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टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष, केंद्र सरकार से की सहायता की मांग

टिड्डी टेरर को लेकर सोमवार को गहलोत सरकार ने विधानसभा में अपना पक्ष रखा. टिड्डी नियंत्रण के प्रयास और प्रभावित किसानों को राहत जैसे मसलों को लेकर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर निशाना साधा.

टिड्डी हमले का मामला , Rajasthan Vidhan Sabha News
टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष
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Published : Feb 11, 2020, 12:03 AM IST

जयपुर. प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर को लेकर सोमवार को राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में स्थिति स्पष्ट की गई. कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने टिड्डी प्रकोप पर शासकीय वक्तव्य दिया. इस दौरान टिड्डी नियंत्रण के प्रयास और प्रभावित किसानों को राहत जैसे मसलों को लेकर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर निशाना साधा.

टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष

दरअसल, प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर की गूंज सोमवार को विधानसभा में भी रही. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जहां कई विधायकों ने इस मसले को उठाया तो राज्य सरकार की ओर से भी इस महत्वपूर्ण मसले पर सदन में शासकीय वक्तव्य दिया गया. कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने वक्तव्य देते हुए ये बातें कहीं-

  • टिड्डियों ने दुनिया के 20 देशों में विकराल रुप धरा है.
  • कुछ देशों में तो राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा तक करनी पड़ी.
  • पाकिस्तान में नियंत्रण नहीं होने से राजस्थान में बनी है समस्या.
  • 5.29 लाख हेक्टेयर में किया गया टिड्डी नियंत्रण.
  • 1.49 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में हुआ नुकसान.
  • टिड्डी चेतावनी संगठन के प्रयास नाकाफी साबित हुए.
  • राज्य सरकार ने टिड्डी नियंत्रण में भरपूर मदद की.
  • 1.34 लाख हेक्टेयर में 33 फीसदी से ज्यादा खराबा हुआ.
  • किसानों को एसडीआरएफ से 89.63 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.
  • सरकार ने पहली बार आपदा जारी रहने के दौरान गिरदावरी करवाई.
  • FAO और केंद्र सरकार ने भी प्रयासों की सराहना की है.
  • अब केवल गंगानगर जिले में छितराई अवस्था में टिड्डियां हैं.
  • पहली बार सर्दी के दौरान भी टिड्डियों का प्रकोप रहा है.
  • टिड्डी अंतर्राष्ट्रीय समस्या है, प्रभावित देश एकजुट होकर नियंत्रण करें.

उधर, विपक्ष के विधायकों ने इस मसले पर राज्य सरकार के प्रयासों और प्रभावित किसानों को दी गई राहत को ऊंट के मूंह में जीरा बताया. भाजपा विधायकों ने कहा कि अभी भले ही टिड्डियां नियंत्रण में हों, लेकिन बारिश होने पर स्थितियां भयावह होने की चेतावनियां दी जा रही हैं. विधायकों ने टिड्डी नियंत्रण में इस्तेमाल किए जा रहे कीटनाशकों के मानव स्वास्थ्य और जानवरों पर होने वाले दुष्परिणामों की जांच की भी मांग की.

पढ़ें- टिड्डी हमले से फसलों को जो भी नुकसान हुआ, उसकी जिम्मेदार गहलोत सरकार - सतीश पूनिया

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि क्या राज्य सरकार गुजरात की तर्ज पर किसानों को विशेष मुआवजा देगी. साथ ही उन्होंने प्रभावित किसानों के बिजली बिल माफ करने और सहकारी बैंकों के लिए गए कर्ज माफ करने की भी मांग की. विपक्ष ने आरोप लगाया कि जब किसान लुट चुका था तब राज्य सरकार जागी और ड्रोन उपलब्ध करवाया गया, जबकि नियंत्रण के लिए हैलीकॉप्टर से छिड़काव करवाया जाना चाहिए था.

पढ़ें- टिड्डी हमले को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बयान पर मंत्री हरीश चौधरी का पलटवार

वहीं, इस मामले में सदन में बोलते हुए विधायक रामप्रसाद कासनिया ने कहा कि टिड्डियों को वहां जाकर समाप्त करना पड़ेगा, जहां से यह पैदा होती है. उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि कृतियों के लिए अगर सर्जिकल स्ट्राइक करना पड़े तो वह भी सरकार को करना चाहिए.

पढ़ें- गहलोत सरकार टिड्डी प्रभावित किसानों की मदद करने में नाकामः वसुंधरा राजे

वक्तव्य पर चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों के सवालों पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी दखल देते हुए कहा कि विधायकों की ओर से नियमों और प्रावधानों का अध्ययन नहीं किए जाने से भ्रांतियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि टिड्डी नियंत्रण में किसानों की भूमिका सराहनीय रही है अन्यथा दूसरे राज्यों में बड़ी तबाही हो सकती थी. उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के प्रावधानों में संशोधन के लिए हमें प्रस्ताव पारित करना चाहिए ताकि पीड़ित किसानों को ज्यादा राहत मिल सके.

जयपुर. प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर को लेकर सोमवार को राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में स्थिति स्पष्ट की गई. कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने टिड्डी प्रकोप पर शासकीय वक्तव्य दिया. इस दौरान टिड्डी नियंत्रण के प्रयास और प्रभावित किसानों को राहत जैसे मसलों को लेकर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर निशाना साधा.

टिड्डी टेरर को लेकर सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष

दरअसल, प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर की गूंज सोमवार को विधानसभा में भी रही. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जहां कई विधायकों ने इस मसले को उठाया तो राज्य सरकार की ओर से भी इस महत्वपूर्ण मसले पर सदन में शासकीय वक्तव्य दिया गया. कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने वक्तव्य देते हुए ये बातें कहीं-

  • टिड्डियों ने दुनिया के 20 देशों में विकराल रुप धरा है.
  • कुछ देशों में तो राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा तक करनी पड़ी.
  • पाकिस्तान में नियंत्रण नहीं होने से राजस्थान में बनी है समस्या.
  • 5.29 लाख हेक्टेयर में किया गया टिड्डी नियंत्रण.
  • 1.49 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में हुआ नुकसान.
  • टिड्डी चेतावनी संगठन के प्रयास नाकाफी साबित हुए.
  • राज्य सरकार ने टिड्डी नियंत्रण में भरपूर मदद की.
  • 1.34 लाख हेक्टेयर में 33 फीसदी से ज्यादा खराबा हुआ.
  • किसानों को एसडीआरएफ से 89.63 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.
  • सरकार ने पहली बार आपदा जारी रहने के दौरान गिरदावरी करवाई.
  • FAO और केंद्र सरकार ने भी प्रयासों की सराहना की है.
  • अब केवल गंगानगर जिले में छितराई अवस्था में टिड्डियां हैं.
  • पहली बार सर्दी के दौरान भी टिड्डियों का प्रकोप रहा है.
  • टिड्डी अंतर्राष्ट्रीय समस्या है, प्रभावित देश एकजुट होकर नियंत्रण करें.

उधर, विपक्ष के विधायकों ने इस मसले पर राज्य सरकार के प्रयासों और प्रभावित किसानों को दी गई राहत को ऊंट के मूंह में जीरा बताया. भाजपा विधायकों ने कहा कि अभी भले ही टिड्डियां नियंत्रण में हों, लेकिन बारिश होने पर स्थितियां भयावह होने की चेतावनियां दी जा रही हैं. विधायकों ने टिड्डी नियंत्रण में इस्तेमाल किए जा रहे कीटनाशकों के मानव स्वास्थ्य और जानवरों पर होने वाले दुष्परिणामों की जांच की भी मांग की.

पढ़ें- टिड्डी हमले से फसलों को जो भी नुकसान हुआ, उसकी जिम्मेदार गहलोत सरकार - सतीश पूनिया

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि क्या राज्य सरकार गुजरात की तर्ज पर किसानों को विशेष मुआवजा देगी. साथ ही उन्होंने प्रभावित किसानों के बिजली बिल माफ करने और सहकारी बैंकों के लिए गए कर्ज माफ करने की भी मांग की. विपक्ष ने आरोप लगाया कि जब किसान लुट चुका था तब राज्य सरकार जागी और ड्रोन उपलब्ध करवाया गया, जबकि नियंत्रण के लिए हैलीकॉप्टर से छिड़काव करवाया जाना चाहिए था.

पढ़ें- टिड्डी हमले को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बयान पर मंत्री हरीश चौधरी का पलटवार

वहीं, इस मामले में सदन में बोलते हुए विधायक रामप्रसाद कासनिया ने कहा कि टिड्डियों को वहां जाकर समाप्त करना पड़ेगा, जहां से यह पैदा होती है. उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि कृतियों के लिए अगर सर्जिकल स्ट्राइक करना पड़े तो वह भी सरकार को करना चाहिए.

पढ़ें- गहलोत सरकार टिड्डी प्रभावित किसानों की मदद करने में नाकामः वसुंधरा राजे

वक्तव्य पर चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों के सवालों पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी दखल देते हुए कहा कि विधायकों की ओर से नियमों और प्रावधानों का अध्ययन नहीं किए जाने से भ्रांतियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि टिड्डी नियंत्रण में किसानों की भूमिका सराहनीय रही है अन्यथा दूसरे राज्यों में बड़ी तबाही हो सकती थी. उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के प्रावधानों में संशोधन के लिए हमें प्रस्ताव पारित करना चाहिए ताकि पीड़ित किसानों को ज्यादा राहत मिल सके.

Intro:टिडडी टेरर को लेकर आज सरकार ने रखा विधानसभा में अपना पक्ष केंद्र सरकार से की और सहायता की मांग भाजपा ने की किसानों के बिल माफ करने और ऋण माफ करने की मांग तो वहीं भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया ने कहा कि जहां से यह दुनिया आ रही है वहां जाकर किया जाए सर्जिकल स्ट्राइकBody:- प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर को लेकर आज राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में स्थिति स्पष्ट की गई। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने टिड्डी प्रकोप पर शासकीय वक्तव्य दिया।इस दौरान टिड्डी नियंत्रण के प्रयास और प्रभावित किसानों को राहत जैसे मसलों को लेकर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। दरअसल- प्रदेश में जारी टिड्डी टेरर की गूंज आज विधानसभा में भी रही। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जहां कई विधायकों ने इस मसले को उठाया तो राज्य सरकार
द्वारा भी इस महत्वपूर्ण मसले पर सदन में शासकीय वक्तव्य दिया गया। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने वक्तव्य देते हुए कहा कि -

- टिड्डियों ने दुनिया के 20 देशों में विकराल रुप धरा है
- कुछ देशों में तो राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा तक करनी पड़ी
- पाकिस्तान में नियंत्रण नहीं होने से राजस्थान में बनी है समस्या
- 5.29 लाख हैक्टेयर में किया गया टिड्डी नियंत्रण
- 1.49 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में हुआ नुकसान
- टिड्डी चेतावनी संगठन के प्रयास नाकाफी साबित हुए
- राज्य सरकार ने टिड्डी नियंत्रण में भरपूर मदद की
- 1.34 लाख हैक्टेयर में 33 प्रतिशत से ज्यादा खराबा हुआ
- किसानों को एसडीआरएफ से 89.63 करोड़ का भुगतान किया जा चुका
- सरकार ने पहली बार आपदा जारी रहने के दौरान गिरदावरी करवाई
- FAO और केन्द्र सरकार ने भी प्रयासों की सराहना की है
- अब केवल गंगानगर जिले में छितराई अवस्था में टिड्डियां हैं
- पहली बार सर्दी के दौरान भी रहा टिड्डियों का प्रकोप
- टिड्डी अंतर्राष्ट्रीय समस्या है, प्रभावित देश एकजुट होकर करें नियंत्रण

बाइट - लालचन्द कटारिया
कृषि मंत्री

वीओ - उधर विपक्ष के विधायकों ने इस मसले पर राज्य सरकार के प्रयासों और प्रभावित किसानों को दी गई राहत को ऊंट के मूंह में जीरा बताया। भाजपा विधायकों ने कहा किअभी भले ही टिड्डियां नियंत्रण में हों लेकिन बारिश होने पर स्थितियां भयावह होने की चेतावनियां दी जा रही हैं। वहीं विधायकों ने टिड्डी नियंत्रण में इस्तेमाल किए जा रहेकीटनाशकों के मानव स्वास्थ्य और जानवरों पर होने वाले दुष्परिणामों की जांच की भी मांग की। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूछा कि क्या राज्य सरकार गुजरात की तर्ज परकिसानों को विशेष मुआवजा देगी साथ ही उन्होंने प्रभावित किसानों के बिजली बिल माफ करने और सहकारी बैंकों के लिए गए कर्ज माफ करने की भी मांग की। विपक्ष ने आरोपलगाया जब किसान लुट चुका था तब राज्य सरकार जागी और ड्रोन उपलब्ध करवाया गया जबकि नियंत्रण के लिए हैलीकॉप्टर से छिड़काव करवाया जाना चाहिए था। वहीं इस मामले में सदन में बोलते हुए विधायक रामप्रसाद कासनिया ने कहा दीयों को वहां जाकर समाप्त करना पड़ेगा जहां से यह पैदा होती है उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कृतियों के लिए अगर सर्जिकल स्ट्राइक करना पड़े तो वह भी सरकार को करना चाहिए

बाइट - राजेन्द्र राठौड़
भाजपा विधायक
रामप्रताप कासनिया भाजपा विधायक

Conclusion:वक्तव्य पर चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों के सवालों पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी दखल देते हुए कहा कि विधायकों द्वारा नियमों और प्रावधानों का अध्ययन नहीं किए जाने से भ्रान्तियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि टिड्डी नियंत्रण में किसानों की भूमिका सराहनीय रही है अन्यथा दूसरे राज्यों में बड़ी तबाही हो सकती थी। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के प्रावधानों में संशोधन के लिए हमें प्रस्ताव पारित करना चाहिए ताकि पीड़ित किसानों को ज्यादा राहत मिल सके।
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