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ग्राम पंचायत स्तर पर युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग देगी गहलोत सरकार, भिखारियों को भी मुख्यधारा से जोड़ने की पहल

प्रदेश की गहलोत सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल में रोजगार को लेकर युवाओं के निशाने पर रही है. ऐसे में अब इन बेरोजगारों को साधने की कवायद प्रदेश की गहलोत सरकार ने शुरू कर दिया है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी वर्षों में ग्रामीण स्तर पर प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और फिटर की बढ़ती मांग देखते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देगी.

सीएम अशोक गहलोत, Rajasthan Politics
सीएम अशोक गहलोत
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Published : Jul 5, 2021, 8:06 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के माध्यम से अधिक से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और फिटर जैसे कोर्स में प्रशिक्षित दिए जाने के निर्दश दिए, ताकि हर गांव में प्रशिक्षित कारीगर उपलब्ध हो सकें. साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र की आवश्यकता हो तो उसके लिए भी तैयार करने के निर्देश दिए.

सीएम गहलोत ने RSLDC की ली बैठक

गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आरएसएलडीसी की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य तय कर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए. साथ ही, उन्होंने बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्विति और पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए.

'प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट सुनिश्चित कराया जाए'

उन्होंने कहा कि निगम की ओर से चुनी गई ट्रेनिंग पार्टनर फर्म एमओयू की शर्तों के मुताबिक निर्धारित संख्या में प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराए, यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के लिए तय की गई शर्तों के अनुसार उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के बारे में पूरी छान-बीन कर ट्रेनिंग पार्टनर फर्म का चयन किया जाए.

यह भी पढ़ेंः राम मंदिर के चंदे और बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर भड़के राठौड़, कहा-बचकाने बयान देते हैं डोटासरा

भिखारियों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण

शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम गहलोत ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन और भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना की सराहना करते हुए इसे हर जिले में लागू करने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि इससे भिक्षावृत्ति उन्मूलन में काफी सफलता मिलेगी. योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि भिक्षावृत्ति में शामिल अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

'भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्य धारा में लाएं'

स्किल ट्रेनिंग के बाद रोजगार हासिल करने वाले भिखारियों की सेवाएं अन्य भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की तरह ली जाएं. सीएम गहलोत ने भिखारियों के पुनर्वास और उनके प्रशिक्षण के लिए आरएसएलडीसी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ेंः डोटासरा के आरोपों पर भड़के कटारिया, कहा- शिक्षा विभाग को खंगालेंगे तो भ्रष्टाचार के कई पुलिंदे निकलेंगे

4 महीने में 39,193 युवाओं और 100 भिखारी प्रशिक्षित

आरएसएलडीसी के चेयरमैन नीरज के. पवन ने बताया कि भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना में 100 भिखारियों को प्रशिक्षित किया गया, उनमें से 40 को अक्षय पात्र संस्था में रोजगार मिल चुका है. जल जीवन मिशन के अंतर्गत 39,193 युवाओं को प्लंबिंग, फिटिंग और इलेक्ट्रीशियन का 4 माह का अल्प अवधि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

'राज्य पोषित योजनाओं को पुनर्गठित कर किया गया लॉन्च'

युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए आरएसएलडीसी की ओर से उद्योग, उद्योग संघों, विश्वविद्यालयों और सेक्टर स्किल काउंसिलों की सूची तैयार की जा रही है. राज्य पोषित योजनाओं को पुनर्गठित कर उन्हें फिर से लॉन्च किया गया है. राज क्विक, सक्षम और समर्थ योजनाओं के तहत हजारों युवाओं को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग दी गई है.

जयपुर. सीएम गहलोत ने राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के माध्यम से अधिक से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और फिटर जैसे कोर्स में प्रशिक्षित दिए जाने के निर्दश दिए, ताकि हर गांव में प्रशिक्षित कारीगर उपलब्ध हो सकें. साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र की आवश्यकता हो तो उसके लिए भी तैयार करने के निर्देश दिए.

सीएम गहलोत ने RSLDC की ली बैठक

गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आरएसएलडीसी की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य तय कर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए. साथ ही, उन्होंने बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्विति और पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए.

'प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट सुनिश्चित कराया जाए'

उन्होंने कहा कि निगम की ओर से चुनी गई ट्रेनिंग पार्टनर फर्म एमओयू की शर्तों के मुताबिक निर्धारित संख्या में प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराए, यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के लिए तय की गई शर्तों के अनुसार उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के बारे में पूरी छान-बीन कर ट्रेनिंग पार्टनर फर्म का चयन किया जाए.

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भिखारियों को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण

शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम गहलोत ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन और भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना की सराहना करते हुए इसे हर जिले में लागू करने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि इससे भिक्षावृत्ति उन्मूलन में काफी सफलता मिलेगी. योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि भिक्षावृत्ति में शामिल अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

'भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्य धारा में लाएं'

स्किल ट्रेनिंग के बाद रोजगार हासिल करने वाले भिखारियों की सेवाएं अन्य भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की तरह ली जाएं. सीएम गहलोत ने भिखारियों के पुनर्वास और उनके प्रशिक्षण के लिए आरएसएलडीसी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए.

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4 महीने में 39,193 युवाओं और 100 भिखारी प्रशिक्षित

आरएसएलडीसी के चेयरमैन नीरज के. पवन ने बताया कि भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना में 100 भिखारियों को प्रशिक्षित किया गया, उनमें से 40 को अक्षय पात्र संस्था में रोजगार मिल चुका है. जल जीवन मिशन के अंतर्गत 39,193 युवाओं को प्लंबिंग, फिटिंग और इलेक्ट्रीशियन का 4 माह का अल्प अवधि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

'राज्य पोषित योजनाओं को पुनर्गठित कर किया गया लॉन्च'

युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए आरएसएलडीसी की ओर से उद्योग, उद्योग संघों, विश्वविद्यालयों और सेक्टर स्किल काउंसिलों की सूची तैयार की जा रही है. राज्य पोषित योजनाओं को पुनर्गठित कर उन्हें फिर से लॉन्च किया गया है. राज क्विक, सक्षम और समर्थ योजनाओं के तहत हजारों युवाओं को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग दी गई है.

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