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गांधीवादी चिंतकों, विचारकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से राजस्थान को गांधीमय बनाएंगे : गहलोत - will make rajasthan gandhi

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनकी 150वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रमों को एक साल और बढ़ाकर 2 अक्टूबर, 2021 तक जारी रखने का निर्णय लिया है. साथ ही, ग्राम स्तर पर साक्षरता मिशन के तहत शुरू किए गए महात्मा गांधी वाचनालयों और पुस्तकालयों को फिर से खोलने और इनमें गांधीजी से जुड़ा साहित्य उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है.

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स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएं
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Published : Jul 5, 2020, 3:29 AM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महात्मा गांधी के 150वीं जयन्ती वर्ष के आयोजनों के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में घोषणा की. उन्होंने कहा कि हम गांधीवादी चिन्तकों, विचारकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही आमजन के सहयोग से राजस्थान प्रदेश को गांधीमय बनाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की जाएगी, जो फुल-टाइम यह कार्य कर सकेगी.

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स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएं

स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी अपने आप में एक बड़ा विषय है और आज के समय में उनके विचारों की प्रसांगिकता अधिक बढ़ गई है. गांधीजी के विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता है. हम प्रयास करेंगे कि नई पीढ़ी को बचपन से ही गांधी दर्शन के बारे में जानकारी मिले और वे इससे प्रेरणा ले सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में गांधीवादी विचारकों और विशेषज्ञों की विशेष कक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी.

शान्ति व अहिंसा प्रकोष्ठ बनेगा विभाग

गहलोत ने कहा कि गांधीजी के सत्य, अहिंसा और शान्ति के सिद्धान्तों को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में समाहित करने एवं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ का गठन किया है. राजस्थान देश में एकमात्र राज्य है, जिसने इस तरह का प्रकोष्ठ स्थापित किया है. हम इसे और मजबूत बनाने के लिए प्रकोष्ठ को राज्य सरकार के एक विभाग के रूप में स्थापित करेंगे.

सोशल मीडिया से जन-जन तक पहुंचाएंगे गांधीजी के विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया और सूचना तकनीक का बहुत महत्व है. ऐसे में गांधीजी के विचारों को किताबों के साथ-साथ सोशल मीडिया माध्यमों से सुगमता पूर्वक प्रसारित किया जाए. उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन, उनकी जीवनी और वाड्ःमय को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाए.

स्व. राजीव गांधी के 75वें जयन्ती वर्ष के कार्यक्रम भी एक और साल तक होंगे

गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी देश को 21वीं सदी में ले जाने का सपना रखते थे. उनके प्रयासों से आज देश सूचना क्रान्ति के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी बन चुका है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने पंचायती राज एवं स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण तथा युवाओं को वोट का अधिकार के लिए संविधान संशोधन और कम्प्यूटर क्रांति जैसे दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय लागू किए. देश के विकास में उनके योगदान को याद करने और नई पीढ़ी को उनके विचारों और विजन के बारे में अवगत कराने के लिए प्रदेश में उनके 75वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रम भी एक और साल तक जारी रहेंगे.

यह भी पढ़ेंः Big News: प्रदेश में नहीं होंगे UG और PG के Exams, सीधे प्रमोट किए जाएंगे छात्र

कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी के 150वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रमों को कोरोना महामारी के बावजूद सूचना तकनीक माध्यमों का उपयोग कर जारी रखा गया. आगे भी विभिन्न संस्थाओं और विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर इन कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से आयोजित किया जाता रहेगा. शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को गांधी साहित्य उपलब्ध कराया गया है तथा पहली गांधी विचार संस्कार परीक्षा आयोजित कराई गई है. इस विषय में दूसरी परीक्षा जल्द आयोजित की जाएगी. उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता आंदोलन के बाद का स्वर्णिम भारत पुस्तकें लागू की गई हैं, जिनमें विद्यार्थियों को गांधीजी के साथ-साथ अन्य महापुरुषों के योगदान के बारे में पढ़ाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा कोविड-19

प्रमुख गांधीवादी चिन्तक एवं विचारक एस.एन. सुब्बाराव ने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को आत्मसात कर हम नशा मुक्त, बेईमानी मुक्त, हिंसा मुक्त और बेकारी मुक्त भारत की ओर आगे बढ़े. उन्होंने इस दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि गांधीजी के सिद्धान्तों के अनुरूप भारत को बदलने की मुहिम राजस्थान से प्रारंभ हो. बैठक में गांधीवादी विचारकों कुमार प्रशान्त और पी.पी. राजगोपाल, स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी सहित प्रदेश की विभिन्न जिला गांधी दर्शन समितियों के पदाधिकारियों एवं गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने विचार व्यक्त किए.

कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की शासन सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने गांधीजी के 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में अब तक प्रदेश में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी और आगामी कार्यक्रमों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया. बैठक के अन्त में ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागी द्वारा बनाया गया एक चित्र मुख्यमंत्री को भेंट किया गया.

यह भी पढ़ेंः जयपुर के चिकित्सकों ने होम्योपैथी की 3 दवाओं से किया कोरोना के इलाज का दावा

बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्य मंत्रीपरिषद के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा, शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गायत्री राठौड़, शासन सचिव गोपालन राजेश शर्मा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा मंजू राजपाल, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी तथा शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक एस.एस. बिस्सा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. सीएम गहलोत ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महात्मा गांधी के 150वीं जयन्ती वर्ष के आयोजनों के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में घोषणा की. उन्होंने कहा कि हम गांधीवादी चिन्तकों, विचारकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही आमजन के सहयोग से राजस्थान प्रदेश को गांधीमय बनाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की जाएगी, जो फुल-टाइम यह कार्य कर सकेगी.

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स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएं

स्कूलों में होंगी गांधावादी विचारकों की विशेष कक्षाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी अपने आप में एक बड़ा विषय है और आज के समय में उनके विचारों की प्रसांगिकता अधिक बढ़ गई है. गांधीजी के विचार लोगों तक पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता है. हम प्रयास करेंगे कि नई पीढ़ी को बचपन से ही गांधी दर्शन के बारे में जानकारी मिले और वे इससे प्रेरणा ले सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में गांधीवादी विचारकों और विशेषज्ञों की विशेष कक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी.

शान्ति व अहिंसा प्रकोष्ठ बनेगा विभाग

गहलोत ने कहा कि गांधीजी के सत्य, अहिंसा और शान्ति के सिद्धान्तों को राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में समाहित करने एवं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ का गठन किया है. राजस्थान देश में एकमात्र राज्य है, जिसने इस तरह का प्रकोष्ठ स्थापित किया है. हम इसे और मजबूत बनाने के लिए प्रकोष्ठ को राज्य सरकार के एक विभाग के रूप में स्थापित करेंगे.

सोशल मीडिया से जन-जन तक पहुंचाएंगे गांधीजी के विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया और सूचना तकनीक का बहुत महत्व है. ऐसे में गांधीजी के विचारों को किताबों के साथ-साथ सोशल मीडिया माध्यमों से सुगमता पूर्वक प्रसारित किया जाए. उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन, उनकी जीवनी और वाड्ःमय को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाए.

स्व. राजीव गांधी के 75वें जयन्ती वर्ष के कार्यक्रम भी एक और साल तक होंगे

गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी देश को 21वीं सदी में ले जाने का सपना रखते थे. उनके प्रयासों से आज देश सूचना क्रान्ति के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी बन चुका है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने पंचायती राज एवं स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण तथा युवाओं को वोट का अधिकार के लिए संविधान संशोधन और कम्प्यूटर क्रांति जैसे दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय लागू किए. देश के विकास में उनके योगदान को याद करने और नई पीढ़ी को उनके विचारों और विजन के बारे में अवगत कराने के लिए प्रदेश में उनके 75वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रम भी एक और साल तक जारी रहेंगे.

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कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी के 150वीं जयन्ती वर्ष के कार्यक्रमों को कोरोना महामारी के बावजूद सूचना तकनीक माध्यमों का उपयोग कर जारी रखा गया. आगे भी विभिन्न संस्थाओं और विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर इन कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से आयोजित किया जाता रहेगा. शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को गांधी साहित्य उपलब्ध कराया गया है तथा पहली गांधी विचार संस्कार परीक्षा आयोजित कराई गई है. इस विषय में दूसरी परीक्षा जल्द आयोजित की जाएगी. उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता आंदोलन के बाद का स्वर्णिम भारत पुस्तकें लागू की गई हैं, जिनमें विद्यार्थियों को गांधीजी के साथ-साथ अन्य महापुरुषों के योगदान के बारे में पढ़ाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा कोविड-19

प्रमुख गांधीवादी चिन्तक एवं विचारक एस.एन. सुब्बाराव ने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को आत्मसात कर हम नशा मुक्त, बेईमानी मुक्त, हिंसा मुक्त और बेकारी मुक्त भारत की ओर आगे बढ़े. उन्होंने इस दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि गांधीजी के सिद्धान्तों के अनुरूप भारत को बदलने की मुहिम राजस्थान से प्रारंभ हो. बैठक में गांधीवादी विचारकों कुमार प्रशान्त और पी.पी. राजगोपाल, स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी सहित प्रदेश की विभिन्न जिला गांधी दर्शन समितियों के पदाधिकारियों एवं गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने विचार व्यक्त किए.

कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की शासन सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने गांधीजी के 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में अब तक प्रदेश में आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी और आगामी कार्यक्रमों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया. बैठक के अन्त में ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागी द्वारा बनाया गया एक चित्र मुख्यमंत्री को भेंट किया गया.

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बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्य मंत्रीपरिषद के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव उद्योग नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा, शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गायत्री राठौड़, शासन सचिव गोपालन राजेश शर्मा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा मंजू राजपाल, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी तथा शान्ति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक एस.एस. बिस्सा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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