जयपुर. मां शक्ति की आराधना के शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू हो गए हैं. इस कड़ी में घर-घर में घटस्थापना की गई. आमेर शिला माता मंदिर में सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ घट स्थापना की गई. मंदिर में कोरोना संकट के चलते भक्तों का प्रवेश बंद किया गया है. ऐसे में केवल पुजारी ही घट स्थापना कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
बता दें कि 500 साल में पहली बार शिला माता मंदिर नवरात्र में आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा. इसके साथ ही आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला भी नहीं भरेगा. हालांकि पुजारियों द्वारा घटस्थापना के बाद पूरे 9 दिन तक विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गा की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी.
शनिवार को पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चतुर्थ नवरात्र को कुष्मांडा माता, पांचवें नवरात्र को स्कंडा माता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें और आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.
नवरात्र में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्र में पूर्व राजपरिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है.
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शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि आज से शारदीय नवरात्र का आगाज हुआ है. सुबह 7:05 बजे से घट स्थापना कर पूजा-अर्चना आरंभ की गई है. इसके बाद पूरे दिन भर दुर्गा सप्तशती के पाठ और हवन होगा. दर्शनार्थियों के लिए मंदिर 31 अक्टूबर तक बंद रहेगा. पुजारी ने लोगों से अपील की है कि लोग घर से ही माता की पूजा अर्चना करें.