मैडल‘ प्रदान किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का भी वाचन कराया. राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में कृषि क्षेत्र में विकास के लिए कृषि शिक्षा के सुनियोजित प्रसार की आवश्यकता जताई.

नेशनल रेन्फेड एरिया अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अशोक दलवई ने दीक्षान्त भाषण में कृषि शिक्षा के नवाचारों में वैश्विक दृष्टि रखते हुए कार्य करने पर जोर दिया. कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. ऑनलाइन समारोह में राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने भी भाग लिया.

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में विकास के जरिए राज्यों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही किसानों की समृद्धि और विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने इसमें कृषि विश्वविद्यालयों को भी आगे आकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया है. मिश्र गुरुवार को राजभवन से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के चैदहवें ऑनलाइन दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे.

MPUAT का दीक्षान्त समारोह

राज्यपाल कलराज मिश्र प्रदेश में स्थान-विशेष में पानी की उपलब्धता, जलवायु और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के हिसाब से खेतों में बोए जाने वाले उन्नत बीजों पर कार्य करने, किसानों को प्रसार शिक्षा के तहत आधुनिक कृषि तकनीक, ज्ञान से निरन्तर लाभान्वित किए जाने का भी विश्वविद्यालयों से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास यह होना चाहिए कि कैसे किसानों को कृषि से अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा कृषि और कृषकों के विकास के लिए उठाये गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि खेत और किसान समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों को किसानों तक अधिकाधिक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि कृषि के जरिए अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कृषि शिक्षण, अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों की दक्षता वृद्धि के लिए अधिक से अधिक किए जाने पर भी जोर दिया.

मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय कृषि क्षेत्र की वर्तमान, प्रत्याशित और अप्रत्याशित समस्याओं का कारगर ढंग से समाधान करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि अनुसंधान की ऐसी संस्कृति को प्रोत्साहन दे जिसमें वैज्ञानिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से खेती और इसे करने वाले किसानों का व्यापक स्तर पर भला हो सके.

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राज्यपाल ने प्रसार तंत्र के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों की सहायता से नवीन प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार प्रभावी ढंग से करने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों के परम्परागत ज्ञान को सहेजने और उस ज्ञान के आधुनिकीकरण आदि पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत कृषि से सम्बंधित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की पहल करें. कृषि विपणन, प्रबंधन, फसल भंडारण आदि के जरिये खेती, किसानों के विकास के लिए शिक्षण, शोध एवं प्रसार शिक्षा कर तहत निरन्तर प्रभावी कार्य करे.

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कुलाधिपति ने कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केंद्रों को उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने, अंतराष्ट्रीय स्तर पर कृषि परियोजनाओं के साझाकरण के प्रयासों की सराहना की. राज्यपाल ने इस मौके पर संविधान उद्यान का लोकार्पण किया. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित रिन्यूएबल एनर्जी, वीमेन एंड डाइवर्सिटी, बायोमास प्रोडक्शन पुस्तकों का लोकार्पण किया. पूर्व में उन्होंने विद्यार्थियों को ऑनलाइन उपाधियां, विद्यावाचस्पति दीक्षा, स्वर्ण पदक प्रदान करने के साथ ही दीपिका कल्याण को ‘चांसलर्स गोल्ड मैडल‘ प्रदान किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर संविधान उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का भी वाचन कराया. राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में कृषि क्षेत्र में विकास के लिए कृषि शिक्षा के सुनियोजित प्रसार की आवश्यकता जताई.

नेशनल रेन्फेड एरिया अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अशोक दलवई ने दीक्षान्त भाषण में कृषि शिक्षा के नवाचारों में वैश्विक दृष्टि रखते हुए कार्य करने पर जोर दिया. कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. ऑनलाइन समारोह में राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने भी भाग लिया.

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