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CM गहलोत ने काम नहीं करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए दी ये चेतावनी

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Published : Dec 21, 2019, 5:27 AM IST

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सिस्टम शुरू करने की चेतावनी दी है. वहीं, सीएम ने अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन देने और एक दो लाख रुपए तनख्वाह लेकर भी काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सिस्टम डेवलप करने की तरफ संकेत दिया है.

government employee , जयपुर की खबर
जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर. नौकरशाहों के काम नहीं करने की प्रवृत्ति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है. उन्होंने अच्छा खासा वेतन लेकर भी काम नहीं करने वाले नकारा अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का सिस्टम विकसित करने की बात कही.

हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में शुक्रवार को आवासीय योजनाओं की लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स विभाग के नकारा अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर बैठाया है. ऐसे में क्यों ना प्रदेश में भी ऐसा ही सिस्टम हो. अयोग्य और नकारा अफसरों की सरकारी सिस्टम में मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए गहलोत ने कहा कि गधे और घोड़े एक समान क्यों होने चाहिए. इनमें भेद होना चाहिए. जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के समय भी ये महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 1 साल पर बोले मास्टर भंवरलाल, कहा- सरकार के काम से जनता खुश

वहीं, सरकार चाहे तो ऐसे अफसरों का समय भी बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग रिश्वत देते हैं. एक बार नौकरी लगते ही जिंदगी भर आराम करने की सोचते हैं. ऐसे में अब यह धारणा खत्म होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सिस्टम शुरू करने की दी चेतावनी

इस दौरान सीएम प्रमोशन के लिए आने वाली फाइल के मामले पर भी खुलकर बोले. उन्होंने कहा कि प्रमोशन के लिए फाइल आती है और कहा जाता है कि अफसर की एसीआर अच्छी है. उन्होंने कहा कि एसीआर मैं भी बिगाड़ना नहीं चाहता, लेकिन कोई तरीका निकालना चाहिए, कमेटी बनानी चाहिए, जिससे निकम्मे अफसरों को लगे कि उनकी नौकरी भी जा सकती है.

जयपुर. नौकरशाहों के काम नहीं करने की प्रवृत्ति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है. उन्होंने अच्छा खासा वेतन लेकर भी काम नहीं करने वाले नकारा अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का सिस्टम विकसित करने की बात कही.

हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में शुक्रवार को आवासीय योजनाओं की लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स विभाग के नकारा अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर बैठाया है. ऐसे में क्यों ना प्रदेश में भी ऐसा ही सिस्टम हो. अयोग्य और नकारा अफसरों की सरकारी सिस्टम में मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए गहलोत ने कहा कि गधे और घोड़े एक समान क्यों होने चाहिए. इनमें भेद होना चाहिए. जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के समय भी ये महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 1 साल पर बोले मास्टर भंवरलाल, कहा- सरकार के काम से जनता खुश

वहीं, सरकार चाहे तो ऐसे अफसरों का समय भी बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग रिश्वत देते हैं. एक बार नौकरी लगते ही जिंदगी भर आराम करने की सोचते हैं. ऐसे में अब यह धारणा खत्म होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सिस्टम शुरू करने की दी चेतावनी

इस दौरान सीएम प्रमोशन के लिए आने वाली फाइल के मामले पर भी खुलकर बोले. उन्होंने कहा कि प्रमोशन के लिए फाइल आती है और कहा जाता है कि अफसर की एसीआर अच्छी है. उन्होंने कहा कि एसीआर मैं भी बिगाड़ना नहीं चाहता, लेकिन कोई तरीका निकालना चाहिए, कमेटी बनानी चाहिए, जिससे निकम्मे अफसरों को लगे कि उनकी नौकरी भी जा सकती है.

Intro:जयपुर - काम नहीं करने वाले सरकारी नौकरशाहों की अब खैर नहीं। गहलोत ने प्रदेश में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सिस्टम शुरू करने की चेतावनी दी है। सीएम ने अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहन देने, और एक दो लाख रुपए तनख्वाह लेकर भी काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सिस्टम डेवलप करने की तरफ संकेत किया है।


Body:नौकरशाहों के काम नहीं करने की प्रवृत्ति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है। उन्होंने अच्छा खासा वेतन लेकर भी काम नहीं करने वाले नकारा अधिकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का सिस्टम विकसित करने की बात कही। हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में शुक्रवार को आवासीय योजनाओं की लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स विभाग के नकारा अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर घर बैठाया है। तो क्यों ना प्रदेश में भी ऐसा ही सिस्टम हो।

अयोग्य और नकारा अफसरों की सरकारी सिस्टम में मौजूदगी पर सवाल खड़े करते हुए गहलोत ने कहा कि गधे और घोड़े एक समान क्यों होने चाहिए। इनमें भेद होना चाहिए। जो अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं, तो उन्हें सेवानिवृत्ति के समय भी ये महसूस होना चाहिए कि सरकार के उनके साथ खड़ी है। सरकार चाहे तो ऐसे अफसरों का समय भी बढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग रिश्वत देते हैं, एक बार नौकरी लगते ही जिंदगी भर आराम करने की सोचते हैं। ऐसे में अब ये धारणा खत्म होनी चाहिए।

इस दौरान सीएम प्रमोशन के लिए आने वाली फाइल के मामले पर भी खुलकर बोलें। उन्होंने कहा कि प्रमोशन के लिए फाइल आती है। कहा जाता है कि अफसर की एसीआर अच्छी है। उन्होंने कहा कि एसीआर मैं भी बिगाड़ना नहीं चाहता, लेकिन कोई तरीका निकालना चाहिए, कमेटी बनानी चाहिए। ताकि निकम्मे अफसरों को लगे कि उनकी नौकरी भी जा सकती है।
बाईट - अशोक गहलोत, सीएम


Conclusion:सीएम नौकरशाहों पर तकरीबन 5 मिनट तक बोले। हालांकि इस बीच उन्होंने हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा की जमकर तारीफ भी की। साथ ही ऐसे अधिकारियों को प्रोत्साहन दिए जाने की भी बात कही।
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