जयपुर. राजधानी के कालवाड़ थाना इलाके में स्थित चिरायु अस्पताल में तीन माह पहले 22 वर्षीय युवती की ऑपरेशन के दौरान हुई मौत के मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शनिवार को चिकित्सक और नर्सिंग कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मृतक के परिजनों को बताया गया था कि ऑपरेशन के दौरान अधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मौत हुई थी. वहीं पुलिस ने इस मामले में तब रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया था.
कालवाड़ थानाधिकारी पन्ना लाल जांगिड़ ने बताया कि जगदंबा नगर निवासी कृष्णकांत जांगिड़ ने मुकदमा (Girl dies due to excessive bleeding in Operation in Jaipur) दर्ज करवाया है. कृष्णकांत ने अप्रैल माह में अपनी 22 वर्षीय बहन निकिता को पैर की पिंडली में गांठ के इलाज के लिए कालवाड़ रोड स्थित चिरायु अस्पताल में दिखाया. जहां चिकित्सक मनोज चौधरी ने चेकअप कर सामान्य गांठ होने के बात कही थी. साथ ही एक छोटा सा ऑपरेशन करने की भी बात कही थी.
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मरीज के परिजनों को बताया गया था कि ऑपरेशन नामी चिकित्सक दिनेश जिंदल करेंगे. चिकित्सक दिनेश जिंदल का नाम सुन परिवादी पक्ष ऑपरेशन करवाने के लिए तैयार हो गया. लेकिन 27 अप्रैल को चिकित्सक मनोज चौधरी ने दिनेश जिंदल को बिना बुलाए ही निकिता का (Doctor accused of Murder in Jaipur) ऑपरेशन कर दिया.
ऑपरेशन के दौरान मंगाया 5 यूनिट ब्लड, 4 यूनिट प्लाज्मा: ऑपरेशन के दौरान परिवादी को तुरंत 5 यूनिट ब्लड और 4 यूनिट प्लाज्मा लाने के लिए कहा गया. जिस पर परिवादी ने ब्लड बैंक से ब्लड और प्लाज्मा लाकर ऑपरेशन थिएटर में दिया. इसके बाद परिवादी की बहन को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उसकी स्थिति बिगड़ने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया.
परिवादी ने जब चिकित्सक से कारण पूछा तो उसे बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान गलती से खून की नस कट गई थी. इसके चलते अधिक रक्तस्राव हो गया मरीज के शरीर में खून और प्लाज्मा की कमी हो गई है. 28 अप्रैल की सुबह जिद करने पर जब परिवादी बहन से मिला तो उसने देखा कि उसकी बहन अचेत पड़ी थी. उसके एक हाथ पर प्लास्टर बंधा हुआ था और पेट पर भी पट्टियां लगी हुई थी. जब परिवादी ने पैर के ऑपरेशन में हाथ में प्लास्टर बांधने का कारण पूछा तो चिकित्सक परिवादी से ही लड़ने लगा.
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इसके बाद परिवादी बहन को गंभीर अवस्था में एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अस्पताल में लापरवाही के चलते बहन की मौत होने का मामला लेकर जब परिवादी कालवाड़ थाना पहुंचा, तब पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद परिवादी ने पुलिस के आला अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद परिवादी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. न्यायालय अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कम संख्या 1 जयपुर महानगर द्वितीय की दखलंदाजी के बाद शनिवार को कालवाड़ थाने में चिरायु अस्पताल के चिकित्सक मनोज चौधरी और अन्य नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.