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Demand for closure of schools in villages: ग्रामीण इलाकों में भी स्कूल बंद करने के आदेश जारी करे सरकार- संयुक्त अभिभावक संघ - राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में स्कूल बंद करने की मांग

कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बाद शहरी इलाकों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्कूलें अभी भी खुल रही हैं. अब संयुक्त अभिभावक संघ ने गांवों में भी स्कूल बंद करने की मांग (Demand for closure of schools in villages) की है.

Demand for closure of schools in villages
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Published : Jan 11, 2022, 6:04 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बाद शहरी इलाकों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं. लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्कूलें अभी भी खुल रही हैं. अब संयुक्त अभिभावक संघ ने गांवों में भी स्कूल बंद करने की मांग (Demand for closure of schools in villages) की है.

अभिभावक संघ का कहना है कि नगर निगम और परिषद क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कई नामचीन स्कूल इसी का फायदा उठाकर अभिभावकों और छात्र-छात्राओं की जान जोखिम में डाल रहे हैं. इन स्कूलों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्र ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं.

Demand for closure of schools in villages

पढ़ें- BD Kalla In Jaipur: राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल देगा दिव्यांगों को उपकरण और खिलाड़ियों को खेल सामग्री : बीडी कल्ला

संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि इन स्कूलों की ओर से बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में गहलोत सरकार को चाहिए कि जनता को गाइडलाइन की पालना की नसीहत देने के बजाए प्रशासन को भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए जाए. लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाने की बजाय उनकी मान्यता रद्द की जाए.

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि मंत्री भले ही गांवों में कोरोना काबू में होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में आमजन जागरूक है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का गहरा अभाव है. ऐसे में गांवों और शहरों में एक समान पाबंदिया लागू करनी चाहिए. बता दें कि शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने आज सुबह कहा था कि गांवों में स्कूल बंद करने का फैसला जिला कलेक्टर लेंगे.

जयपुर. कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बाद शहरी इलाकों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं. लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्कूलें अभी भी खुल रही हैं. अब संयुक्त अभिभावक संघ ने गांवों में भी स्कूल बंद करने की मांग (Demand for closure of schools in villages) की है.

अभिभावक संघ का कहना है कि नगर निगम और परिषद क्षेत्र से सटे ग्राम पंचायत क्षेत्रों में कई नामचीन स्कूल इसी का फायदा उठाकर अभिभावकों और छात्र-छात्राओं की जान जोखिम में डाल रहे हैं. इन स्कूलों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्र ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं.

Demand for closure of schools in villages

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संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन ने कहा कि इन स्कूलों की ओर से बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में गहलोत सरकार को चाहिए कि जनता को गाइडलाइन की पालना की नसीहत देने के बजाए प्रशासन को भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए जाए. लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाने की बजाय उनकी मान्यता रद्द की जाए.

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि मंत्री भले ही गांवों में कोरोना काबू में होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में आमजन जागरूक है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का गहरा अभाव है. ऐसे में गांवों और शहरों में एक समान पाबंदिया लागू करनी चाहिए. बता दें कि शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने आज सुबह कहा था कि गांवों में स्कूल बंद करने का फैसला जिला कलेक्टर लेंगे.

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