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चैत्र नवरात्रः प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह 6:10 बजे घटस्थापना, 9 दुर्गाओं की होगी पूजा, भक्तों का प्रवेश बन्द

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Published : Apr 13, 2021, 11:46 AM IST

मां दुर्गा की आराधना के लिए चैत्र नवरात्रा आज से शुरू हो गया है. जहां प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह के 10:00 बजे घट स्थापना की गई. घटस्थापना के बाद मंदिर पुजारियों ने शिला माता मंदिर में पूजा अर्चना की.

शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बन्द, entry of devotees in Shila Mata temple is closed
शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बन्द

जयपुर. मां शक्ति की आराधना के चैत्र नवरात्रा मंगलवार से शुरू हो गए हैं. आज सुबह मुहर्त अनुसार माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. चैत्र नवरात्रों में प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह के 10:00 बजे घट स्थापना की गई. घटस्थापना के बाद मंदिर पुजारियों ने शिला माता मंदिर में पूजा अर्चना की. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई. मंदिर में माता का विशेष फूलो से श्रृंगार किया गया. पूर्व राज परिवार की ओर से माता को विशेष जरी पोशाक धारण करवाई गई है.

शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बन्द

शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रखा गया है. हालांकि कोई दूरदराज से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचे, लेकिन दर्शन बंद होने की वजह से मायूस होकर लौटना पड़ा. भक्तों ने मंदिर के बाहर से माता के धोक लगाकर मनोकामनाएं की. भक्तों ने कहा कि नवरात्रा में माता की कई मान्यताएं होती है.

पढ़ें- बदमाशों ने Cold Drink डिस्ट्रीब्यूटर पर फायरिंग कर 8 लाख रुपए लूटे

ऐसे में कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ भक्तों को दर्शन करवाए जा सकते है. पुजारियों की ओर से घट स्थापना के बाद पूरे 9 दिन विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला नही भरेगा. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे.

मंदिर पुजारी के मुताबिक माता की पूजा अर्चना कर प्रार्थना की गई है कि जल्द ही कोरोना महामारी से निजात दिलवाए. भक्तों से भी अपील की गई है कि अपने घर से ही माता की आराधना करें. कोरोना गाइडलाइन की पालना में 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रखा गया है. 10 महाविद्याओं की पूजा के सारे मंत्र जाप के पाठ किए जा रहे हैं.

नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी.

दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता की पूजा अर्चना की जाएगी। तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवे नवरात्र को महागौरी माता और नवे व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रखा गया है. 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक नवरात्र में भरने वाला मेला और दर्शनार्थियों के लिए दर्शन बंद रहेगा. मंदिर में केवल पूजा पाठ आरती और आराधना पहले की तरह सुचारू रूप से संचालित रहेगी.

कोरोना को रोकने के लिए सरकार की गाइडलाइन की पालना में निर्णय लिया गया है. पहले नवरात्र को सुबह 6:10 बजे घट स्थापना की जाएगी. निशा पूजन 19 अप्रैल सोमवार को रात्रि 10:00 बजे होगी. 20 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 22 अप्रैल दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. दर्शनार्थियों के लिए 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में दर्शन बंद रहेंगे.

पढ़ें- छबड़ा में उपद्रव: भाजपा ने गठित की 4 सदस्यीय टीम, गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

बता दें कि हर साल नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. माता के दर्शन पाने के लिए अलसुबह से ही भक्तों की लाइने लगी नजर आती थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. जिससे भक्तों में भी मायूसी उसी देखी जा रही है.

जयपुर. मां शक्ति की आराधना के चैत्र नवरात्रा मंगलवार से शुरू हो गए हैं. आज सुबह मुहर्त अनुसार माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. चैत्र नवरात्रों में प्राचीन शिला माता मंदिर में सुबह के 10:00 बजे घट स्थापना की गई. घटस्थापना के बाद मंदिर पुजारियों ने शिला माता मंदिर में पूजा अर्चना की. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई. मंदिर में माता का विशेष फूलो से श्रृंगार किया गया. पूर्व राज परिवार की ओर से माता को विशेष जरी पोशाक धारण करवाई गई है.

शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बन्द

शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रखा गया है. हालांकि कोई दूरदराज से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचे, लेकिन दर्शन बंद होने की वजह से मायूस होकर लौटना पड़ा. भक्तों ने मंदिर के बाहर से माता के धोक लगाकर मनोकामनाएं की. भक्तों ने कहा कि नवरात्रा में माता की कई मान्यताएं होती है.

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ऐसे में कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ भक्तों को दर्शन करवाए जा सकते है. पुजारियों की ओर से घट स्थापना के बाद पूरे 9 दिन विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला नही भरेगा. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे.

मंदिर पुजारी के मुताबिक माता की पूजा अर्चना कर प्रार्थना की गई है कि जल्द ही कोरोना महामारी से निजात दिलवाए. भक्तों से भी अपील की गई है कि अपने घर से ही माता की आराधना करें. कोरोना गाइडलाइन की पालना में 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रखा गया है. 10 महाविद्याओं की पूजा के सारे मंत्र जाप के पाठ किए जा रहे हैं.

नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी.

दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता की पूजा अर्चना की जाएगी। तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवे नवरात्र को महागौरी माता और नवे व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रखा गया है. 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक नवरात्र में भरने वाला मेला और दर्शनार्थियों के लिए दर्शन बंद रहेगा. मंदिर में केवल पूजा पाठ आरती और आराधना पहले की तरह सुचारू रूप से संचालित रहेगी.

कोरोना को रोकने के लिए सरकार की गाइडलाइन की पालना में निर्णय लिया गया है. पहले नवरात्र को सुबह 6:10 बजे घट स्थापना की जाएगी. निशा पूजन 19 अप्रैल सोमवार को रात्रि 10:00 बजे होगी. 20 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 22 अप्रैल दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. दर्शनार्थियों के लिए 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में दर्शन बंद रहेंगे.

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बता दें कि हर साल नवरात्रों के दौरान शिला माता मंदिर में दूर-दूर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे. माता के दर्शन पाने के लिए अलसुबह से ही भक्तों की लाइने लगी नजर आती थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. जिससे भक्तों में भी मायूसी उसी देखी जा रही है.

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