जयपुर. उत्तर प्रदेश से शुक्रवार को कुछ बसें राजस्थान आई है. ये बसें कोटा में पढ़ रहे यूपी के छात्रों को लेकर उत्तर प्रदेश जाएगी. बता दें कि ये बसें यूपी सरकार की है, लेकिन जिस तरह से राजस्थान सरकार ने इसे इजाजत दी है, उससे साफ दिखता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह नहीं चाहते हैं कि उनके प्रदेश में कोई छात्र फंसा रह जाए. साथ ही जो राजस्थानी दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उन्हें निकालने के लिए भी प्रयास जारी है.
इस मामले को लेकर राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा, कि जो प्रवासी मजदूर या अन्य वर्ग राजस्थान के बाहर फंसा हुआ है उनकी हम निरंतर पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वे प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत भी इसे लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं और जल्द ही इस पर फैसला भी हो जाएगा.
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'राजस्थान के लोग दो श्रेणियों में फंसे हुए हैं'
मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान के लोग दो श्रेणियों में फंसे हुए हैं. एक श्रेणी में वे लोग हैं जो अपने कार्यस्थल पर ही रुके हुए हैं. तो दूसरे वह लोग हैं जो अपने कार्यस्थल से तो निकल गए लेकिन अपने घरों तक नहीं पहुंच पाए और इससे पहले ही वह दूसरे राज्यों में 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर लिए गए. ऐसे लोगों को निकालने के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयासरत हैं.
'सीएम गहलोत यह पहले से चाहते थे'
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले से चाहते थे कि जो छात्र प्रदेश में फंसे हुए हैं और जाना चाहते हैं उन्हें जाने दिया जाए. इसी का नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश से राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे छात्रों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भेजी हुई बसों से भेजा जा रहा है.
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साथ ही मंत्री हरीश चौधरी ने यह भी कहा कि राजस्थान के प्रवासी मजदूरों और अन्य वर्ग के लोगों को जल्द ही राजस्थान सरकार निकालने का काम करेगी. जिस तरीके से राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काम कर रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि यह फैसला आगामी कुछ दिनों में ना होकर कुछ घंटों में ही ले लिया जाएगा.