जयपुर. नौकरशाहों के काम नहीं करने की प्रवृत्ति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है. उन्होंने अच्छा खासा वेतन लेकर भी काम नहीं करने वाले नकारा अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का सिस्टम विकसित करने की बात कही.
हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में शुक्रवार को आवासीय योजनाओं की लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स विभाग के नकारा अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर बैठाया है. ऐसे में क्यों ना प्रदेश में भी ऐसा ही सिस्टम हो. अयोग्य और नकारा अफसरों की सरकारी सिस्टम में मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए गहलोत ने कहा कि गधे और घोड़े एक समान क्यों होने चाहिए. इनमें भेद होना चाहिए. जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के समय भी ये महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है.
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वहीं, सरकार चाहे तो ऐसे अफसरों का समय भी बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग रिश्वत देते हैं. एक बार नौकरी लगते ही जिंदगी भर आराम करने की सोचते हैं. ऐसे में अब यह धारणा खत्म होनी चाहिए.
इस दौरान सीएम प्रमोशन के लिए आने वाली फाइल के मामले पर भी खुलकर बोले. उन्होंने कहा कि प्रमोशन के लिए फाइल आती है और कहा जाता है कि अफसर की एसीआर अच्छी है. उन्होंने कहा कि एसीआर मैं भी बिगाड़ना नहीं चाहता, लेकिन कोई तरीका निकालना चाहिए, कमेटी बनानी चाहिए, जिससे निकम्मे अफसरों को लगे कि उनकी नौकरी भी जा सकती है.