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लाइसेंस रद्द हुए चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे सरकार :  हाईकोर्ट

मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा चकित्सकों के लाइसेंस रद्द करने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की. अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए.

राजस्थान मेडिकल कौंसिल, Rajasthan High Court
Rajasthan Medical Council
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Published : Jan 23, 2020, 9:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से हाल ही में लाईसेंस रद्द हुए चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. इसके साथ ही अदालत ने एमसीआई, एसीएस स्वास्थ्य, निम्स विवि के रजिस्ट्रार और राजस्थान मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता के वकील, हनुमान चौधरी

पढ़ेंः राजस्थान हाइकोर्ट को जल्द मिलेंगे 7 नए न्यायाधीश

न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश डॉ. पंकज महला व 6 अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने अदालत को बताया कि एमसीआई ने 30 अगस्त 2017 को याचिकाकर्ता सहित अन्य की एमबीबीएस डिग्री को रद्द कर दिया था. वहीं मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने गत 10 जनवरी को इनके लाईसेंस भी रद्द कर दिए. जिसकी कोई पूर्व सूचना याचिकाकर्ताओं को नहीं दी गई.

पढ़ेंः सड़क निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की जगह दस गुणा पेड़ लगाए सरकार : हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि निम्स विवि की ओर से तय सीटों से अधिक पर प्रवेश देने और याचिकाकर्ताओं का रिकॉर्ड एमसीआई व आयकर विभाग में नहीं मिलने के आधार पर मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने यह कार्रवाई की है. जबकि उन्हें सुनवाई का कोई मौका भी नहीं दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से हाल ही में लाईसेंस रद्द हुए चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. इसके साथ ही अदालत ने एमसीआई, एसीएस स्वास्थ्य, निम्स विवि के रजिस्ट्रार और राजस्थान मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता के वकील, हनुमान चौधरी

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न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश डॉ. पंकज महला व 6 अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने अदालत को बताया कि एमसीआई ने 30 अगस्त 2017 को याचिकाकर्ता सहित अन्य की एमबीबीएस डिग्री को रद्द कर दिया था. वहीं मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने गत 10 जनवरी को इनके लाईसेंस भी रद्द कर दिए. जिसकी कोई पूर्व सूचना याचिकाकर्ताओं को नहीं दी गई.

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याचिका में कहा गया कि निम्स विवि की ओर से तय सीटों से अधिक पर प्रवेश देने और याचिकाकर्ताओं का रिकॉर्ड एमसीआई व आयकर विभाग में नहीं मिलने के आधार पर मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने यह कार्रवाई की है. जबकि उन्हें सुनवाई का कोई मौका भी नहीं दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता के वकील हनुमान चौधरी

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से हाल ही में लाईसेंस रद्द हुए चिकित्सकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। इसके साथ ही अदालत ने एमसीआई, एसीएस स्वास्थ्य, निम्स विवि के रजिस्ट्रार और राजस्थान मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। Body:न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश डॉ. पंकज महला व 6 अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने अदालत को बताया कि एमसीआई ने 30 अगस्त 2017 को याचिकाकर्ता सहित अन्य की एमबीबीएस डिग्री को रद्द कर दिया था। वहीं मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने गत 10 जनवरी को इनके लाईसेंस भी रद्द कर दिए। जिसकी कोई पूर्व सूचना याचिकाकर्ताओं को नहीं दी गई। याचिका में कहा गया कि निम्स विवि की ओर से तय सीटों से अधिक पर प्रवेश देने और याचिकाकर्ताओं का रिकॉर्ड एमसीआई व आयकर विभाग में नहीं मिलने के आधार पर मेडिकल कौंसिल ऑफ राजस्थान ने यह कार्रवाई की है। जबकि उन्हें सुनवाई का कोई मौका भी नहीं दिया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।Conclusion:
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