ETV Bharat / city

गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर ने उठाया जंगल सफारी का लुत्फ, ETV BHARAT से साझा की संघर्ष की कहानी

कृष्णा नागर ने पैरालंपिक में गोल्ड मेडल (Tokyo Paralympics) जीतकर देश का नाम रोशन किया है. गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर (Badminton player Krishna Nagar) रविवार को अपने परिवार के साथ जयपुर के आमेर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पहुंचे. कृष्णा ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन सफारी का लुफ्त उठाया. वे लायन सफारी में शेरों की अठखेलियां देखकर काफी रोमांचित हुए. नाहरगढ़ जंगल और वन्य जीव को देखकर कृष्णा ने तारीफ की. इस दौरान इन खूबसूरत पलों को उन्होंने अपने कैमरों में कैद किया.

Badminton player Krishna Nagar
गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर
author img

By

Published : Sep 12, 2021, 4:32 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 5:52 PM IST

जयपुर. कृष्णा नागर वन विभाग में एसीएफ के पद पर हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचने पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कृष्णा नागर का स्वागत किया. इस दौरान कृष्णा नागर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने आगे कहा कि सालों की तपस्या सफल हुई है. पैरालंपिक में गोल्ड मेडल (Gold Medal in Tokyo Paralympics) जीतकर बहुत खुशी हुई है. कृष्णा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों को देते हुए कहा कि देश की जनता ने भी काफी सपोर्ट किया है. राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने भी काफी सपोर्ट किया है.

युवा हमेशा प्रयास करते रहें...

उन्होंने कहा कि 3 साल से लखनऊ के कैंप में था, जहां पर काफी मेहनत की घर परिवार से भी दूर रहना पड़ा और खाने-पीने में भी काफी सावधानी रखी. कृष्णा नागर ने बताया कि उन्होंने जयपुर में ही खेलना सीखा था. एसएमएस स्टेडियम में यादवेंद्र सर और मनोज सर में काफी अहम योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि मैंने काफी सारे ओपन टूर्नामेंट भी खेले हैं और इससे पहले भी कई मेडल जीते हैं. गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी काफी जीते हैं. कृष्णा ने कहा कि पैरालंपिक में पैरा बैडमिंटन पहली बार ऐड हुआ है. इस बार पैरालंपिक में गोल्ड मेडल लाकर काफी गर्व हुआ है. आगे भी अच्छा प्रयास करेंगे.

पढ़ें : टोक्यो पैरालंपिक : राजस्थान के 6 खिलाड़ी पैरालंपिक में दिखाएंगे दम...देश के लिए पदक का वादा

युवाओं को दी प्रेरणा...

कई युवा मनोबल टूटने की वजह से खेलों में आगे नहीं बढ़ पाते हैं. गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा हमेशा प्रयास करते रहें. कोशिश ही सफल होती है. एक न एक दिन मंजिल जरूर मिलती है. खेलों में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाए कृष्णा नागर के परिजनों में भी काफी खुशी है. कृष्णा की माताजी ने कहा कि कृष्णा ने जो अपने परिवार और देश के लिए काम किया है. ऐसा हर कोई करे, पूरे देश को गर्व है. उसकी मां ने कहा कि जब बेटा परिवार से दूर रहता है तो काफी दुख होता है. कृष्णा जब परिवार से दूर रहा तो काफी याद आई, लेकिन कृष्णा की मेहनत रंग लाई है. कृष्णा को मेहनत का फल मिला है, जिससे सभी को बहुत खुशी हो रही है. कृष्णा के चाचा ने कहा कि कृष्णा ने सभी को गौरवान्वित किया है. भगवान कृष्णा जैसा बेटा सभी को दे.

पढ़ें : जयपुर के लाल ने Tokyo Paralympics में कर दिया कमाल, बैडमिंटन प्रतियोगिता में जीता गोल्ड मेडल

बता दें कि कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है. इससे पहले कृष्णा नागर ने 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस बार कृष्णा का पांचवा गोल्ड मेडल है.

जयपुर. कृष्णा नागर वन विभाग में एसीएफ के पद पर हैं. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचने पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कृष्णा नागर का स्वागत किया. इस दौरान कृष्णा नागर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने आगे कहा कि सालों की तपस्या सफल हुई है. पैरालंपिक में गोल्ड मेडल (Gold Medal in Tokyo Paralympics) जीतकर बहुत खुशी हुई है. कृष्णा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों को देते हुए कहा कि देश की जनता ने भी काफी सपोर्ट किया है. राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने भी काफी सपोर्ट किया है.

युवा हमेशा प्रयास करते रहें...

उन्होंने कहा कि 3 साल से लखनऊ के कैंप में था, जहां पर काफी मेहनत की घर परिवार से भी दूर रहना पड़ा और खाने-पीने में भी काफी सावधानी रखी. कृष्णा नागर ने बताया कि उन्होंने जयपुर में ही खेलना सीखा था. एसएमएस स्टेडियम में यादवेंद्र सर और मनोज सर में काफी अहम योगदान दिया है. उन्होंने बताया कि मैंने काफी सारे ओपन टूर्नामेंट भी खेले हैं और इससे पहले भी कई मेडल जीते हैं. गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी काफी जीते हैं. कृष्णा ने कहा कि पैरालंपिक में पैरा बैडमिंटन पहली बार ऐड हुआ है. इस बार पैरालंपिक में गोल्ड मेडल लाकर काफी गर्व हुआ है. आगे भी अच्छा प्रयास करेंगे.

पढ़ें : टोक्यो पैरालंपिक : राजस्थान के 6 खिलाड़ी पैरालंपिक में दिखाएंगे दम...देश के लिए पदक का वादा

युवाओं को दी प्रेरणा...

कई युवा मनोबल टूटने की वजह से खेलों में आगे नहीं बढ़ पाते हैं. गोल्ड मेडलिस्ट कृष्णा नागर ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरणा देते हुए कहा कि युवा हमेशा प्रयास करते रहें. कोशिश ही सफल होती है. एक न एक दिन मंजिल जरूर मिलती है. खेलों में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए.

देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाए कृष्णा नागर के परिजनों में भी काफी खुशी है. कृष्णा की माताजी ने कहा कि कृष्णा ने जो अपने परिवार और देश के लिए काम किया है. ऐसा हर कोई करे, पूरे देश को गर्व है. उसकी मां ने कहा कि जब बेटा परिवार से दूर रहता है तो काफी दुख होता है. कृष्णा जब परिवार से दूर रहा तो काफी याद आई, लेकिन कृष्णा की मेहनत रंग लाई है. कृष्णा को मेहनत का फल मिला है, जिससे सभी को बहुत खुशी हो रही है. कृष्णा के चाचा ने कहा कि कृष्णा ने सभी को गौरवान्वित किया है. भगवान कृष्णा जैसा बेटा सभी को दे.

पढ़ें : जयपुर के लाल ने Tokyo Paralympics में कर दिया कमाल, बैडमिंटन प्रतियोगिता में जीता गोल्ड मेडल

बता दें कि कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचा है. इससे पहले कृष्णा नागर ने 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में पैरा बैडमिंटन में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस बार कृष्णा का पांचवा गोल्ड मेडल है.

Last Updated : Sep 12, 2021, 5:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.