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माउंट आबू के लिए रवाना हुए राज्यपाल...कहा- कोरोना अभी गया नहीं, सावधान रहें

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र रविवार को माउंट आबू के लिए रवाना हो (Governor departs for Mount Abu) गए. रवानगी से पहले राज्पाल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि कोरोना सकंट अभी टला नहीं है, सावधान रहने की जरूरत है. साथ ही प्रदेशवासी आपस में भईचारा बनाए रखें, किसी के बहकावे में नहीं आएं.

Governor departs for Mount Abu
कोरोना अभी गया नहीं है, सावधान रहने की है आवश्यकता-राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : May 22, 2022, 4:09 PM IST

Updated : May 22, 2022, 4:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है. इसलिए अभी सावधान रहने की आवश्कता है. ये बात उन्होंने रविवार को स्पेशल सैलून कोच से माउंट आबू रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में कही.

राजभवन अब अगले कुछ दिनों के लिए माउंट आबू शिफ्ट हो गया (Rajbhawan shifted in Mount Abu for few days) है. राज्यपाल रविवार दोपहर वाराणसी-अहमदाबाद एक्सप्रेस ट्रेन में स्पेशल सैलून कोच से माउंट आबू के लिए रवाना हुए. इस दौरान उन्होंने कोरोना को लेकर कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता (Governor warns about Corona) है. कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करें और परस्पर सद्भावना से रहें. मिश्र ने कहा कि माउंट आबू के लिए जा रहे हैं. अब राजभवन माउंट आबू से ही चलेगा. देखते हैं कि एक महीना रूकें या उससे पहले भी आ सकते हैं. अंग्रेजों के काल से चली आ रही परम्परा को निभाते हुए हर साल गर्मियों में राज्यपाल माउंट आबू जाते है.

माउंट आबू रवाना होने से पहले राज्यपाल ने की प्रदेशवासियों से यह अपील...

पढ़ें: अंग्रेजों की परंपरा निभाएंगे राज्यपाल, गर्मी से बेहाल...जाएंगे माउंट आबू

राज्यपाल के साथ उनके परिजन और राजभवन के अधिकारी और कर्मचारियों का लवाजमा भी माउंट आबू रवाना हुआ. राज्यपाल के प्रमुख ओएसडी गोविंद राम जयसवाल, एडीसी राहुल भार्गव और राजश्री वर्मा के साथ ही राजभवन जनसंपर्क अधिकारी और उनकी टीम के साथ ही राजभवन में तैनात कुक और बटलर समेत करीब 20 कर्मचारी और अधिकारी माउंट आबू रवाना हुए. राज्यपाल की रवानगी से पहले राजभवन का अधिकतर स्टाफ पहले ही माउंट आबू पहुंच गया है. राज्यपाल की खाली गाड़ियों का लवाजमा सड़क मार्ग होते हुए माउंट आबू के लिए रवाना हुआ.

पढ़ें: आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए करें कार्य: राज्यपाल कलराज मिश्र

अंग्रेजों ने बनवाया था माउंट आबू का राजभवन: माउंट आबू के जिस भवन में राजभवन शिफ्ट हो रहा है. उसका निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान 1866 में हुआ था. उस समय अंग्रेज अधिकारी यहां ग्रीष्म अवकाश के लिए आते थे. अंग्रेजों ने अपनी सहुलियत के लिए ही यह भवन बनवाया था. अब इसे राज्यपाल गर्मियों के दौरान उपयोग में लेते हैं. माउंट आबू में बना राजभवन ऊंची वादियों के बीच घने पेड़ों से घिरा है. चारों ओर दूर-दूर तक हरियाली ही नजर आती है. पूरा परिसर 8.54 हेक्टेयर भूमि पर बना है. राजभवन में 7 बेडरूम, 7 बाथरूम, दो सिटिंग रूम और एक बड़ा डाइनिंग हॉल है. डाइनिंग हॉल इतना बड़ा है कि यहां एक साथ करीब 2 दर्जन लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा यहां एक छोटा डाइनिंग हॉल भी है जिसमें 5 लोग बैठ सकते हैं. इसी परिसर में स्टाफ क्वार्टर और सुरक्षा व्यवस्था के लिए 150 लोगों के रुकने की व्यवस्था है.

जयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है. इसलिए अभी सावधान रहने की आवश्कता है. ये बात उन्होंने रविवार को स्पेशल सैलून कोच से माउंट आबू रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में कही.

राजभवन अब अगले कुछ दिनों के लिए माउंट आबू शिफ्ट हो गया (Rajbhawan shifted in Mount Abu for few days) है. राज्यपाल रविवार दोपहर वाराणसी-अहमदाबाद एक्सप्रेस ट्रेन में स्पेशल सैलून कोच से माउंट आबू के लिए रवाना हुए. इस दौरान उन्होंने कोरोना को लेकर कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता (Governor warns about Corona) है. कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करें और परस्पर सद्भावना से रहें. मिश्र ने कहा कि माउंट आबू के लिए जा रहे हैं. अब राजभवन माउंट आबू से ही चलेगा. देखते हैं कि एक महीना रूकें या उससे पहले भी आ सकते हैं. अंग्रेजों के काल से चली आ रही परम्परा को निभाते हुए हर साल गर्मियों में राज्यपाल माउंट आबू जाते है.

माउंट आबू रवाना होने से पहले राज्यपाल ने की प्रदेशवासियों से यह अपील...

पढ़ें: अंग्रेजों की परंपरा निभाएंगे राज्यपाल, गर्मी से बेहाल...जाएंगे माउंट आबू

राज्यपाल के साथ उनके परिजन और राजभवन के अधिकारी और कर्मचारियों का लवाजमा भी माउंट आबू रवाना हुआ. राज्यपाल के प्रमुख ओएसडी गोविंद राम जयसवाल, एडीसी राहुल भार्गव और राजश्री वर्मा के साथ ही राजभवन जनसंपर्क अधिकारी और उनकी टीम के साथ ही राजभवन में तैनात कुक और बटलर समेत करीब 20 कर्मचारी और अधिकारी माउंट आबू रवाना हुए. राज्यपाल की रवानगी से पहले राजभवन का अधिकतर स्टाफ पहले ही माउंट आबू पहुंच गया है. राज्यपाल की खाली गाड़ियों का लवाजमा सड़क मार्ग होते हुए माउंट आबू के लिए रवाना हुआ.

पढ़ें: आबू के सौंदर्य को बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए करें कार्य: राज्यपाल कलराज मिश्र

अंग्रेजों ने बनवाया था माउंट आबू का राजभवन: माउंट आबू के जिस भवन में राजभवन शिफ्ट हो रहा है. उसका निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान 1866 में हुआ था. उस समय अंग्रेज अधिकारी यहां ग्रीष्म अवकाश के लिए आते थे. अंग्रेजों ने अपनी सहुलियत के लिए ही यह भवन बनवाया था. अब इसे राज्यपाल गर्मियों के दौरान उपयोग में लेते हैं. माउंट आबू में बना राजभवन ऊंची वादियों के बीच घने पेड़ों से घिरा है. चारों ओर दूर-दूर तक हरियाली ही नजर आती है. पूरा परिसर 8.54 हेक्टेयर भूमि पर बना है. राजभवन में 7 बेडरूम, 7 बाथरूम, दो सिटिंग रूम और एक बड़ा डाइनिंग हॉल है. डाइनिंग हॉल इतना बड़ा है कि यहां एक साथ करीब 2 दर्जन लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा यहां एक छोटा डाइनिंग हॉल भी है जिसमें 5 लोग बैठ सकते हैं. इसी परिसर में स्टाफ क्वार्टर और सुरक्षा व्यवस्था के लिए 150 लोगों के रुकने की व्यवस्था है.

Last Updated : May 22, 2022, 4:52 PM IST
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