जयपुर. पीडी अकाउंट को लेकर चल रहे विवाद के बीच सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है. वित्त विभाग की ओर से साफ किया गया है कि पीडी अकाउंट से सरपंचों के अधिकारों में कटौती नहीं होगी. स्पष्टीकरण में साफ कहा गया है कि प्रदेश में वर्तमान विषम वित्तीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय प्रबंधन की दृष्टि से राज्य के समस्त विभागों एवं राजकीय संस्थाओं के साथ-साथ पंचायत राज संस्थाओं और स्वायत्तशाषी संस्थाओं के भुगतान के लिए बैंक खातों के स्थान पर पीडी अकाउंट प्रणाली को लागू किया गया है.
वित्त विभाग की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विषम वित्तीय परिस्थितियों के उपरांत भी राज्य सरकार ने ना सिर्फ कोविड-19 का देश में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन किया, बल्कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है. मुख्यमंत्री के निर्देशन में राज्य मेंं सुशासन के संकल्प के साथ समस्त कार्य किये जा रहे हैं और समावेशी विकास की दृष्टि से पंचायत राज संस्थाओं एवं स्वायत्तशाषी संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर हर संभव कार्य किये जा रहे हैैं.
पढ़ें : राजस्थान : 10 kw से ज्यादा रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर नहीं होगी नेट मीटरिंग...
पीडी अकाउंट प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया से संबंधित संस्थाओं को रोजमर्रा के खर्चाें के लिए बैंक के माध्यम से ट्रांजैक्शन करने की अपेक्षा पीडी खातों से ट्रांजैक्शन करने में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं आएगा. पंचायती राज संस्थाओं द्वारा लागू की जाने वाली विभिन्न योजनाएं एवं इससे संबंधित भुगतान पूर्ववत संस्था, प्रधान एवं सरपंच के माध्यम से बिना ट्रेजरी व सब ट्रेजरी जाये एवं बिना किसी हस्तक्षेप के संभव हो सकेंगे.
उल्लेखनीय है कि पीडी अकाउंट एक प्रकार से राज्य सरकार द्वारा संचालित बैंक अकाउंट ही है. इसकेे माध्यम से संस्थाओं को राशि आंवटित किये जाने की स्थिति में राज्य बिना ओवरड्राफ्ट की स्थिति में आए विषम वित्तीय परिस्थितियों में भी इन संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित कर सकता है. सरकार द्वारा पंचायत संस्थाओं में भी इसे लागू करने के बाद सरपंच संघ ने इसका विरोध किया था. प्रदेश के सभी सरपंच लामबंद होकर लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. सरपंचों के भर्ती विरोध के बीच वित्त विभाग की ओर से यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है.