जयपुर. एमआरपी से अधिक दर पर शराब के दाम वसूलने वालों के खिलाफ सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है. यही वजह है कि वित्त विभाग के शासन सचिव की ओर से प्रदेश के 5 जिलों में शराब की दुकानों पर डिकॉय ऑपरेशन कराया गया. जिसमें एसडीआरआई , वाणिज्य कर विभाग, जीएसएम, आरएसबीसीएल और अन्य राजस्व से जुड़े विभागों की 34 टीमों ने मिलकर एक ही दिन में 173 शराब दुकानों पर डिकॉय ऑपरेशन किया, जिसमें एक को छोड़ सभी दुकानों में गड़बड़ियां पाई गई.
बता दें कि अलवर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर और जयपुर शहर के 177 शराब की दुकानों पर ऑपरेशन किया गया. विभाग के सचिव प्रत्यूष ने बताया कि प्रदेश के 5 जिलों में शराब की दुकानों पर डिकॉय ऑपरेशन कराया गया, जिसमें उदयपुर की एक दुकान को छोड़कर सभी दुकानों पर एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही थी. अलवर के बॉर्डर एरिया से जुड़ी शराब की दुकानों पर एमआरपी से कम दर पर शराब बेचने का मामला सामने आया.
पढ़ें- कोटा: घूसकांड में फरार चल रहे एसीपी आस मोहम्मद ने किया आत्मसमर्पण
वित्त विभाग के शासन सचिव डॉ पृथ्वी ने बताया कि सभी के खिलाफ आबकारी विभाग में प्रकरण दर्ज कराई गई है. उन्होंने बताया कि शराब दुकानदार से मिलीभगत करने वाले आबकारी विभाग के करीब एक दर्जन आबकारी इंस्पेक्टर के खिलाफ 16 सीसी और 17 सीसी की चार्जशीट दाखिल की जाएगी. डॉ पृथ्वी ने बताया कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी सोकोल्ड नोटिस जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए विभाग आगे भी इस तरह की कार्रवाई करेगा.
शासन सचिव पृथ्वी ने बताया कि पांच जिलों की 173 दुकानों पर मिली गड़बड़ी के बाद अब प्रदेश में सभी जिले में अभियान के जरिए कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को शराब के दामों के लिए ओवर रेट से बचाने के एक एप उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें सभी तरह के शराब के ब्रांड की रेट अंकित होगी. वहीं वित्त विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई को इतना सीक्रेट रखा गया था कि आपकारी विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को भी इसके बारे में भनक तक नहीं लग रही थी. विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आबकारी विभाग को इसकी सूचना दी जाती तो ऑपरेशन की सीक्रेसी लीक हो सकती थी.