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अब नहीं चलेगी बहानेबाजी, यह पोर्टल जनप्रतिनिधियों के पत्रों की करेगा मॉनिटरिंग - Public Representative Letters Assessment

गहलोत सरकार ने जनप्रतिनिधियों के पत्रों की मॉनिटरिंग के लिए PRLA (Public Representative Letters Assessment) पोर्टल की शुरुआत करने जा रहा है. इसके बाद अधिकारी फाइल गुम होने का बहाना (PRLA Portal in Rajasthan) नहीं दे सकेंगे. सरकार ने अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऐसा पोर्टल तैयार किया है.

Gehlot government to launch prla portal
अब नहीं चलेगी बहानेबाजी
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Published : Apr 16, 2022, 11:20 AM IST

जयपुर. अब न फाइल गुम होने का बहाना चलेगा न ही फाइल को (PRLA Portal in Rajasthan) कचरे में डाला जा सकेगा. जनप्रतिनिधि की शिकायत पत्र पर कर्मचारी और अधिकारी की जवाबदेही (Gehlot government to launch PRLA Portal) तय करने के लिए राजस्थान में पीआरएलए पोर्टल तैयार किया जा रहा है. गहलोत सरकार ने जनप्रतिनिधियों के पत्रों की मॉनिटरिंग के लिए PRLA PORTAL तैयार किया है. जिससे सरपंच से लेकर एमपी, एमएलए के पत्रों पर अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

PRLA PORTAL क्या है: जनप्रतिनिधि ने अपनी समस्या को लेकर सरकार या किसी विभाग को पत्र भेजा उस (PRLA Portal to monitor letters of public representatives) पर काम हुआ या नहीं. इसकी पूरी मॉनिटरिंग के लिए राजस्थान सरकार ने PRLA यानि पब्लिक रिप्रजेंटेटिव लैटर्स एसेसमेंट पोर्टल लॉन्च करने की तैयार कर रही है. पोर्टल तो तैयार हो गया लेकिन इसमें और कुछ सुझावों को शामिल किया जा रहा है जिस पर प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से काम किया जा रहा है.

PRLA PORTAL की आवश्यकता क्यों: आम आदमी अपनी किसी भी तरह की समस्या को लेकर जन प्रतिनिधि के पास जाता है, जनप्रतिनिधि उस समस्या के समाधान को लेकर संबंधित को पत्र भेजता है. लेकिन कई बार समस्या का समाधान नहीं होने पर फीड बैक में अधिकारी या कर्मचारी फाइल गुम होने का बहाना करते हैं. कई बार शिकायत आती है कि कर्मचारी फाइल की गंभीरता को समझे बगैर उसे कचरे में फेंक देते हैं. ताकि पीड़ित कुछ जानकारी चाहें तो फाइल गुम होने का बहाना कर सकें. इसी तरह की शिकायतों के बीच सरकार ने PRLA PORTAL तैयार करने का निर्णय लिया, ताकि शिकायतों की मोनेटरिंग हो सके और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो सके.

पढ़ें-वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुखद खबर: प्रदेश में जल्द शुरू होगी राजस्थान वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना, मंत्री शकुंतला रावत ने की तैयारियों समीक्षा

ये मिलेगी राहत: PRLA PORTAL लॉन्च होने के बाद जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का निवारण सुनिश्चित हो सकेगा. अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ये खास पोर्टल सरकार की ओर से तैयार किया गया है. पोर्टल के जरिए जनप्रतिनिधि अपने पत्र की ट्रैकिंग कर सकेंगे. यदि अधिकारी पोर्टल लॉगिन नहीं करते हैं तो उसकी भी रिपोर्ट कलेक्टर के पास पहुंचेगी. जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर निश्चित समय पर कार्रवाई नहीं होने पर, नोडल अधिकारी को रिमाइंड करने की सुविधा भी इस पोर्टल में है.

जवाबदेही सुनिश्चित होगी: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातर कहते रहे हैं कि सरकार पारदर्शी और जवाबदेही शासन के दिशा में काम कर रही है. PRLA PORTAL इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इस पोर्टल पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जनप्रतिनिधि के पत्रों पर की गई रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकेंगे. पत्रों के निस्तार की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. जिसके बाद 7 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर रिमांइड भी करवाया जाएगा.

सरकार ने गांव ढाणी में बैठे व्यक्ति को राहत देने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू की है. PRLA PORTAL पर सरपंच से लेकर विधायक और सांसद तक के पत्र अपलोड होंगे. इन पत्रों की विभागवार ट्रैकिंग होगी. समस्याओं का पाबंद होकर पारदर्शिता के साथ समाधान किया जाएगा.

जयपुर. अब न फाइल गुम होने का बहाना चलेगा न ही फाइल को (PRLA Portal in Rajasthan) कचरे में डाला जा सकेगा. जनप्रतिनिधि की शिकायत पत्र पर कर्मचारी और अधिकारी की जवाबदेही (Gehlot government to launch PRLA Portal) तय करने के लिए राजस्थान में पीआरएलए पोर्टल तैयार किया जा रहा है. गहलोत सरकार ने जनप्रतिनिधियों के पत्रों की मॉनिटरिंग के लिए PRLA PORTAL तैयार किया है. जिससे सरपंच से लेकर एमपी, एमएलए के पत्रों पर अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

PRLA PORTAL क्या है: जनप्रतिनिधि ने अपनी समस्या को लेकर सरकार या किसी विभाग को पत्र भेजा उस (PRLA Portal to monitor letters of public representatives) पर काम हुआ या नहीं. इसकी पूरी मॉनिटरिंग के लिए राजस्थान सरकार ने PRLA यानि पब्लिक रिप्रजेंटेटिव लैटर्स एसेसमेंट पोर्टल लॉन्च करने की तैयार कर रही है. पोर्टल तो तैयार हो गया लेकिन इसमें और कुछ सुझावों को शामिल किया जा रहा है जिस पर प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से काम किया जा रहा है.

PRLA PORTAL की आवश्यकता क्यों: आम आदमी अपनी किसी भी तरह की समस्या को लेकर जन प्रतिनिधि के पास जाता है, जनप्रतिनिधि उस समस्या के समाधान को लेकर संबंधित को पत्र भेजता है. लेकिन कई बार समस्या का समाधान नहीं होने पर फीड बैक में अधिकारी या कर्मचारी फाइल गुम होने का बहाना करते हैं. कई बार शिकायत आती है कि कर्मचारी फाइल की गंभीरता को समझे बगैर उसे कचरे में फेंक देते हैं. ताकि पीड़ित कुछ जानकारी चाहें तो फाइल गुम होने का बहाना कर सकें. इसी तरह की शिकायतों के बीच सरकार ने PRLA PORTAL तैयार करने का निर्णय लिया, ताकि शिकायतों की मोनेटरिंग हो सके और कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो सके.

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ये मिलेगी राहत: PRLA PORTAL लॉन्च होने के बाद जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का निवारण सुनिश्चित हो सकेगा. अधिकारी और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ये खास पोर्टल सरकार की ओर से तैयार किया गया है. पोर्टल के जरिए जनप्रतिनिधि अपने पत्र की ट्रैकिंग कर सकेंगे. यदि अधिकारी पोर्टल लॉगिन नहीं करते हैं तो उसकी भी रिपोर्ट कलेक्टर के पास पहुंचेगी. जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर निश्चित समय पर कार्रवाई नहीं होने पर, नोडल अधिकारी को रिमाइंड करने की सुविधा भी इस पोर्टल में है.

जवाबदेही सुनिश्चित होगी: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातर कहते रहे हैं कि सरकार पारदर्शी और जवाबदेही शासन के दिशा में काम कर रही है. PRLA PORTAL इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इस पोर्टल पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जनप्रतिनिधि के पत्रों पर की गई रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकेंगे. पत्रों के निस्तार की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. जिसके बाद 7 दिन के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर रिमांइड भी करवाया जाएगा.

सरकार ने गांव ढाणी में बैठे व्यक्ति को राहत देने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू की है. PRLA PORTAL पर सरपंच से लेकर विधायक और सांसद तक के पत्र अपलोड होंगे. इन पत्रों की विभागवार ट्रैकिंग होगी. समस्याओं का पाबंद होकर पारदर्शिता के साथ समाधान किया जाएगा.

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